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जल, जंगल, जमीन के मालिक राष्ट्रीय मानव बैगाओं को वन विभाग ने किया भूमि से वंचित

जल, जंगल, जमीन के मालिक राष्ट्रीय मानव बैगाओं को वन विभाग ने किया भूमि से वंचित 


बालाघाट। गोंडवाना समय।

बीते दिवस ही मण्डला जिले के बैगा आदिवासियों ने 100 किलोमीटर तक संवैधानिक पदयात्रा निकालकर मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय मण्डला पहुुंचकर धरना दिया था और दूसरे दिन बुधवार को पड़ौसी जिला बालाघाट कलेक्ट्रेट कार्यालय में पहुंचगर बैगा आदिवासी ने वन विभाग पर भूमि से वंचित करने का आरोप लगाते हुये पट्टा की मांग किया है।


एक ओर जहां मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासियों को उनके हक, अधिकार, सम्मान दिलाने के लिये मंचों से घोषणा के साथ निर्देश भी जारी कर रहे है। इसके बाद भी यदि आदिवासी कलेक्ट्रेट तक पैदल या अपने साधन से भी पहुंच रहे थे तो आदिवासी बाहुल्य जिले में सीधे सीधे शिवराज सरकार के अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा हो रहा है कि आखिर शिवराज सरकार के अफसरों की आदिवासियों के प्रति मंशा क्या है। मण्डला जिले में पदयात्रा के बाद अब बालाघाट मुख्यालय में बैगा आदिवासी धरना देते हुये नजर आ रहे है। 

चुनाव के समय वोट चाहिए उसके बाद स्थिति बदले अथवा ना बदले इन्हें इनसे मतलब ही नहीं


देश को आजाद होने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत ग्राम पंचायत अडोरी अंतर्गत उसरी ग्राम के बैगाओं ने जिला कलेक्टर से गुहार लगाये है। वहीं उन्होंने इस दौरान हम अपना अधिकार मांगते का नारा लगाकर कलेक्ट्रेट में ही धरने पर बैठे 60 बैगा मानव ने ज्ञापन के माध्यम से जिला कलेक्टर से की पट्टे की मांग किया है। हम आपको बता दे कि जल, जंगल जमीन पर अधिकांश तौर पर आदिवासी एवं बैगा परिवार ही निवास करते हैं जो सदियों से वन भूमि में रहकर अपना जीवन यापन कर रहे हैं सरकार एवं जिला प्रशासन का दायित्व है कि प्रदेश एवं जिले में निवास कर रहे प्रत्येक वर्ग विशेष के व्यक्ति को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाएं एवं बिजली, पानी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराए परंतु आज भी बालाघाट जिले में ऐसे बहुत से आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र है जहां पर शासन प्रशासन की योजनाएं मात्र नाम की रह गई है विगत पिछले कई दिनों से बालाघाट जिले में निवास कर रहे बैगा आदिवासियों की परेशानियों से जिला प्रशासन को समाजसेवियों तथा पत्रकारों के द्वारा समाचारों के माध्यम से अवगत किया जा रहा है परंतु बालाघाट जिला प्रशासन मौन साधे बैठा हुआ है, जनप्रतिनिधि भी चुप्पी साधे हुए हैं। मानो बैगा और आदिवासियों से इन्हें केवल चुनाव के समय वोट चाहिए उसके बाद स्थिति बदले अथवा ना बदले इन्हें इनसे मतलब ही नहीं । 

पीढ़ी दर पीढ़ी कब्जे वाली भूमि से वन विभाग ने किया वंचित


जिला बालाघाट अंतर्गत जनपद पंचायत बिरसा के अंतर्गत ग्राम पंचायत अडोरी के ग्राम उसरी में विगत लगभग डेढ़ सौ से अधिक वर्षों से राष्ट्रीय मानव बैगाओं की भूमि है, जो भूमि पर बैगाओं के द्वारा कोदो, कुटकी व अनाज उगाकर जीवन यापन कर रहे थे, वन विभाग के द्वारा उक्त भूमि को झूठ बोलकर अंगूठा, दस्तखत लिया गया तथा वन विभाग के द्वारा ग्राम में रोजगार, स्कूल, सड़क, शौचालय, स्वास्थ्य एवं विकास करने के दावे कर ग्रामीणों से जमीन को हथिया लिया गया। 

विवाद की स्थिति पैदा की गई तो सारे ग्रामीणों को जेल में डाल दिया जाएगा

ग्रामीणों के द्वारा बताया गया कि वर्ष 2019 में वन विभाग ने हमारे द्वारा कब्जा की गई भूमि पर अवैध एवं बिना सूचित किए कब्जा कर लिया गया और सागौन के पौधे लगा दिए गए हमारे द्वारा विरोध करने पर वन विभाग के द्वारा धमकाया गया और कहा गया कि अगर आपके द्वारा विवाद की स्थिति पैदा की गई तो सारे ग्रामीणों को जेल में डाल दिया जाएगा। ऐसी स्थिति में हताश परेशान बैगा परिवार जो कि शैक्षणिक रूप से उतने शिक्षित भी नहीं है वह डरे सहमे चुप रहे परंतु सब्र का बांध टूटते ही जिला कलेक्टर बालाघाट मुख्यालय में पहुंचकर विरोध किया और वन विभाग द्वारा कब्जा की गई भूमि को वापस देने तथा पट्टा दिए जाने की मांग तेज कर दी है ।

आजादी से अब तक नहीं मिला शासकीय योजनाओं का लाभ

देश को आजाद हुए 75 वर्ष हो चुके हैं परंतु आज भी जनपद पंचायत बिरसा अंतर्गत निवास कर रहे बैगाओं को शासकीय योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पाया है। मूलभूत सुविधाओं से वंचित बैगा जो कि राष्ट्रपति जी के दत्तक पुत्र राष्ट्रीय मानव के रूप में जाने जाते हैं, उन्हें ना तो सड़क, बिजली, पानी, आवास, शौचालय, स्वास्थ्य जैसी अनेक सुविधाओं का लाभ आजादी के 75 वर्ष के बाद भी समुचित रूप से नहीं मिल पाया है। ऐसी स्थिति में बैगा आदिवासी अब जिला प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। 

हम अपना अधिकार मांगते का नारा लगाते हुए कलेक्ट्रेट में ही धरना दिया गया

बैगाओं के द्वारा जिला मुख्यालय पहुंचकर हम अपना अधिकार मांगते का नारा लगाते हुए कलेक्ट्रेट में ही धरना दिया गया। जहां अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम के द्वारा समस्या को सुनकर उन्हें शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने तथा पट्टा दिलाएं जाने का आश्वासन दिया है। बैगाओं ने कहा कि 15 दिन के भीतर समस्या का निवारण नहीं किया गया तथा पट्टा मुहैया नहीं कराया गया तो बड़े आंदोलन करने की चेतावनी दी है।

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