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भूमाफियाओं का जनजातिय सदस्य की जमीन खरीदने सिवनी से लेकर राजस्व मंडल ग्वालियर तक फैला है नेटवर्क

भूमाफियाओं का जनजातिय सदस्य की जमीन खरीदने सिवनी से लेकर राजस्व मंडल ग्वालियर तक फैला है नेटवर्क 

सिवनी जिले में जनजातिय वर्ग की जमीनों की खरीद फरोक्त करने वाले भूमाफियाओं का गिरोह है सक्रिय


सिवनी। गोंडवाना समय। 

जनजाति वर्ग की जमीनों की लूटपाट करने वाले भूमाफियाओं के लिये मध्यप्रदेश में कहीं यदि सुरक्षित जिला है तो वह एकमात्र सिवनी जिला ही है। वैसे भी सिवनी जिले में जनजाति वर्ग की जमीनों को गैर जनजाति वर्ग को विक्रय किये जाने की अनुमति देने का रिकार्ड बनाया गया है।
            


भूमाफियाओं और राजस्व विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों का नेटवर्क इतना तगड़ा है जनजातियों को दोनों मिलकर बेखौफ होकर लूटकर उनका शोषण कर रहे है। भूमाफियाओं का नेटवर्क भाजपा की शिवराज सरकार में इतना मजबूत है कि यदि सिवनी कलेक्टर जनजातिय वर्ग के सदस्य को जमीन बिक्री की अनुमति निरस्त कर दे तो भूमाफिया ग्वालियर जाकर राजस्व मंडल कार्यालय से जनजातियों की जमीन बेचने की अनुमति लेकर आ रहे है अर्थात राजस्व मंडल कार्यालय ग्वालियर भी जनजातियों की जमीन की खरीद फरोक्त कराने में भूमाफियाओं के साथ मिलकर अपनी भूमिका निभा रहा है।
            

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को जनजातिय वर्ग की जमीनों के क्रय विक्रय किये जाने की अनुमति दिये जाने के आंकड़े जब से वे मुख्यमंत्री बने है उतने वर्षों में किस किस जिले में कितनी संख्या में दी गई ई इसके आंकड़े बुलवाकर देखना चाहिये सिवनी जिले के आंकड़े देखकर तो उन्हें समझ आ जायेगा कि सिवनी जिले में भूमाफियाओं को कितना संरक्षण भाजपा की सरकार में मिल रहा है। 

भूमाफियाओं के द्वारा जनजातिय सदस्य की जमीन खरीदने के लिये षडयंत्र व की जा रही धोखाधड़ी

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान भले ही भारतीय जनता पार्टी की सरकार को जनजातियों का हितैषी व हमदर्द बताने की कोशिश करें लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है सबसे ज्यादा शोषण, अन्याय, अत्याचार, लूटपाट जनजाति वर्ग के साथ यदि हुई है और हो रही है तो वो मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल व भारतीय जनता पार्टी की सरकार में हो रही है।
                भाजपा जनजाति गौरव दिवस मना रही है उत्सव मना रही है लेकिन शिवराज सरकार और उनके अफसर साथ में भारतीय जनता पार्टी का संगठन जनजाति वर्ग के साथ होने वाले अन्याय,अत्याचार, शोषण, प्रताड़ना से अंजान अनभिज्ञ है या जानकर भी जानबूझकर जनजातियों को शोषित प्रताड़ित होते देखना चाहते है।             ऐसी स्थिति सूदूर क्षेत्र ग्रामीण अंचलों में तो होगी ही लेकिन जिला मुख्यालय में भी जनजाति वर्ग के सदस्यगण शोषण का शिकार हो रहे है उनके साथ अन्याय,अत्याचार, होने के बाद अंजान है जिससे जनजातियों पर अन्याय, अत्याचार, शोषण करने वालों के हौंसले बुलंद है। सिवनी जिले में जनजातिय वर्ग की जमीनों को गैर जनजातिय वर्ग के भूमाफियाओं के द्वारा खरीदने के लिये नये नये षडयंत्र व धोखाधड़ी की जा रही है। 

राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की सांठगांठ भी भूमाफियाओं के साथ उजागर हो सकती है

जनजातिय वर्ग की जमीनों को गैर जनजातिय वर्ग को विक्रय करने की अनुमति दिये जाने का रिकार्ड बनाया गया है। इसका प्रमाण गोंडवाना समय के पास मौजूद है। इस खेल में भूमाफियाओं का बड़ा गिरोह काम कर रहा है और इन भूमाफियाओं को बढ़ावा वर्ष 2003 के बाद से भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही ज्यादा मिला है। सिवनी जिले में जनजातिय वर्ग की जमीनों को गैर जनजातिय वर्ग को विक्रय किये जाने के आंकड़े यदि मध्यप्रदेश सरकार बुलवा ले और अनुमति के लिये बताये गये कारण व दस्तावेजों को खंगाल ले तो भूमाफियाओं का बड़ा षडयंत्र उजागर हो सकता है इसमें राजस्व विभाग के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की सांठगांठ भी भूमाफियाओं के साथ उजागर हो सकती है। 

मुख्यमंत्री जी इलाज, विवाह, कृषि सुधार, शिक्षा के नाम पर जनजातिय वर्ग के सदस्य क्यों ले रहे अनुमति ? 

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार ़किसानों को ऋण की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। शैक्षणिक अध्ययन के लिये भी सरकार ऋण उपलब्ध करवा रही है। विवाह के लिये मुख्यमंत्री कन्यादान योजना चलाई जा रही है। उपचार के लिये दीनदयाल अंत्योदय योजना सहित आयुष्मान कार्ड से इलाज का लाभ दिया जा रहा है। इसमें विशेषकर जनजातिय वर्ग के लिये तो केंद्र से भी अनुदान में और मध्यप्रदेश सरकार भी अनेकों योजनाएं संचालित कर रही है।
            इसके बाद भी जनजातिय वर्ग की जमीनों को गैर जनजातियों को विक्रय करने के लिये विवाह, उपचार, शिक्षा, कृषि आदि कार्य के नाम पर अनुमति दी जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि या तो मध्यप्रदेश सरकार की योजना ढकोसला है या फिर शिवराज सरकार की इन योजनाओं का लाभ उनके अफसरों जानबूझकर जनजातिय वर्ग को नहीं दे रहे है इसलिये जनजातिय वर्ग के सदस्यों के द्वारा इलाज, विवाह, कृषि सुधार, शिक्षा के नाम पर जमीनों को बेचने की अनुमति मांग रहे है।
                यदि इसकी तह तक जाने की हिम्मत शिवराज सरकार दिखाये तो भूमाफियाओं का बड़ा गिरोह की भूमिका अपने आप सामने आ सकती है। जनजातिय वर्ग की जमीनों की अनुमति कराने में भूमाफिया सबसे ज्यादा सक्रिय है विशेषकर सिवनी जिले में भूमाफिया सिवनी से लेकर कमीशनर, व राजस्व मंडल कार्यालय ग्वालियर तक सक्रिय है। 

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