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आदिवासियों एवं क्षेत्रिय ग्रामीणों की जिंदगी में अंधेरा करके झाबुआ पॉवर प्लांट आज भी मना रहा धोखे की दीवाली

आदिवासियों एवं क्षेत्रिय ग्रामीणों की जिंदगी में अंधेरा करके झाबुआ पॉवर प्लांट आज भी मना रहा धोखे की दीवाली 

वर्ष 2012-2013 में झाबुआ पॉवर प्लांट ने 12 मांगों को लेकर दिया था आश्वासन आज भी है अधूरा 

झूठे आश्वासन से ग्रामीणों व आदिवासियों में है नाराजगी व्याप्त 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

पांचवी अनुसूचि क्षेत्र घंसौर ब्लॉक में झाबुआ पॉवर प्लांट प्रबंधन के द्वारा विद्युत उत्पादन के जरिये करोड़ों कमाने का अपना इंतजाम तो पक्का कर लिया है वहीं सरकार, शासन, प्रशासन भी झाबुआ पॉवर प्लांट की आय बढ़ाने में सहयोगी की भूमिका निभा रही है लेकिन झाबुआ पॉवर प्लांट निर्माण स्थल क्षेत्र से लगे हुये एवं आसपास के ग्रामीणों जिसमें विशेष आदिवासियों को अपना जीवन तो खतरे में डालना ही पड़ा है वहीं उनके साथ किये गये झाबुआ पॉवर प्लांट के द्वारा जमीन लेने एवं अन्य निर्माण कार्यों को अंजाम देने के पहले किये गये वायदा आश्वासन आज भी झूठा ही साबित हो रहा है।
            


इस मामले में क्षेत्रिय जनप्रितनिधियों एवं राजनैतिक दलों की भूमिका झाबुआ पॉवर प्लांट के पक्ष में ही अधिकांशतय: दिखाई देती है अब इसके पीछे कारण क्या है ये तो वे ही जानते है। हम आपको बतो दे कि झाबुआ पॉवर प्लांट द्वारा वर्ष 2012-2013 में बगदरी ग्राम में हुये विरोध प्रदर्शन के बाद 12 बिंदुओं की मांगों को पूरा करने का आश्वासन वर्ष झाबुआ पॉवर प्लांट प्रबंधन के अधिकारी कर्मचारी द्वारा वर्ष 2012-2013 में ही दिया गया था अब वर्ष 2022 आ गया है लेकिन झाबुआ पॉवर प्लांट के द्वारा अपने वायदों को पूरा न करते हुये उसे झूठ में तब्दील कर दिया है। जिससे ग्रामीणजन नाराज व आक्रोशित है इसी के चलते बीते दिनों पंप हाऊस तक जाने वाली सड़क का काम ग्रामीणों ने बंद करवा दिया था।

हाईस्कूल, सड़क-पुलिया व रोजगार देने का दिया था आश्वासन 

हम आपको बता दे कि वर्ष 2012-2013 में झाबुआ पॉवर प्लांट बरेला के विरोध में ग्रामीणें द्वारा जो मांग रखी गई थी जिसके तहत 14 अगस्त 2012 से ग्रामवासियों एवं क्षेत्रवासियों द्वारा ग्राम बगदरी में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन प्रारंभ किया गया था, जिसमें हाईस्कूल संचालन ग्राम बगदरी में किया जाये एवं बगदरी ट्रांसमीटर से चुरहनटोला रोड एवं पुलिया निर्माण किया जाये। इसके साथ ही योग्यतानुसार ग्राम बगदरी, बसुरिया, ईश्वरपुर, पनारझिर, डोभी, जम्होड़ीकला, बीजासेन, नयेगबांव, हिनाई, कुदवारी, चमरवाह, खजरी, गंगई, बंसी, सालीवाड़ा, दुर्जनपुर, कलकुही, दिवारा-दिवारी आदि ग्रामों के क्षेत्रीय युवक, युवतियों को झाबुआ पावर प्लांट संबंधी प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध कराने के लिये मांग की गई थी जिस पर झाबुआ पॉवर प्लांट द्वारा आश्वासन दिया गया था। 

23 किसानों की भूमि पर बिना ग्राम सभा की अनुमति के कर दिया था सड़क का निर्माण कार्य

वहीं ग्राम बगदरी के 23 किसानों की भूमि पर बगैर अनुमति के रोड निर्माण किया गया था, इसके लिये न ग्राम सभा का प्रस्ताव लिया गया न किसी प्रकार की जनसुनावाई की गई थी, जिसकी रिपोर्ट थाने में भी दर्ज करवाने की मांग की गई थी। वहीं क्षेत्रीय किसानों की बचत भूमि पर ट्यूबवेल किया जाने की मांग की गई थी, इसके साथ ही ट्यूबवेल तक बिजली की व्यवस्था किये जाने की मांग की गई थी। 

वूक्षों की कटाई, मछुआरों के साथ जनता से किया वायदा भी नहीं किया पूरा

वृक्षों की कटाई वहीं क्षेत्रीय ग्रामीणों ने यह भी मांग किया था कि झाबुआ पावर प्लांट निर्माण के दौरान प्रबंधन के द्वारा क्षेत्रीय जनता से जो भी वायदा किया गया था उसे पूर्ण किया जाये। वहीं मप्र सरकार द्वारा पांचवी अनुसूची क्षेत्र में झाबुआ पावर प्लांट को किसानों की भूमि आवंटन हेतु कंपनी एवं मप्र शासन के मध्य समझौता एग्रीमेंट किया गया है, उसकी जनहित में सत्यापित छायाप्रति प्रदान कर क्षेत्र के लोगों को प्रशिक्षण देकर जानकारी प्रदान किया जाये, जनहित में प्रसार किया जाये। वन समिति एवं ग्रामसभा आयोजन कर प्रस्ताव कर ही वृक्षों की कटाई की जाने की मांग की गई थी। वहीं मछुआरा समूह को किश्ती एवं जाल देने का जो वादा किया है उसे पूरा किया जाये। 

पनारझिर में 19 नवंबर 2011 को प्लांट के अधिकारी मेंहदीदत्ता ने दिया था आश्वासन 

ग्राम पनारझिर में 19 नवम्बर 2011 को पावर प्लांट के अधिकारी मेंहदीदत्ता द्वारा क्षेत्र के विकास के लिये आश्वासन दिया गया था उसे पूर्ण किया जाये। निर्माण कार्य के पूर्व क्षेत्रीय लोगों को भैंस पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन प्रशिक्षण देकर उपलब्ध करायें। किसानों की भूमि जो प्रभावित है, उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी रोजगार उपलब्ध कराने हेतु अनुबंध किया जाये। समस्त क्षेत्रीय परिवारों को भारत सरकार की पुर्नवास नीति का लाभ दिया जाये। उस समय शामिल ग्रामवासियों में जमनाप्रसाद नरेती, लालसिंह मरावी, संतकुमार मसराम, होरीलाल नेताम, जीवनलाल नरेती, झामसिंह इरपाचे, निरपाल, छिद्दीलाल, सकतलाल पन्द्रे, प्रकाश करयाम, खोबसिंह, लक्ष्मण सिंह मर्सकोले सहित अन्य लोग शामिल थे इनके द्वारा मांग संबंधित आवेदन कलेक्टर सिवनी को दिया गया था। 

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