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मुख्यमंत्री के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आईटीआई चकल्दी आदिवासी छात्रावास में बजट के लिये मुंह ताक रहा प्रबंधन

मुख्यमंत्री के बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आईटीआई चकल्दी आदिवासी छात्रावास में बजट के लिये मुंह ताक रहा प्रबंधन  

भूख हड़ताल पर जीएसयू के नेतृत्व में बैठे थे विद्यार्थी, लिखित आश्वासन के बाद किया समाप्त 

आदिवासी समाज का मध्य प्रदेश के खजाना में पहला हक है कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में खुली पोल 


बुधनी/सीहोर। गोंडवाना समय। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान अक्सर अपने संदेश में यह कहते है कि मध्य प्रदेश के खजाने में सबसे पहला हक आदिवासी वर्ग का है, इनके कल्याण, उत्थान, विकास के लिये धन व बजट की कोई कमी नहीं की जायेगी।


इसके साथ आदिवासी वर्ग के विद्यार्थियों के लिये वे विशेष रूप से संदेश देते है कि शैक्षणिक क्षेत्र में, छात्रवृत्ति सहित छात्रावासों में शैक्षणिक अध्ययन करने वाले आदिवासी विद्यार्थियों को विभागीय योजना अनुसार लाभ देने में कोई कमी नहीं करेंगे परंतु मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी में ही शासकीय आईटीआई के आदिवासी छात्रावास में रह रहे विद्यार्थियों के द्वारा समस्या के समाधान के लिये आवाज उठाने के बाद सच उजागर हो गया है कि शासकीय आईटीआई चकल्दी जो कि बुधनी विधानसभा क्षेत्र में आता है वहां पर बजट के लाले पड़े है।

बजट आने के लिये आईटीआई प्रबंधन विभागों के मुंह ताक रहा है वहीं शासन प्रशासन को कई बार लिखित में पत्राचार करने के बाद शासन प्रशासन व विभाग के द्वारा बजट का आबंटन नहीं किया जा रहा है जिसके कारण छात्रावास में विद्यार्थियों को असुविधा हो रही है। 

26 अक्टूबर को जीएसयू के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने किया था भूख हड़ताल प्रारंभ 


मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के अंतर्गत चकल्दी शासकीय एकलव्य आईटीआई के छात्र छात्राओं ने अपनी 16 सूत्रीय मांगों को लेकर पूर्व में दिये गये अल्टीमेटम के बाद समुचित समाधान नहीं मिलने पर वे अपनी घोषणाअनुसार गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों के नेतृत्व में 26 अक्टूबर 2021 दिन मंगलवार को भूख हड़ताल पर बैठ गये थे। 

आईटीआई के गेट के बाहर जमीन पर बैठकर भूख हड़ताल कर दिया था प्रांरभ 


शासकीय आईटीआई चकल्दी के छात्र-छात्राओं द्वारा 26 अक्टूबर को आईटीआई के गेट के बाहर जमीन पर बैठकर भूख हड़ताल प्रांरभ कर दिया था। इसके बाद आईटीआई प्रबंधन, स्थानीय विभागीय अधिकारी व पंचायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व कर्मचारी में हड़कंप मच गया था। वहीं उसके बाद छात्र-छात्राओं की कुछ मांगों को लेकर आईटीआई के प्राचार्य श्री एस के मंडल ने लिखित में सहमति देते हुये समस्याओं का समाधान का आश्वासन दिया। जिसमें उन्होंने डेली रूटीन कि सभी मांगों को मानते हुये जैसे की पानी की टंकी की साफ-सफाई, शौचालय सफाई, नल लगवाना, विद्युत व्यवस्था, आदि की सुविधा जो कि उनके स्तर पर पूरी हो सकती थी उसे प्राचार्य ने पूरा करने का लिखित में आश्वासन दिया। 

रोका गया बजट जल्द जारी नहीं हुआ तो सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर करेंगे आंदोलन


गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों ने जानकारी देते हुये बताया कि वहीं छात्रावास में जैसे की रजाई-गद्दे, बेड आदि और अन्य सुविधाओं के लिये मप्र शासन द्वारा आदिम जाति कल्याण विभाग से जो बजट रोका गया है यदि वो बजट जल्द से जल्द नहीं आता है तो आदिवासी छत्रावास और छात्रों की भविष्य के लिये छात्रों के हक अधिकार की लड़ाई अब समस्त सामाजिक संगठनों  के माध्यम से लड़ी जाएगी और इसकी जिम्मेदारी पूर्ण रुप से शासन प्रशासन की होगी इसके साथ ही छात्रावास के विद्यार्थियों की मांग पर वहां के पंचायत प्रतिनिधि ने निगरानी समिति बनाने का आश्वासन लिखित रूप में दिया है।
            इसके साथ ही जो मांगे शासन प्रशासन स्तर की थी उनको पूर्ण कराने के लिये भी आईटीआई के प्राचार्य के द्वारा लिखित में दिया गया है। वहीं गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन की महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष साधना उईके के द्वारा भूख हड़ताल के दौरान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया कि भूख हड़ताल आश्वासन के आधार पर समाप्त नही होगी हमें लिखित में चाहिये इस आधार पर जब लिखित में प्राचार्य द्वारा दिया गया उसके बाद छात्र छात्राओं ने भूख हड़ताल समाप्त किया। वहीं यदि लिखित रूप में देने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो छात्र-छात्राओं के साथ गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारी भी आगामी समय में भूख हड़ताल करेंगे। 

जमीनी जंग लड़ने पर प्राथमिक स्तर पर जीएसयू को मिली सफलता 

वर्षों से अपनी समस्या के लिये परेशान हो रहे शासकीय आईटीआई चकल्दी के छात्र-छात्राओं का समाधान नहीं हो रहा था। इस संबंध में लगभग 3 से 4 दिन पहले गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन ने आईटीआई के विद्यार्थियों के हक अधिकार के लिये आवाज उठाई थी एवं 25 अक्टूबर तक का समय शासन प्रशासन को दिया था नहीं तो आईटीआई के विद्यार्थियों के साथ 26 अक्टूबर 2021 से भूख हड़ताल करने की बात गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के द्वारा अवगत कराया गया था। इस आधार पर विद्यार्थियों के हित में जमीनी जंग लड़ने के लिये जीएसयू के पदाधिकारियों ने विद्यार्थियों के साथ भूख हड़ताल पर बैठ गये थे जिस पर उन्हें प्राथमिक स्तर पर सफलता भी मिली है। यह प्रथम स्तर पर जीएसयू के पदाधिकारियों की जीत है। इस दौरान गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के बिजेंद्र उइके, साधना उइके, ब्रज धुर्वे, रामदास मसराम आदि पदाधिकारी मौजूद रहे। 

वर्ष 2013 में एक बार ही मिली जरूरी सामग्री उसके बाद से नहीं मिला बजट 

गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन के पदाधिकारियों को इस दौरान यह भी जानकारी मिली कि शासकीय आईटीआई चकल्दी में वर्ष 2013 के बाद से एक ही बार विद्यार्थियों की सुविधाओं हेतु सामग्री आई है उसके बाद से जरूरी सामग्री नहीं मिली है। इसके लिये बजट भी आदिम जाति कल्याण व शासन प्रशासन द्वारा नहीं दिया जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी छात्रावास की यह स्थिति बजट के लिये जूझ रहा है तो फिर आदिवासी बाहुल्य मध्य प्रदेश के जिलों में क्या स्थिति होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। 


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