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घंसौर जनपद के 9 प्रभारी सचिव पर हो सकती है सेवा समाप्ति की कार्यवाही

घंसौर जनपद के 9 प्रभारी सचिव पर हो सकती है सेवा समाप्ति की कार्यवाही

स्वा कराधान की राशि में गड़बड़ी का मामला


सिवनी/घंसौर। गोंडवाना समय।

आदिवासी बाहुल्य विकासखंड घंसौर में जनपद पंचायत घंसौर को भ्रष्टाचार का गढ़ बनाने में जनपद पंचायत सीईओ से लेकर तकनीकि अमला में मौजूद अधिकारी कर्मचारी कोई कसर नहीं छोड़ रहे है। आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिये आने वाली राशि में बेखौफ होकर आर्थिक अनियमितता कर रहे है। जनपद पंचायत घंसौर में जिस तरह से नियमों की धज्ज्यिां उड़ाकर और तकनीकि मापदण्डों को दरकिनार करते हुये निर्माण कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया है। जनपद पंचायत घंसौर में प्रत्येक निर्माण कार्यों का कमीशन फिक्स किया गया है। वहीं दूसरी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान कह रहे है सरकारी धनराशि में आर्थिक गड़बड़ी करने वाले भी माफिया ही है इन्हें भी मुख्यमंत्री सावधान व सचेत रहने के निर्देश दिये है परंतु जनपद पंचायत घंसौर में जनपद पंचायत सीईओ और एपीओ के द्वारा तय किये गये कमीशन के प्रतिशत को लेकर कुछ सरपंच सचिव दबी जुबान सब सच बता रहे है। 

उपयंत्री द्वारा मूल्यांकन न करने पर कलमबंद हड़ताल की दी चेतावनी

जनपद पंचायत घंसौर में आर्थिक अनियमितता का खेल तो बेखौफ होकर जारी ही है लेकिन साथ में तकनीकि अमला के उपयंत्रियों द्वारा मूल्याकंन नहीं किये जाने पर निर्माण कार्य के साथ साथ मजदूरी के भुगतान आदि में ग्राम पंचायतों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में ग्राम पंचायत के प्रधानों व सचिवों के द्वारा जनपद पंचायत घंसौर के सीईओ को कलम बंद हड़ताल की चेतावनी दी गई है।
        लिखे पत्र में उल्लेख किया गया है कि ग्राम पचांयतों द्वारा शासन की विभिन्न योजनाओं के निर्माण कार्य उपयंत्री के स्थल निरीक्षण सहायक यांत्रिकी के तकनीकि स्वीकृति उपरांत कार्य कराये गये है परंतु बार बार उपयांत्री के पास फाईल, एमबी एवं निर्माण कार्य संबंधी नस्थियां ले जाने पर भी मूल्यांकन कार्य नहीं किया जा रहा है।
        जिसके कारण निर्माण कार्यों में प्रयुक्त समाग्री व मजदूरी का भुगतान नहीं हो पा रहा है। इस संबंध में मांग कि गई है कि उपयंत्रियों को मूल्याकंन कार्य करने  के लिये निर्देशित किया जाये, वहीं यदि मूल्यांकन कार्य प्रारंभ नहीं किया गया तो समस्त पंचायतों के प्रधान, सचिव, सहायक सचिव मूल्याकंन कार्य नहीं की स्थिति में अनिश्चित कालीन कलम बंद हड़ताल पर जाने के लिये मजबूर होेंगे जिसके जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। 

सीईओ घंसौर मनीष बागरी दबाकर रखे हुए है प्रतिवेदन


जनपद पंचायत घंसौर अंतर्गत 19 ग्राम पंचायतों में स्वा कराधान की राशि की गड़बड़ी के मामले में घंसौर जनपद के सीईओ ओर लगभग 19 पंचायतों के सरपंच सचिव की मुश्किलें आसान होती नजर नहीं आ रही है। घंसौर जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी की चालाकी प्रभारी सचिव बने रोजगार सहायकों को सेवा समाप्ति की ओर ले जाने से चंद कदम दूर है।
                बताया जाता है कि जिला पंचायत सीईओ द्वारा घंसौर जनपद के सीईओ से पंचायतों के रोजगार सहायक जो सचिव के पद संभाले हुए हैं उनकी सेवा समाप्ति के लिए प्रतिवेदन मांगा गया है जबकि 8 पंचायत सचिवों के वित्तीय अधिकार पर रोक लगाने के लिए प्रितवेदन मांगा गया है लेकिन घँसौर जनपद सीईओ मनीष बागरी द्वारा जिले को प्रतिवेदन नहीं भेजा गया है।
                    दरअसल लगभग 19 पंचायतों के सरपंच सचिव स्व कराधान की नियम विरुद्ध राशि आहरण को लेकर तकनीकी अमला ओर जनपद सीईओ मनीष बागरी को बता रहे हैं उन्होंने जिला पंचायत सीईओ कार्यालय मे स्पष्ट बयान दर्ज कराया है कि टी एस ओर काम कराने का दबाव इन्हीं अधिकारियों द्वारा बनाया गया था। इसी वजह से लगभग 19 पंचायतों के सरपंच सचिव एक तरफा जनपद सीईओ के खिलाफ होकर बैठक आयोजित कर आंदोलन करने की लिए योजना बना रहे है। यही वजह है कि जनपद सीईओ उनके खिलाफ प्रतिवेदन नहीं बना रहे हैं। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि उन्हें ओर खुद को बचाने के लिए नेतागिरी के साथ साथ न्यायालय की शरण में जा रहे हैं।

मास्टर मार्इंड एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत की कमीशन की गणित में फंसी जनपद घंसौर


जनपद पंचायत घंसौर के अंतर्गत तकनीकि अमला में वर्षों से जमे एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत आर्थिक अनियमितताओं के मामले में मास्टर मार्इंड और सबसे मुख्य खिलाड़ी की भूमिका के रूप में अपनी पहचान बनाये हुये है। जनपद पंचायत घंसौर में तकनीकि अमला को कमीशन का गणित सिखाने और लेने के खेल में सबसे अहम भूमिका के रूप में एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत की है। जो पर्दे के पीछे रहकर पूरा खेल खेल रहे है। जनपद पंचायत घंसौर में आदिवासी विकासखंड में कमीशन की लूट खसोट करने का जिम्मेदारी एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत ने अपने पास रखे हुये है।
                वहीं जनपद पंचायत घंसौर के सीईओ मनीष बागरी ने भी जनपद पंचायत में कमीशन लेने के लिये एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत को पूरी कमान सौंप रखे है। आदिवासी विकासखंड में ग्राम पंचायत के अधिकांश सरपंच सचिवों को कहना है कि जनपद पंचायत घंसौर में कमीशन लेने के लिये एपीओ भूपेन्द्र सिंह राजपूत ही मुख्य किरदार निभाते है। जनपद पंचायत घंसौर में लगभग बीते लगभग 5 वर्षों से अधिक समय से वह पदस्थ है। जनपद पंचायत घंसौर में एपीओ ग्राम पंचायत में कितना प्रतिशत कमीशन लेते है इसका खुलासा आगामी समय में किया जायेगा। 

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