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नेमावर में 5 आदिवासी के हत्याकांड की शिवराज सरकार ने 6 महिने बाद की सीबीआई जांच की अनुशंसा

नेमावर में 5 आदिवासी के हत्याकांड की शिवराज सरकार ने 6 महिने बाद की सीबीआई जांच की अनुशंसा 


देवास/भोपाल। गोंडवाना समय।

देवास जिले के पुलिस थाना नेमावर में 17 मई 2021 को सूचनाकर्ता भारती के द्वारा ममता पति मोहन लाल उम्र 45 साल, कुमारी दीपाली उम्र 21 साल, कु दिव्या उम्र 14 साल, कुमारी पूजा उम्र 15 साल एवं पवन उम्र 14 सभी जो गढ़ नेमावर के निवासी थे जिसकी गुम होने की सूचना दी गई थी जिस पर पुलिस थाना नेमावर के द्वारा गुमशुदगी क्रमांक 15/21 दर्ज कर जांच में लिया गया था।


इस मामले को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कुंवर बलवीर सिंह तोमर के नेतृत्व में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा नेमावर थाना में एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा गया था, इसके साथ साथ बार कार्यवाही हेतु आग्रह किया जा रहा था लेकिन पुलिस ने गंभीरता से नहीं लिया और हत्याकाण्ड का खुलासा होने के बाद मध्य प्रदेश सरकार, शासन व पुलिस प्रशासन के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सहित जयस व अन्य दलों के द्वारा विरोध प्रदर्शन कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिये हत्यारों व इसमें शामिल अन्य लोगों पर कार्यवाही हेतु सीबीआई जांच की मांग की गई थी। 

6 महिने बाद सीबीआई अनुशंसा को लेकर उठ रहे सवाल 


नेमावर में 5 आदिवासी की निर्ममतापूर्वक हत्या के लगभग 6 माह बीत जाने के बाद मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अब सीबीआई जांच के लिये अनुशंसा किया है। इतनी देरी करने के पीछे शिवराज सरकार पर सवालिया निशान लगाये जा रहे है वहीं 1 जनवरी 2022 से पीड़ित परिवार न्याय यात्रा भोपाल तक निकालने की तैयारी कर रहा था।

प्रकरण में पांच व्यक्तियों की हत्या होने से तथा लाश को गढ़ा देने से प्रकरण अत्याधिक जटिल होने से प्रकरण की जांच सीबीआई से कराये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है जबकि यह निर्णय घटना के खुलासा के बाद ही लिया जा सकता था। 

सबसे पहले 18 मई 2021 को गोंगपा ने नेमावर थाना में जाकर सौंपा था ज्ञापन 


गोंगपा के पदाधिकारियों को पीड़ित परिवार द्वारा घटना की जानकारी दिये जाने के बाद आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने के लिये सबसे पहले गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 18 मई 2021 को थाना नेमावर तक रैली निकालकर ज्ञापन सौंपा था। जहां वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को संदेहस्पद लोगों के नाम भी दर्ज कराये थे लेकिन गभीरतापूर्वक कार्यवाही नहीं होने के कारण 5 आदिवासी के हत्यारों को पुलिस पकड़ने में हीलाहवाली करती रही।

वहीं हत्याकाण्ड के बाद सीबीआई जांच को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने नेमावर में विरोध प्रदर्शन किया था। वहीं बीते 27 दिसंबर को भी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव कुंवर बलवीर सिंह तोमर, प्रदेश अध्यक्ष अमान सिंह पोर्ते ने नेमावर में घटना स्थल पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित किया था। पीड़ित परिवार को न्याय यात्रा में पूरा साथ देने का निर्णय लिया था। 

12 फिट जमीन के नीचे से डेढ़ माह बाद निकाला था शव 

हम आपको बता दे कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश को माफिया, गुण्डों से मुक्त कराने के लिये स्पष्ट तौर पर चेतावनी देते हुये कहा था कि माफिया व गुण्डे मध्य प्रदेश की धरती छोड़ दे नहीं मैं 10 फिट जमीन के नीचे गाड़ दुंगा। माफिया व गुण्डों पर मुख्यमंत्री की बातों का असर ये हुआ कि देवास जिले के नेमावर थाना क्षेत्र के गुण्डों ने 5 आदिवासियों की हत्या कर 12 फिट जमीन के नीचे गाड़ दिया था। शिवराज सरकार में देवास जिले के नेमावर पुलिस थाना अंतर्गत 5 आदिवासी की क्रूरतापूर्वक हत्या कर बिना कफन के ही 12 फिट जमीन में दफन कर दिया गया था। वहीं 5 आदिवासियों की गायब होने की सूचना दर्ज करने के बाद देवास जिले की पुलिस ने लगभग डेढ़ माह बाद उनके शव जमीन से निकाला था पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा भी की गई थी। 

आदिवासियों के साथ अन्याय-अत्याचार का बनता जा रहा इतिहास 

हालांकि आदिवासियों के साथ अन्याय, अत्याचार, शोषण, हत्या की यह कोई पहली घटना नहीं है, इस तरह की घटनायें इतिहास बनते जा रही है, पन्ने पलटकर कर देखेंगे तो पता चल जायेगा। इसके बाद भी न तो सरकार आदिवासियों के मामले में संवेदनशील होती है और न ही गंभीरता दिखाती है। इसके साथ ही आदिवासी समाज के आरक्षित सीटों से विधायक व सासंद का चुनाव जीतकर कुर्सी का सुख भोगने वाले आदिवासी जनप्रतिनिधि अपने ही समाज के साथ होने वाले जघन्य अपराधों के मामले में मौन रहकर ही अपनी राजनैतिक गुलामी को धर्म व कर्म को बखूबी निभा रहे है। 

इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को किया था गिरफतार, न्यायालय में चल रहा प्रकरण 

वहीं सुरेन्द्र राजपूत के द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर 13 मई 2021 को रूपाली, ममता, दिव्या, पवन व पूजा की हत्या कर सुरेन्द्र राजपूत के खेत में शवों को दफना दिया गया था वहीं सबूत न मिले इसके लिये यूरिया आदि भी शव के ऊपर डाल दिया गया था। इस मामले में पुलिस द्वारा हत्याकाण्ड का खुलासा होने के बाद शव को गड्डों से निकालने के बाद 9 लोगों को गिरफतार किया गया था। वहीं विवेचना पश्चात 9 लोगों को खिलाफ चालान माननीयर् न्यायालय में पेश किया गया है। प्रकरण में पांच व्यक्तियों की हत्या होने से तथा लाश को गढ़ा देने से प्रकरण अत्याधिक जटिल होने से प्रकरण की जांच सीबीआई से कराये जाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। 

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