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जनसमस्याओं को लेकर सत्ता या विपक्ष के नेताओं से मिलने पर गोंगपा नेताओं का क्यों होता है दुष्प्रचार ?

जनसमस्याओं को लेकर सत्ता या विपक्ष के नेताओं से मिलने पर गोंगपा नेताओं का क्यों होता है दुष्प्रचार ?

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से गोंगपा नेताओं के मिलने के बाद सोशल मीडिया में किया जा रहा दुष्प्रचार

दुष्प्रचार करने जैसी कार्यप्रणाली औछी व दूषित राजनीति की श्रेणी में आती है


सिवनी। गोंडवाना समय।

आदिवासी बाहुल्य मध्यप्रदेश के जिलों सहित प्रमुखत:, बालाघाट, सिवनी, मण्डला, छिंदवाड़ा, डिंडौरी, जबलपुर सहित मध्य प्रदेश के आदिवासियों एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों पर अनावश्यक रूप से की जाने वाले विभागीय कार्यवाही जैसे निलंबन व स्थानांंतरण के चलते मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारी को प्रताड़ित किया जाता है जिसका प्रभाव अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारियों कर्मचारियों के साथ साथ उनके परिवारजनों पर भी पड़ता है ऐसी अन्य मूलभूत जनता की समस्याओं का समाधान कराने के लिए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके, पूर्व विधायक रामगुलाम उईके और रतनपुर ग्राम पंचायत के सरपंच महतलाल बरकड़े के द्वारा बीते दिनों मुलाकात किया गया था।
                इस दौरान मुख्यमंत्री के साथ खींची गई फोटो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसको लेकर दुष्प्रचार भी किया जा रहा है। जबकि मुख्यमंत्री किसी राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व नहीं करता है बल्कि वह प्रदेश की जनता का नेतृत्वकर्ता होता है इस आधार पर मध्य प्रदेश की समस्त जनता की जनसमस्याओं का समाधान करने का दायित्व भी मुख्यमंत्री के पास प्रमुखता के साथ होता है। 

मुख्यमंत्री किसी एक राजनीतिक दल का ना होकर जनता का सेवक होता है

हम आपको बता दें कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारियों ने आदिवासी सहित मध्य प्रदेश के अनेक जनसमस्याओं का समाधान कराने की मांग को लेकर एवं मध्यप्रदेश में अनेक शासकीय विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारी की समस्याओं का समाधान कराने के लिये मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात किया था लेकिन कुछ राजनैतिक दलों एवं विरोधियों के द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान खींची गई फोटो को सोशल मीडिया में वायरल कर उसका दुष्प्रचार किया जा रहा है जिसे पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके ने सिरे से खारिज कर दिया है।
        उन्होंने गोंडवाना समय समाचार पत्र से चर्चा में बताया कि हम लोग मध्यप्रदेश के आदिवासियों, प्रदेश की जनता की जनसमस्याओं का एवं अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान कराए जाने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलने गए थे क्योंकि मुख्यमंत्री प्रदेश का नेतृत्वकर्ता होता है और प्रदेश का मुखिया माना जाता है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री किसी एक राजनीतिक दल का ना होकर वह जनता का सेवक होता है।
         इसी आधार पर समस्याओं का समाधान कराने के लिए गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारी मुख्यमंत्री से मिलने गए थे लेकिन विरोधी राजनीतिक दलों और कुछ मीडिया के द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के पदाधिकारियों की मुख्यमंत्री से हुई मुलाकात को लेकर दुष्प्रचार किया जा रहा है यह उचित नहीं है।

विरोधी दल के नेताओं के द्वारा जानबूझकर गोंगपा को बदनाम करने का किया जा रहा षड्यंत्र

पूर्व विधायक दरबू सिंह उईके ने आगे चर्चा में बताया कि सर्वाधिक आदिवासी बाहुल्य वाला राज्य मध्यप्रदेश के निवासरत आदिवासियों की समस्याओं के संबंध में, प्रदेश के अन्य वर्गों की जनता की जनसमस्याओं को लेकर एवं मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिकारी कर्मचारी की समस्याओं का समाधान कराने जाने के संबंध में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलना कोई गलत कदम नहीं है।
            हमारा उद्देश्य जनसमस्याओं का समाधान कराना प्रमुख है इसको लेकर यदि विरोधी राजनीतिक दलों के द्वारा गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का दुष्प्रचार किया जा रहा है तो यह स्वच्छ राजनीति पर सवाल खड़ा करता है जबकि जनसमस्याओं के समाधान कराने के लिए मुख्यमंत्री से मिलना जनहित में उचित प्रयास की श्रेणी में आता है लेकिन विरोधी दल के नेताओं के द्वारा जानबूझकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को बदनाम करने का षड्यंत्र किया जा रहा है। जिसकी हम निंदा करते हैं और ऐसी कार्यप्रणाली औछी व दूषित राजनीति की श्रेणी में आती है इस तरह जनता के हित में यदि मुख्यमंत्री से मिलना कहीं से गलत नहीं है।


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