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नदी के पानी में कैमिकल मिलाकर मानव, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वालों हमको टंटया माना बनने पर मजबूर मत करो

नदी के पानी में कैमिकल मिलाकर मानव, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने वालों हमको टंटया माना बनने पर मजबूर मत करो

सत्ता, संगठन के संरक्षण में रूपया कमाने के लिये जमीन में केमिकल डालकर जनसंहार करने की साजिश के खिलाफ मानपुर में प्रदर्शन


महू। गोंडवाना समय। 

इंदौर संभाग के आदिवासी लोगों की जमीने हड़पने के साथ ही आम जनता की जान जोखिम डालने का प्रयास मानपुर जिला इंदौर की अजनार नदी के किनारे गड्डे खोदकर अपार मात्रा में केमिकल जो कि मानव, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति के अत्याधिक नुकसानदायक है राजनैतिक सरंक्षण के तहत डाला गया। परिणाम स्वरूप अजनार नदी के पानी के दूषित होने के साथ ही आगे मिलने वाली नदियां जिनमें मां नर्मदा व कई छोटी बड़ी नदियों का पानी दूषित होने का खतरा बढ़ गया है। उक्त नदी के पानी के उपयोग से मानव, पशु, पर्यावरण, प्रकृति पर खतरा मंडरा रहा है। 

प्रदूषित होकर नदी का पानी का रंग कोयले की तरह हो गया काला 


राजनैतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति के द्वारा केमिकल गहरे गड्डे में डलवाने के बाद समीप ही नदी का पानी का रंग कोयले की तरह काला हो गया और हाथ-पैर धोने या पानी के संपर्क में आने पर जलन होती है, खुजली सहित अन्य शारीरिक बीमारी के लक्ष्ण होते है जो कि हानिकारक है। मानव जीवन के लिये तो नुकसानदेह साबित हो ही रहा है इसके अलावा मानपुर महू क्षेत्र के नदी के बहाव क्षेत्र के आसपास के जंगल के जीव-जंतु भी मृत हो रहे है। पेड़-पौधे पर दुष्प्रभाव के चलते सुख रहे है। 

मप्र के साथ गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान में भी पड़ेगा दुष्प्रभाव 

सत्ता व राजनैतिक संरक्षण प्राप्त व्यक्ति के द्वारा रूपये कमाने के लालच में कैमीकल को गहरे गड्डे करवाकर डलवाया गया था वह जमीन के अंदर अत्याधिक गहराई तक चला गया है। वहीं कैमीकल के नदी के जल में मिल जाने से मप्र, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान सहित कई राज्यों की नदी के जल बहाव क्षेत्र के आसपास की जमीन प्रदूषित होने की संभावना है। नदी के आसपास के रहवासी लोग पीने के पानी के लिए तड़प रहे है, खेतों में लगी फसलें भी प्रभावित हो रही है जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है। पालतू पशु जहरीले पानी से मृत हो रहे है। 

रूपया कमाने सत्ता व स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में कार्य को अंजाम 

सत्ता व संगठन के संरक्षण स्थानीय प्रकाश राठौर द्वारा जो कि भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ मिलकर खुलेआम स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में नदी के किनारे गहरे गड्डे करवाकर कैमीकल डलवाकर रूपये कमा रहा है वहीं मानव, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति को नुकसान पहुंचाने का कार्य धड़ल्ले से किया गया है। सत्ता व संगठन के संरक्षण में मानव, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति को बचाने के लिये मानपुर में जयस की टीम मोर्चा खोल दिया है। 

15 दिन में हो कार्यवाही महामहिम राष्ट्रपति के नाम सौँपा ज्ञापन 


बीते दिनों जयस मानपुर द्वारा विरोध प्रदर्शन करते हुये सरकार को आगाह किया गया कि इस मामले में तत्काल कार्यवाही की जावे। जयस के विरोध प्रदर्शन में प्रदेश के कई जिलों से जयस के नौजवान साथी शामिल हुए। धरातल पर आदिवासियों की आवाज उठाने वाले कमलेश डोडियार, जयस के प्रदेश प्रवक्ता महेंद्र कन्नोज, नेशनल जयस के प्रदेश अध्यक्ष अंतिम मुजाल्दा, अलिराजपूर के जिलाध्यक्ष नितेश अलावा, सामाजिक मिशनरी साथी रंजीत मकवाना, प्रदेश अध्यक्ष मुकेश रावत, सीमा जी, संगीता चौहान, ओंकार कटारा आदि ने संबोधित किया।
        जय आदिवासी जागरण मंच (जाजम) के माध्यम जमीन बचाओ आंदोलन चला रहे संसदीय क्षेत्र रतलाम जिले से जयस प्रभारी कमलेश्वर डोडियार ने भी प्रदर्शन में संबोधित किया। जयस के सभी साथियों ने शिवराज सरकार और महू विधायक व मंत्री उषा ठाकुर को चेतावनी दी कि आम जनता के जीवन के साथ, जीव-जंतु, पर्यावरण, प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं सहेंगे।

वहीं प्रदर्शन और मार्च निकालकर थाना घेरने के बाद ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति के नाम स्थानीय प्रशासन को सौंपा गया। जिसमें आगामी 15 दिन में आरोपित लोगों को जेल मे डालकर कार्यवाही नहीं की तो यह जन आंदोलन का रूप ले लेगा जिसकी जिम्मेदारी जिला प्रशाशन इंदौर की रहेगी। उचित अधिनियमों के तहत कार्यवाही होना चाहिए, लोगों को मुआवजा व पीने के पानी की व्यवस्था मिलना चाहिए। 

