जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम के लिये देश के सभी ट्राईबल समुदाय को एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है
कारबी जनजाति सामाजिक/धार्मिक अगुवा जनों द्वारा पारंपरिक पूजा पाठ व प्रार्थना से किया गया
सेमिनार में युवा गायक तारथे रोंगपी एवं गायिका पंचामी तिरोनगपी ने बहुत सुन्दर गीत प्रस्तुत किया
गुवाहाटी/असम। गोंडवाना समय।
जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम पुन: बहाल कराने हेतु 25 जून 2023 दिन रविवार को विवेकानन्द केन्द्र इन्स्टीट्यूट आॅफ कल्चर, ऊजान बाजार, गुवाहाटी (असम) में एक दिवसीय सेमिनार कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत कारबी जनजाति सामाजिक/धार्मिक अगुवा जनों के द्वारा पारम्परिक पूजा पाठ तथा प्रार्थना से किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डा0 महाविष्णु टोकवी ने किया। मंच संचालन श्री अमृत इंती ने किया। सेमिनार को विशेष रूप से श्री राजकुमार कुंजाम राष्ट्रीय सह संयोजक राष्ट्रीय आदिवासी-इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति भारत, श्री अमृत इंती संयोजक असम ईकाई राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति, भारत, डा0 महाविष्णु टोकवी मुख्य संयोजक असम ईकाई राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति, भारत, श्री चन्दन लोहरा पं0 बंगाल, मेघालय से पेरियार धार, अरविंद उराँव मुख्य संयोजक, महिला नेत्री श्रीमति निरंजना हेरेंज टोप्पो झारखण्ड ने संबोधित किया।
ट्राईबल कॉलम पुन: लागू कराने के लिए किया जा रहा सेमीनार आयोजित-अरविंद उरांव
सेमिनार को संबोधित करते हुए अरविंद उराँव मुख्य संयोजक राष्ट्रीय आदिवासी इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति, भारत ने कहा आदिवासियों-जनजातियों के अस्तित्व, आस्था एवं पहचान के लिए जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम पुन: लागू कराने के लिए भारत देश के सभी राज्यो में सेमिनार आयोजित किया जा रहा है।
इसके साथ ही देश की राजधानी नई दिल्ली में वर्ष 2015 से लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है और केन्द्र सरकार को माँग पत्र सौंपा जा रहा है। उन्होंने कहा कि अभी तक तीन राज्य झारखण्ड, प0 बंगाल, आंध्र प्रदेश सरकार ने अनुशंसा पत्र केन्द्र सरकार को भेज दिया है। इस प्रकार हमारी माँग पर कई राज्यो के सरकार केन्द्र सरकार को अनुशंसा पत्र भेज रहे हैं। यह हमारे लिए शुभ संकेत है।
इस आंदोलन की शुरूआत गुवाहटी से शुरू हो चुकी है-राजकुमार कुंजाम
सेमिनार को संबोधित करते हुए श्री राजकुमार कुंजाम राष्ट्रीय सह संयोजक नोर्थ इस्ट के असम राज्य के मुख्यमंत्री डा0 हेमन्तो विश्व शर्मा को माँग पत्र सौंपा जाएगा तथा बहुत जल्द असम सरकार के साथ-साथ मेघालय, अरूणाचल प्रदेश, मिजोरम, नागालैण्ड, मणिपुर, त्रिपुरा, सिक्किम राज्यो से अनुशंसा पत्र भिजवाया जाएगा। इस आंदोलन की शुरूआत गुवाहटी से शुरू हो चुकी है।
आने वाले समय में निश्चित ही माँग पूरी होगी - श्रीमति निरंजना हेरेंज टोप्पो
झारखण्ड की महिला नेत्री श्रीमति निरंजना हेरेंज टोप्पो ने कहा कि यह सही समय है देश के सभी ट्राईबल समुदाय को एकजुट होकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
