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जय भीम, जय सतनाम, जय सियाराम बोलना कांग्रेस विचारधारा के शिक्षकों को पड़ा भारी ?

जय भीम, जय सतनाम, जय सियाराम बोलना कांग्रेस विचारधारा के शिक्षकों को पड़ा भारी ?

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2022 तथा शिक्षा विभाग के स्थानांतरण की मिली सजा 


दुर्गाप्रसाद ठाकुर, प्रदेश संवाददाता।
रायपुर/छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय।

छत्तीसगढ़ राज्य के अंतर्गत मामला शिक्षा विभाग मुंगेली का है। जहाँ  सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी स्थानांतरण नीति 2022 तथा  शिक्षा विभाग के विशेष उपबंध  नियम, प्रावधानों को दरकिनार किया गया। शिक्षा विभाग की मनमानी, भेदभाव पूर्ण स्थानांतरण से, विद्यालय हुआ एकल शिक्षकीय, विकलांग, पति-पत्नि 20 और 40 का नियम की धज्जियां उड़ाई गई है। उक्त संबंध में जानकारी देते हुये श्री कृष्णकुमार नवरंग, प्रांताध्यक्ष, गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने बताया कि ब्लाक परिवर्तन सहित 100 कि मी से अधिक दूर पदस्थ ए सी कमरा में बैठकर जिला में शिक्षा की गुणवत्ता में बढ़ोतरी हेतु कसौटी सहित टीएसएमस योजनाओं के साथ सब्जबाग दिखाकर शिक्षकों के साथ सहयोग पूर्ण रवैया अपनाने का भरोसा देकर समय मे स्थानांतरण की सजा ने शिक्षकों को आक्रोशित कर दिया। 

समय सीमा तय किया जाकर आदेश में संशोधन निरस्त हो      

स्थानांतरण से व्यथित शिक्षकों, स्थानांतरण नीति का उल्लंघन होने के प्राप्त अभ्यावेदन के निराकरण हेतु तत्काल विभागीय अपील समिति का गठन किया जाय। उक्त संबंध में जानकारी देते हुये श्री कृष्णकुमार नवरंग, प्रांताध्यक्ष, गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ ने बताया कि शासन के स्थानांतरण नीति के विरुद्ध सूची बनाकर जिला कलेक्टर व प्रभारी मंत्री को गुमराह कर आदेश जारी करने वाले अधिकारी के विरुद्ध जाँच कर कार्यवाही किया जाय। स्थानांतरण से प्रभावित शिक्षक की नीति विरुद्ध अपील का निराकरण हेतु समय सीमा तय किया जाकर आदेश में संशोधन निरस्त हो।

विशेष उपबंध कंडिका  03 का शिक्षा विभाग मुंगेली  ने खुलकर उलंघन किया

गवर्नमेंट एम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन छत्तीसगढ़ के प्रांताध्यक्ष कृष्णकुमार नवरंग ने बताया कि जिला मुंगेली में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कार्यालय कलेक्टर जिला मुंगेली द्वारा दिनाँक 10 अगस्त को जारी स्थानांतरण सूची में 103 सहायक शिक्षक में 29 शिक्षकों ने स्वेच्छा से बाकी 74 शिक्षक का प्रशासनिक स्थांतरित किया गया। जारी सूची में छ ग शासन सामान्य प्रशासन विभाग तथा स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष उपबंध कंडिका  03 का शिक्षा विभाग मुंगेली  ने खुलकर उलंघन किया। 

कई विद्यालय एकल शिक्षिकीय हो गये है

सूची में प्रावधानित नियम 3:1 ऐसे स्थानांतरण नहीं किये जायेंगे जिनके फलस्वरूप कोई स्कूल शिक्षक विहीन या एकल शिक्षकीय हो जाये के  विपरीत आदेश की क्र 49 अमृत दास खूंटे शास प्राथमिक विद्यालय जरेली वि ख पथरिया, क्र 95 कुंदन पात्रे गाणा टोला लोरमी सहित कई विद्यालय एकल शिक्षिकीय हो गये है। जारी सूची के स क्र  96 मुकेश कुमार टंडन बरबसपुर लोरमी से 80 किलोमीटर दूर  विकास खंड परिवर्तन कर मुंगेली पहुँच विहीन दुरस्थ गांव घोरपुरा मुंगेली किया गया। 

शिक्षक समुदाय को प्रताड़ित करने  के लिए किया है      

गौर करने लायक बात यह है कि हो मुकेश टंडन शत प्रतिशत विकलांग है। इसी तरह स क्र  79 परदेशी यादव बैजना पथरिया से 100 किमी अधिक मुंगेली जिला  के सीमा स्कूल डोडा में किया गया है। इस तरह 74 शिक्षकों का प्रशासनिक स्थांतरण में स्कूल शिक्षा विभाग के सभी प्रावधानों को दरकिनार कर शिक्षा विभाग मुंगेली ने मनमानी पूर्वक तथा तानाशाही, भेदभाव पूर्ण, पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर शिक्षक समुदाय को प्रताड़ित करने  के लिए किया है ।

शिक्षकों का प्रशासनिक स्थानांतरण कर दंड से बदला लिया है 

ज्ञात हो शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हेतु शासन की योजनाओं को दरकिनार कर जिलामुंगेली के शिक्षा विभाग  के प्रमुख ने  निजी एजेंडा को लागू करने  में पूरी ताकत लगाई है जैसे संकुल के ऊपर संकुल  जिसका प्रमुख जूनियर प्राचार्य को बनाया। कसौटी अभियान जिसमें लिखना छोड़ पढ़ना ,३२े२ फ्लॉप योजना जिसकी तकनीकी दिक्कत आज तक निराकृत नहीं। इस तरह निजी अभियान में असफल होने पर  शिक्षकों का प्रशासनिक स्थानांतरण कर दंड से बदला लिया है। गवर्नमेंट एम्प्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन सभी शिक्षकों को भरोसा दिलाती हैं कि हम उनके साथ है संगठन ने जिलाधिकारी से मांग की है कि शासन के प्रावधानित नियम के तहत जिला स्तर में एक अपील विभागीय समिति का गठन करे जो स्थांतरण से प्रभावित तथा नियम विपरीत स्थानांतरित शिक्षकों के अपील पर सुनवाई कर समयसीमा के भीतर निरस्त , संसोधन, परीक्षण किया जा सके। इसके साथ ही ऐसे भेदभावपूर्ण, मनमानी पूर्ण शिक्षिकीय गरिमा के विपरीत काम कर प्रताड़ित करने वाले आदेश का विरोध करते है। 

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