हम टंटया मामा के वंशज है, हमें चुनौता मत देना-महेन्द्र कन्नौज 


विरोध प्रदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे प्रवक्ता जयस के प्रवक्ता महेन्द्र कन्नौज ने कहा कि कैमिकल डालने के चक्कर में आज यहां पर विरोध करने के लिये भूखे-प्यासे बैठे है क्योंकि यहां का पानी दूषित करने वाले पर कार्यवाही नहीं की जा रही है, वहीं हमारी मांग मानने के लिये पूरा प्रशासन चिंतित है लेकिन दिखावे की कार्यवाही नहीं चलेगी। कैमीकल कौन सी फैक्ट्री आया है प्रशासन को नहीं मालूम है, वहीं वाहन के चालक को परेशान किया जा रहा है जबकि जिसने कैमिकल को डंप कराया है उससे पूछताछ नहीं की जा रही है।
        महेन्द्र कन्नौज ने कहा कि जब तक प्रभावित 40 गांव में रहने वाले लोगों को न्याय नहीं मिल जाता जयस शांत नहीं बैठेगा। वहीं उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार व स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देते हुये कहा कि हमको टंटया माना बनने पर मजबूर मत करो, हम उसी के वंशज, हमें चुनौती मत देना। कैमीकल के नदी के पानी मिलने से वह आगे जाकर नर्मदा का पानी मिलेगा तो वह गुजरात से लेकर कई राज्यों तक जा रहा है।
        नदी का पानी कैमिकलयुक्त हो जाने से जीव हत्या होने के साथ साथ मानव हत्या होने की संभावना है वहीं पर्यावरण के साथ प्रकृति के छेड़छाड़ किया गया है। वहीं जल, जंगल, जमीन को संरक्षण करने में महत्वपूर्ण भूमिका आदिवासियों की होती है यह बताते हुये महेन्द्र कन्नौज ने कहा कि आदिवासियों भी पौधा लगाता है पर कभी बताता नहीं है। आदिवसी जल, जंगल, जमीन के मालिक है हम धरती के मालिक हे, जल, जमीन, जंगल  की सुरक्षा व संरक्षण आदिवासियों से अच्छा कोई नहीं कर सकता है। वहीं कैमीकल 30 दिन तक नहीं हटाया जाता है तो जयस के द्वारा विरोध किया जायेगा।  

मैं इस मुद्दे को हाईकोर्ट तक लेकर जाऊंगा-आंनद राय 


जयस के विरोध प्रदर्शन में पहुंचे डॉ आनंद राय ने कहा कि मैं इस मामले को हाईकोर्ट तक लेकर जाऊंगा। वही उन्होंने जयस के आंदोलन के संंबंध में प्रशासन को अवगत कराते हुये कहा कि जयस का आंदोलन हमेशा संवैधानिक तरीके के साथ अनुशासन पूर्ण होता है। चूंकि यह मुद्दा सभी वर्ग से यानि की आम जनता से जुड़ा हुआ है सिर्फ आदिवासी का नहीं है।
         इस मामले को हमें गांव-गांव तक पहुंचाना चाहिये। आम जनता के जनहित के मुद्दों के लिये संघर्ष जयस और भीम आर्मी कर रहे है। वहीं राजनैतिक दल के लोगों को शर्म आना चाहिये कि पर्यावरण के मुद्दे पर भी ये विचार श्ूान्य है। वहीं जयस जल, जंगल की जमीन की लड़ाई को सक्रिय होकर लड़ रही है, इसे निरंतर जारी रखना है।  

मंत्री की दिमागी हालत ठीक नहीं उपचार कराये सरकार-संगीता चौहान 


मानपुर की धरती पर जहां पर कैमीकल छोड़ा गया है। जिससे मानव जीवन, जीव-जंतु, पर्यावरण के साथ प्रकृति को प्रदृषित करने का कार्य किया गया है। जयस की नारी शक्ति संगीता चौहान ने विरोध प्रदर्शन में अपनी बात रखते हुये कहा कि टंटया मामा की भूमि पर आई हूं। देश में में लगभग 70 प्रतिशत नदी प्रदूषित हो गई है। नर्मदा ही स्वच्छ थी जिसे भी दूषित करने का प्रयास किया गया है।
        कैमिकल डालने वाले जीवोें की हत्यारे है, हाथ धोने तक की स्थिति नहीं है यहां के पानी के कारण बीमारी बढ़ रही है। खेती किसानी प्रभावित हो रही है। कैमीकल डालने वाले के साथ साथ इसके लिये शासन प्रशासन भी इसका जिम्मेदार है। वहीं जयस की नारी शक्ति संगीता चौहान ने कहा कि महु विधायक और मंत्री उषा ठाकुर के द्वारा इस मामले में विवादित बयान दिये जा रहे है। विरोध प्रदर्शन के लिये किराये पर लाये जाने की बात कह रही है, कहीं आदिवासियों के लिये अपमानजनक टिप्पणी करती है। मंत्री उषा ठाकुर की दिमागी हालत ठीक नहीं है, इनका इलाज सरकार को कराना चाहिये। 

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