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सट्टाकिंग का वाहन बण्डोल पुलिस थाना में 100 डायल के रूप में हो रहा संचालित

सट्टाकिंग का वाहन बण्डोल पुलिस थाना में 100 डायल के रूप में हो रहा संचालित 

बण्डोल पुलिस थाना में ही दर्ज है वाहन मालिक व परिजनों के नाम पर सट्टा के प्रकरण 

आपराधिक गतिविधियों को रोकने व आम जनता की मदद के लिये 100 डायल का होता है उपयोग 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिये कानून व्यवस्था के संबंध में पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों को यही दिशा निर्देश जारी करते हुये नजर आते है कि हमें अपराधमुक्त व माफियामुक्त मध्यप्रदेश बनाना है लेकिन वहीं कुछेक मामलों को लेकर मध्यप्रदेश के मामले में राष्ट्रीय स्तर की चर्चा पर मीडिया में होती है तो यह चर्चित जुमला भी जरूर कहा जाता है कि एम पी अजब गजब है हां बात भी सही है, मध्यप्रदेश सही में अजब और गजब ही है।
        


हम आपको बताते है मध्यप्रदेश के सिवनी जिले के पुलिस थाना में 100 डायल वाहनों का सच जो जिसे पुलिस प्रशासन भी जानता है। अभी यदि किसी नागरिक को चरित्र प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता पड़ जाये तो पुलिस थाना में उसके पूरे रिकार्ड खंगाले जाते है जिससे संबंधित व्यक्ति का वास्तविक रिकार्ड सामने आ जाता है लेकिन सिवनी जिले के बण्डोल पुलिस थाना में 100 डायल वाहन जो कि प्राईवेट वाहन के रूप में पंजीकृत है उक्त वाहन का स्वामी कौन है, उसका पूर्व का आपराधिक रिकार्ड क्या है इस संबंध में जानकारी होने के बाद भी सट्टा किंग का वाहन 100 डायल के रूप में संचालित हो रहा है। 

सट्टाकिंग के नाम से प्रसिद्ध है बण्डोल थाना क्षेत्र में 100 डायल का मालिक 


हम आपको बता दे कि बण्डोल पुलिस थाना में जो वाहन 100 डायल के रूप में संचालित हो रहा है उक्त वाहन के मालिक बण्डोल थाना अंतर्गत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र बखारी सहित आसपास के ग्रामीण अंचल में सट्टा किंग के नाम से प्रसिद्ध है। खुद बण्डोल पुलिस व छपारा पुलिस थाना में ही 100 डायल वाहन के मालिक के नाम पर 5 से अधिक प्रकरण पंजीबद्ध है।

इसके साथ ही 100 डायल के वाहन मालिक के परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर भी सट्टा जैसे अवैधानिक खेल को खिलाने के लिये पुलिस थाना में प्रकरण दर्ज है। इसके बाद भी बण्डोल पुलिस थाना में सट्टा किंग का वाहन 100 डायल के रूप में संचालित करने के लिये अनुमति दी गई है। इसके साथ ही उक्त वाहन प्राईवेट वाहन के रूप में आरटीओ में पंजीकृत है।   

पीड़ित हो या आपराधिक गतिविधियों की जानकारी सबसे पहले 100 डायल को ही देते है नागरिक


मध्यप्रदेश में नागरिकों की सुविधा व आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिये मुख्मयंत्री शिवराज सरकार के द्वारा 100 डायल योजना प्रारंभ की गई थी। इसके लिये पूरे मध्यप्रदेश के पुलिस थानों में 100 डायल वाहन को लगाया जाकर प्रदेश की जनता को कानूनी रूप से एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा सहयोग किया जा रहा है। कई बार दुघर्टना होने पर एंबूलेंस न मिलने पर इंमरजेंसी में 100 डायल वाहन में ही अस्पताल तक पहुंचाते है, इसके साथ ही वाद-विवाद की स्थिति में भी घायलों को 100 डायल में अस्पताल तक समय पर पहुंचाया जाया है जिससे सही समय पर घायल व्यक्ति को उपचार मिल जाता है।
            वहीं आम नागरिकों को जब कानून व पुलिस प्रशासन की मदद आवश्यकता होती है इसके साथ में आपराधिक गतिविधियों की जानकारी भी पुलिस प्रशासन को देना होता है तो मध्यप्रदेश के नागरिक सबसे पहले 100 डायल को ही फोन लगाते है। इस आधार पर हम कह सकते है कि आपराधिक गतिविधियों से संबंधित गोपनीय जानकारी भी 100 डायल तक पहुंचती है ऐसी स्थिति में यदि सिवनी जिले के बण्डोल पुलिस थाना में 100 डायल वाहन का मालिक सट्टाकिंग हो और परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर भी सट्टा जैसी अवैधानिक गतिविधियों में लिप्त रहने के प्रकरण पुलिस थाना में दर्ज हो और उसी पुलिस थाना में 100 डायल वाहन के रूप में पुलिस प्रशासन द्वारा संचालित की जाये तो आपराधिक गतिविधियों की गोपनीय जानकारी एवं सट्टा जैसे अन्य अवैधानिक कृत्य कितनी आसानी से हो रहे होंगे इस पर सवाल उठता है। 

100 डायल वाहन हमने नहीं वरिष्ठ अधिकारियों ने लगवाया है


वहीं जब बण्डोल पुलिस थाना में लगे 100 डायल वाहन के संबंध में बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी श्री दिलीप पंचेश्वर से गोंडवाना समय द्वारा चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि बण्डोल पुलिस थाना में लगे 100 डायल वाहन को हमारे द्वारा नहीं लगाया गया है, वाहन लगाने की प्रक्रिया वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की जाती है। इसके साथ ही बण्डोल पुलिस थाना प्रभारी श्री दिलीप पंचेश्वर ने बताया कि 100 डायल वाहन के मालिक पर जिला बदल सहित अन्य कानूनी कार्यवाही की गई है।
             इसके साथ ही मेरे द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा कर उक्त वाहन को कोतवाली पुलिस थाना में स्थानांतरित करने की मांग की जायेगी। वहीं 100 डायल के वाहन प्रभारी श्री शुगन मरकाम से जब बण्डोल पुलिस थाना में संचालित होने वाले वाहन का नंबर पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मुझे फिलहाल याद नहीं है लेकिन रिकार्ड देखकर आपको बताऊंगा। 

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