आरक्षण रोस्टर शीघ्र तैयार करें, परीक्षा परिणाम समय पर घोषित हो-राज्यपाल
रोस्टर को अंतिम रुप दे कर नयें पदों की पूर्ति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए
भोपाल। गोंडवाना समय।
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा है कि आरक्षण रोस्टर के कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जायें। समय-सीमा निर्धारित कर सभी कार्यों को पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ रोस्टर के संबंध में चर्चा करें। समस्याओं का प्रभावी समाधान शीघ्र किया जाए। इस कार्य में आवश्यकता होने पर विधि विशेषज्ञों का भी परामर्श प्राप्त करें। रोस्टर को अंितम रुप दे कर नयें पदों की पूर्ति की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए। राज्यपाल ने शुक्रवार को राजभवन में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा श्री अनुपम राजन से चर्चा कर रहे थें।
छात्रों के भविष्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने कहा कि कोविड-19 की वैक्सीन शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के समस्त स्टॉफ को लग गई है। इसकी सुनिश्चितता की जाए। इसी तरह शासकीय और निजी विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं का वैक्सीनेशन कम से कम समय में हो जाए। इसके लिए जरुरी प्रबंध किए जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा अकादमिक कैलेण्डर के अनुसार परीक्षाओं के संचालन के साथ परीक्षा परिणामों की समय बद्धता का भी कड़ाई से पालन हो। उन्होंने कहा कि छात्रों के भविष्य के प्रति लापरवाही और उदासीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
निर्माण समय-सीमा में पूर्ण होना चाहिए,
राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल ने विश्वविद्यालयों में हो रहें निर्माण कार्यों की भी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि जो कार्य स्वीकृत किए जाए, उनका निर्माण समय-सीमा में पूर्ण होना चाहिए। भवन स्वीकृति के साथ ही निर्माण आवश्यकता के अनुसार बजट का भी प्रावधान किया जाना चाहिए। भूमि उपलब्ध नहीं होने के कारण लंबित कार्यों के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय कर उनका शीघ्र निराकरण कराया जाए।
वित्तीय प्रबंधन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो
उन्होंने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समय बद्धता पर विशेष ध्यान देने समुचित व्यवस्थाएँ करने और कार्य प्रगति की समीक्षा के लिए निगरानी समितियाँ बनाने के लिए कहा है। निगरानी समितियों से कार्य की सतत मानीटरिंग करते हुए निर्माण की गुणवत्ता और अवधि की समय बद्धता सुनिश्चित कराई जाए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों के वित्तीय प्रबंधन और आॅडिट की लंबित कंडिकाओं की नियमित समीक्षा होनी चाहिए, जिससे वित्तीय प्रबंधन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हो।