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स्व-शासन को मजबूती देने के लिए पेसा कानून लाया गया हैं-सर्व आदिवासी समाज

स्व-शासन को मजबूती देने के लिए पेसा कानून लाया गया हैं-सर्व आदिवासी समाज


दुर्गाप्रसाद ठाकुर, राज्य ब्यूरो प्रमुख छत्तीसगढ़
जगदलपुर। गोंडवाना समय। 

सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग के द्वारा जनपद पंचायत दरभा के पखनार में एक दिवसीय सामुदायिक वन प्रबंधन समितियों एवं गॉव के युवाओं का कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
            जिसमें सर्व आदिवासी समाज के युवा प्रभाग के अध्यक्ष सन्तु मौर्य ने बताया वन अधिकार अधिनियम 2006 नियम 2008 संशोधित 2012 के अंतर्गत ग्राम के पारंपरिक सीमा के अंदर सामुदायिक वन संरक्षण संवर्धन और प्रबंधन का अधिकार स्थानीय ग्रामसभा को दिया है। 

ग्राम सभाओं का उद्देश्य, महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया


वन विभाग केवल कृषि विभाग की भांति सामुदायिक अधिकार प्राप्त कर उनके क्षेत्र में कार्य करेगी। इसलिए स्थानीय सामुदायिक भवन प्रबंधन समितियों को वन का तकनीकी और पारंपरिक जानकारियां वन अधिकार समिति, वन प्रबंधन समिति एवं गोठान समिति को दिया गया।
            कार्यशाला में वन अधिनियम के सुदृढ़ नीतिगत ढांचे के अंतर्गत ग्राम सभाओं का उद्देश्य, महत्व और उपयोगिता के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दिया गया। वन अधिकार अधिनियम के वैधानिक प्रक्रिया के अंतर्गत सामुदायिक वन प्रबंधन समिति का गठन उनके दायित्व और जवाबदेही ग्रामसभा का बैंक खाता खोलने , ग्राम सभा का कार्यालय रिकॉर्ड संधारण तकनीकी प्रक्रिया के बारे में प्रशिक्षण दिया गया। 

हमारे लिए एक सशक्त कानून बन के तैयार है 


बनसिंह मौर्य ने पेसा एक्ट के 2022 के नियम को अवगत कराते हुए कहा कि (अनुसूचित क्षेत्रों के लिए विस्तार) पेसा अधिनियम, 1996  के नियम 2022 के प्रावधानों में अनुसूचीत क्षेत्र में आने वाले  ग्राम सभा को काफी सशक्त किया गया।
        इसके तहत ग्राम सभा को आदिवासी समाज की परंपराएं और रीति-रिवाज और उनकी सांस्कृतिक पहचान, समुदाय के संसाधन और विवाद समाधान के लिए परंपरागत तरीकों के इस्तेमाल के लिए सक्षम बनाया गया। ग्राम सभा को भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और विस्थापित व्यक्तियों के पुनर्वास में अनिवार्य परामर्श का अधिकार दिया गया।
            

इन्हें खान और खनिजों के लिए संभावित लाइसेंस/पट्टा, रियायतें देने के लिए अनिवार्य सिफारिशें देने का अधिकार भी दिया गया और भी कई अधिकार दिए गए। लक्ष्मीनाथ कश्यप ने  पंचायत उपबंध अधिनियम 2022 को विस्तार करते हुए कहा कि हमारे लिए एक सशक्त कानून बन के तैयार है उस कानून को हमें कठोर रुप से पालन करना चाहिए तब अपना अधिकार होगा।
            हमारे पूर्व पुरखों का सपना मावा नाटे मावा राज को साकार करना है। ग्राम सभा के अध्यक्ष सीताराम के अध्यक्षता में आरपीएमसी समिति ग्राम नया शांति समिति का गठन किया गया। इस दौरान सर्व आदिवासी समाज युवा प्रभाग अध्यक्ष सन्तु मौर्य, वन सिंह मौर्य, लक्ष्मीनाथ कश्यप, रूपचंद  नाग, सुखदेव बघेल,  जनपद पंचायत सदस्य हूंगा मड़ावी, सरपंच मंदे मरकाम,  बामन मड़ावी, सीताराम मंडावी, लखमा मरकाम, रामू कुंजाम, सुकलु मरकाम, जीतू मरकाम, जुगनू कुंजाम, शंकर मरकाम, राम कुमार मरकाम, सतन मरकाम आदि उपस्थित थे।

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