आने वाले समय में निश्चित ही माँग पूरी होगी और बहुत जल्द होगी। कार्यक्रम में टेकनिकल सेल के विकास मिंज और बिगू उराँव ने विजुअल मीडिया के द्वारा देश के विभिन्न राज्यो में रहने वाले ट्राईबल समूह की आँकड़ा प्रस्तुत किया।
ट्राईबल कॉलम को पुन: लागू कराने के लिए हम लोग सरकार पर दबाव बनायेंगे-पेरियार धार
सेमिनार में नार्थ ईस्ट राज्यों के सभी राज्यों से आये प्रतिनिधियों खासकर मेघालय के पेरियार धार ने कहा कि ने सेमिनार में कहा कि देश के इस रीजन में भी ट्राईबल कॉलम को पुन: लागू कराने के लिए हम लोग सरकार पर दबाव बनायेंगे । बहुत जल्द ही हमलोग राज्य सरकार को माँग पत्र सौपेगे और केन्द्र सरकार को अनुशंसा पत्र भेजने हेतू हर संभव प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि अगला सेमिनार मेघालय में किया जाएगा।
ट्राईबल कॉलम देश की आदिवासियों/जनजातियों के पहचान के लिए हैं-चन्दन लोहरा
चन्दन लोहरा संयोजक पं0 बंगाल ने कहा कि जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम देश की आदिवासियों/जनजातियों के पहचान के लिए हैं। हमारे ऊपर चौतरफा हमला हो रहा है। जमीन हमसे छीना जा रहा है। हमारी भाषा-संस्कृति की संवर्धन और संरक्षण की अति आवश्यक है। हमें षडयंत्र के तहत रंग रूप के भेद भाव में, ऊँच -नीच जाति में, 5 वीं और 6 वीं अनुसूची के संवैधानिक अधिकारों में तो क्षेत्रवाद में बाँटा गया। हम सब मिलकर एकता में रहकर ही आने वाली परेशानियों से निजात पा सकते हैं।
ट्राईबल समुदाय की जनसंख्या की जानकारी दी गई
राष्ट्रीय आदिवासी-इंडीजीनस धर्म समन्वय समिति, भारत के टेकनिकल सेल के सर बिगू उराँव जी और विकास मिंज जी ने असम राज्य में रह रहें सभी ट्राईबल समुदाय के 2011 के सरकारी आँकड़ों को प्रोजेक्टर के द्वारा प्रस्तुत किया और नार्थ ईस्ट के सभी ट्राईबल समुदाय की अपनी अपनी मान्यताओं जिस पर उन लोगों की आस्था है, जिस पर ट्राईबल समूह विश्वास करता है मानता है विस्तार पूर्वक प्रस्तुत किया। इससे सभी ट्राईबल समुदाय के लोगों को अपने जनसंख्या का विस्तृत जानकारी प्राप्त हुआ।
विश्व आदिवासी दिवस पर ट्राईबल कॉलम के लिये ऐतिहासिक आयोजन किया जायेगा
सेमिनार में परिचर्चा के बाद निर्णय लिया गया कि केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए 9 अगस्त विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सम्पूर्ण भारत देश के सभी राज्यो में छोटे-छोटे भूभागों में, गली मुहल्ले में, गाँव-शहरों में जनगणना प्रपत्र में ट्राईबल कॉलम पुन: लागू कराने हेतू तखती बैनर के साथ प्रदर्शन किया जाएगा। कार्यक्रम पूर्णत: शांतिपूर्ण एवं संवैधानिक तरीके से किया जाएगा।
यह दिन भारत देश के आदिवासियों/जनजातियों के लिए ऐतिहासिक होगा। सेमिनार में मेघालय से पेरियार धार, प0 बंगाल से चन्दन लोहरा, असम से रामचन्द्र नेताम ने सेमिनार में अपनी बातें रखी। कार्यक्रम में उर्मिला उराँव, गंगाधर नेताम, बोलेशर हंसे, बीरेन तेरोन, बाबू बे, आॅन तेरोन आदि सैकड़ो लोग सेमिनार में उपस्थित हुए। सेमिनार में युवा गायक तारथे रोंगपी एवं गायिका पंचामी तिरोनगपी ने बहुत सुन्दर गीत प्रस्तुत किया।