चिकित्सा पाठ्यक्रम को मध्यप्रदेश में हिन्दी में पढ़ाने की तैयारी प्रारंभ
कार्यवाही पूर्ण होने पर मध्यप्रदेश देश में प्रथम राज्य होगा
प्रथम चरण
प्रथम चरण में चिकित्सा शिक्षा के पाठ्यक्रम को पढ़ाते समय चिकित्सा शिक्षकों द्वारा हिन्दी भाषा का अधिकाधिक प्रयोग किया जायेगा। साथ ही प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों की स्टडी कर आकलन किया जायेगा। पहले हिन्दी पृष्ठभूमि के छात्रों का 2 माह अंग्रेजी माध्यम से एवं 2 माह हिन्दी भाषा के उपयोग से पठन-पाठन का आकलन भी किया जायेगा।
द्वितीय चरण
द्वितीय चरण में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 3 विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री) की पूरक संदर्भ पुस्तकों को हिन्दी भाषा में तैयार किया जायेगा। इस कार्य-योजना को पूरा करने के लिए 3 समिति बनायी गयी है।
प्रथम समिति, द्वितीय उप समिति एवं तृतीय उप समिति
चिकित्सा पाठ्यक्रम में हिन्दी के उपयोग एवं हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार करने की कार्य-योजना तैयार करने के लिये समिति गठित की गई है। कार्य-योजना को मूर्तरूप देने के लिये अटल बिहारी हिन्दी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जायेगा। इससे इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायो-केमेस्ट्री की हिन्दी में पूरक संदर्भ पुस्तकें तैयार करने के लिये उप समिति गठित की गई। वहीं द्वितीय उप समिति द्वारा हिन्दी में तैयार किए गए विषय को पुन: सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के लिये एक सत्यापन उप समिति भी गठित की गई है।