आदिवासी की निजी भूमि पर बिना सहमति व अनुमति के ही लगा दिया विद्युत पोल
पेट्रोल पंप के निर्माण में डीलर ने मनमर्जी से आदिवासी की जमीन पर लगाया विद्युत पोल
पीड़ित आदिवासी ने किया शिकायत
सिवनी। गोंडवाना समय।
आदिवासी की निजी भूस्वामित्व की जमीन पर बिना सहमति व अनुमति के ही एचपी पेट्रोल पंप डीलर के द्वारा बिजली के पोल गड़ाकर उस पर तार खिंचवा दिया। इस संबंध में जब बिजली के पोल व तार खींचते समय आदिवासी जमीन मालिक के परिवारजनों ने एचपी पेट्रोल पंप डीलर व उसके कर्मचारियों से चर्चा किया तो उनके द्वारा आदिवासी जमीन मालिक को धमकाया गया कि ये हमारी मर्जी हमें जहां गड़ाना होंगे वहां पर बिजली के पोल लगायेंगे तुम्हे जो करना हो कर लो, वहीं बिजली के पोल व तार खींचने वाले बिजली के ठेकेदार के द्वारा भी अपना कार्य नहीं रोका गया उसके द्वारा मनमर्जी से ही आदिवासी तुलसीराम टेकाम के परिवारजनों की निजी भूस्वामित्व की जमीन पर बिजली के पोल गड़ाकर तार लगा दिये गये।
जिससे प्रताड़ित होकर आदिवासी परिवारजन के द्वारा विद्युत विभाग सहित कलेक्टर व पुलिस प्रशासन को शिकायत की गई। वहीं शिकायत होने के बाद भी एचपी पेट्रोल पंप डीलर के द्वारा अपनी मनमर्जी से बिजली के पोल हटाया गया है जबकि वह अभी भी आदिवासी की निजी जमीन पर ही गड़ाया गया है इसको लेकर पीड़ित आदिवासी परिवार ने विद्युत विभाग, कलेक्टर व पुलिस प्रशासन से न्यायोचित कार्यवाही की मांग किया है।
आमाझिरिया वायपास चौक तहसील-सिवनी के पास का है मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार पीड़ित आवेदक तुलसीराम टेकाम पिता श्री किशोरीलाल टेकाम निवासी ग्राम आमाझिरिया, तहसील सिवनी की निजी भूमि पर अनावेदक एचपी पेट्रोप पंप डीलरशिप स्थान आमाझिरिया वायपास चौक, तहसील-सिवनी की शिकायत किया गया है जिसमें पीड़ित आवेदक ने उलेख किया है कि बिना अनुमति व सहमति के ही अनावेदक के द्वारा विद्युत विभाग के बिजली पोल को आवेदक की निजी भूमि में खड़ा किया गया है जिसे तत्काल हटाये जाने की कार्यवाही की जाने एवं अनावेदक के द्वारा वादविवाद करने पर कानूनी कार्यवाही करने की मांग किया है।
पीड़ित आवेदक की जमीन पर विद्युत पोल खड़ा करने से भविष्य में होगा आर्थिक नुकसान और बढ़ेगी परेशानी
पीड़ित आवेदक तुलसीराम टेकाम पिता श्री किशोरीलाल टेकाम ने बताया कि उनके परिवारजनों के नाम पर निजी भूमि प.ह.नं. 50/44 जिसका खसरा नंबर 233/1 है। पीड़ित आवेदक किसान तुलसीराम टेकाम पिता श्री किशोरीलाल की जमीन पर से एचपी पेट्रोल पंप डीलर के द्वारा बिना किसी अनुमति व सहमति के ही विद्युत पोल खड़ा करवा दिया गया है जो कि नियम के विरूद्ध है।
पीड़ित आवेदक किसान का कहना है कि उसकी निजी भूमि पर से विद्युत पोल खड़ा करने एवं विद्युत तार ले जाने पर हमें आपत्ति है क्योंकि हम अपनी निजी जमीन पर भविष्य में खेती किसानी से संबंधित एवं अन्य निर्माण कार्य करायेंगे या करेंगे तो हमें समस्याओं का सामना करना पड़ेगा और हमें आर्थिक नुकसान के साथ साथ शारीरिक नुकसान भी सहना पड़ेगा।
तत्काल लगाये गये विद्युत पोल को हटाये जाने की मांग किया
पीड़ित आवेदक किसान ने अपनी शिकायत में उल्लेख किया है कि उसकी निजी जमीन पर विद्युत पोल लगाये जाने के संबंध में जब एचपी पेट्रोल पंप डीलरशिप के प्रबंधन व कर्मचारियों से कहा गया तो उनके द्वारा अनावश्यक वादविवाद किया जा रहा है भविष्य में इनके द्वारा मुझे शारीरिक नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है इसलिये अनावेदक पर कानूनी कार्यवाही की जावे।
पीड़ित शिकायतकर्ता ने विद्युत विभाग, कलेक्टर सहित पुलिस प्रशासन से आग्रह किया है कि ग्राम आमाझिरिया वायपास निमार्णाधीन एचपी पैट्रोल पंप के लिये विद्युत सुविधा हेतु विद्युत पोल एवं िवद्युत तार लगाये जाने का कार्य आवेदक किसान की निजी जमीन पर किया जा रहा है जो कि गलत व अवैधानिक है जिस पर मुझे आपत्ति है इसलिये तत्काल लगाये गये विद्युत पोल को हटाये जाने की मांग किया है।
आदिवासी के नाम पर पेट्रोल पंप को गैर आदिवासी द्वारा लाभ कमाने संचालित करने की हो रही चर्चा
पीड़ित आवेदक के द्वारा जब विद्युत पोल गड़ाये जाने के संबंध में आपत्ति ली गई तो उसके बाद एचपी पेट्रोल पंप के डीलर का तो अता पता नहीं रहा लेकिन उसे संचालित कर लाभ कमाने वाले गैर आदिवासी का नाम व चेहरा जरूर सामने आया, उसके द्वारा पीड़ित आदिवासी को धमकाने की कोशिश भी की गई है।
वहीं आमाझिरिया ग्राम के ग्रामीणजनों के बीच में यह चर्चा सामने आई कि वायपास के पास एचपी पेट्रोल पंप नया बन रहा है वह किसी आदिवासी के नाम पर स्वीकृत हुआ है और आदिवासी के नाम से है लेकिन उसे किसी गैर आदिवासी के द्वारा संचालित किया जायेगा और गैर आदिवासी ही लाभ कमायेगा अर्थात पेट्रोल पंप के डीलरशिप में नाम सिर्फ आदिवासी का रहेगा लेकिन माल और लाभ गैर आदिवासी कमायेगा।
हालांकि यह सच्चाई सामने नहीं आई है कि आमाझिरिया वायपास के बन रहा पेट्रोल पंप किसी आदिवासी के नाम पर स्वीकृत हुआ है या किसी गैर आदिवासी के नाम पर स्वीकृत हुआ है। इसकी सत्यता अभी सामने नहीं आई है लेकिन चर्चा यही हो रही है। इसमें कितनी सत्यता है इसका पता लगाने का प्रयास गोंडवाना समय द्वारा किया जा रहा है जिसका वास्तविकता से जल्द ही अवगत कराया जायेगा।