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स्ंविदा स्वास्थ्य कर्मियो ने ताली बजाकर वापस किया सम्मान, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी

स्ंविदा स्वास्थ्य कर्मियो ने ताली बजाकर वापस किया सम्मान, अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी 


मंडला। गोंडवाना समय। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की अनिश्चितकालीन हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रही। अपनी दो सूत्रीय मांगो को लेकर संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी 24 मई 2021 से हड़ताल पर चले गये है। दूसरे दिन कर्मचारियो ने ताली बजाकर विगत वर्ष मिले हुए सम्मान को वापस करते हुए दोनो मांगो को पूरा कराने के लिए एकजुटता दिखाई। इस दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए ताली बजाकर विरोध दर्ज कराया गया। 

जिससे स्वयं व परिवार के भरण पोषण में मदद मिल सके

बताया गया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की मांग है कि नियमित कर्मचारियो के मुकाबले 90 फीसदी वेतन दिया जाये। जिससे स्वयं व परिवार के भरण पोषण में मदद मिल सके। बहुत कम मानदेय में कर्मचारी नियमित कर्मचारियो के समान कार्य कर रहे है। संगठन के जिलाध्यक्ष ने बताया कि 5 जून 2018 को राज्य शासन द्वारा संविदा के लिए लागू नीति को अधिकांश विभागो में लागू कर दिया गया है लेकिन संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की लगातार उपेक्षा की जा रही है। इसके साथ निष्कासित व आउटसोर्स किये गये कर्मियो को एनएचएम में वापस लिये जाने की मांग है। लंबे इंतजार के बावजूद मांग नहीं माने जाने से अब प्रदेश के 19 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अनिश्चितकालीन हडताल पर चले गये है। 

करीब 350 से अधिक संविदा कर्मचारी हडताल पर है

हडताल का व्यापक असर-संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियो की हड़ताल का जिले में व्यापक असर दिखाई दे रहा है। करीब 350 से अधिक संविदा कर्मचारी हडताल पर है। जिससे किल कोरोना, कोविड सेम्पलिंग, नियमित टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, ब्लाक से जिला स्तर तक रिपोर्टिंग के कार्य प्रभावित हो गये है। जिन सब सेंटर में सिर्फ संविदा एएनएम है उनमें सभी कार्यक्रम प्रभावित हो गये है। चिकित्सको के हडताल पर जाने से ओपीडी, कोविड आरआरटी, कोविड एमएमयू टीम काम नहीं कर रही है। ब्लाक स्तर से रिपोर्टिंग का कार्य बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। कर्मचारियो की मांग है कि तीन साल पूर्व लागू की गई नीति को क्रियान्वित करते हुए संविदा कर्मियो को लाभ दिया जाये। आज 26 मई को कर्मचारी विरोध करते हुए मास्क, सेनेटाइजर, खा़द्य सामग्री मांग पत्र के साथ आमजन और मरीजो को वितरित करेंगे। 

मंडला जिले के स्वास्थ्य कर्मचारी, बाबूओ के भ्रष्टाचार आचरण के कारण उनके आर्थिक हित से लगातार हो रहे वंचित 


उपरोक्त विषयांतर्गत कार्यालय जिला चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य अधिकारी मण्डला में पदस्थ बाबू जो लगातार जिले में सेवारत स्वास्थ्य कर्मचारियो को अपने भ्रष्ट आचरण/लापरवाही के कारण कर्मचारियो के सही समय पर इंक्रीमेंट/समयमान/एरीयर्स के वर्षो पुराने प्रकरण निराकरण नामिनेशन का आनलाईन नहीं करना/पदोन्नति हुए कर्मचारियो की सूची डीएचएस भोपाल को नहीं देना/वर्षो से भविष्य निधि में मिसिंग का सुधार कार्य नहीं करना इनकी आदत में शुमार है।

जिसका उदाहरण इस पत्र के साथ संलग्न दो पत्र जिसमें एक कर्मचारी जिनका बाबूओ के स्थापना शााखा त्रुटिपूर्ण भुूल के कारण 2014-15 से 2017 से लगातार वर्षो का वेतन वृद्धि का नहीं लगाना, कर्मचारियो द्वारा बाबू को अवैधानिक रूप से पैसा नहीं देने पर आज तक इंक्रीमेंट का एरियर्स नहीं बनाया गया जो स्पष्ट भ्रष्टाचार के कारण संबंधित कर्मचारियो को एरियर्स का लाभ नहीं दिया गया। यही नहीं 2014-15 एवं 17 तक संबंधित कर्मचारी का इंक्रीमेंट नहीं लगाने के कारण 2016 से सातवां वेतनमान के निर्धारण के समय संबंधित को पे-टेबिल फिक्सेशन सारणी के लेवल से 2 स्तर नीचे के पे टेबल पर फिक्स करने पर आज दिनांक तक आर्थिक क्षति हो रही है।

मण्डला जिले के कर्मचारियो का नाम आज तक क्यों नहीं जोडा गया

यहां बाबुओ द्वारा पदोन्नत कर्मचारियो की सूची संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें भोपाल उच्च कार्यालय को नहीं भेजी गई, जिससे कि 2014 में पदोन्नत मंडला जिले के एमपीएस की डीएचएस भोपाल की वरियता सूची में नाम नहीं जुड़ पाया है जबकि उसी सूची से पदोन्नत अन्य जिला डिंडौरी, सिवनी, बालाघाट, कटनी, नरसिंहपुर के एमपीएस कर्मचारियो का नाम डीएचएस भोपाल की वरीयता सूची में दर्ज है, फिर मण्डला जिले के कर्मचारियो का नाम आज तक क्यों नहीं जोडा गया है। स्पष्ट है बाबूओ की घोर लापरवाही। 

मिसिंग सुधार कार्य नहीं कराया गया

मंडला जिले के समस्त स्वास्थ्य कर्मचारियो के जीपीएफ मिसिंग का सुधार कार्य बाबूओ को ग्वालियर से क्लीयर करवाना था, जो 20-25 वर्षो से आज दिनांक तक मिसिंग सुधार कार्य नहीं कराया गया। यह घोर लापरवाही को दर्शाता है। कर्मचारियो के परिवार की नामिनेशन की जानकारी आनलाइन नहीं करवाना घोर लापरवाही है। जिले के कर्मचारियो को शासन के नियमानुसार निश्चित अवधि पर समयमान वेतन दिया जाता है परंतु जिले के कर्मचारियो के द्वारा बार-बार शिकायत किया जाता है कि निर्धारित अवधि होने पर भी समयमान वेतन का लाभ बाबूओ के द्वारा वेतन में नहीं जोड़ा जा रहा है। क्यो नहीं दिया जा रहा स्पष्ट है भ्रष्टाचार। 

हाईकोर्ट द्वारा चाही गई जानकारी का जवाब आज तक जिला कार्यालय से नहीं दी गई

न्यू बहुउउदेषीय स्वास्थ्य कर्मचारियो की वेतन विसंगतियो के संबंध में हाईकोर्ट द्वारा चाही गई जानकारी का जवाब आज तक जिला कार्यालय से नहीं दी गई है जिससे कर्मचारियो के वेतन के संबंध में कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। अत: मप्र स्वास्थ्य कर्मचारी संघ जिला शाखा मंडला मांग करता है कि मंडला जिले के स्वास्थ्य कर्मचारियो को बाबूओ के भ्रष्टाचार आचरण के कारण उनके आर्थिक हित से लगातार वंचित हो रहे है। उक्त कंडिकावार षिकायतो से लगातार उच्चाधिकारियो को अवगत कराया जाता रहा है। पुन:निवेदन है कि शिकायतो का ष्शीघ्र निराकरण करने की दया करें। 



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