पैदल और साइकिल पर घूम घूमकर गोंडवाना आंदोलन के लिये हरनाम मरावी संघर्ष आज भी जारी है
गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने कुशल कार्य के लिए हरनाम मरावी को प्रमाण पत्र भी दिए
बैहर/बालाघाट। गोंडवाना समय।
गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री हरनाम मरावी का जन्म 11 जून 1973 को जबलपुर में हुआ।
पहली कक्षा से लेकर तीसरी कक्षा तक उन्होंने जबलपुर घमापुर प्राथमिक शाला में ही पढ़ाई की उनके पिता श्री महेंद्र लाल मरावी जबलपुर व्हीकल फेक्ट्री में सर्विस करते थे जो कि 1982 को लंबी बीमारी के चलते पेनजीवा हो गए पिता जी के मृत्यु के बाद उनकी माता जयंती मरावी बच्चों को लेकर मायका गांव चंदिया परसवाड़ा बालाघाट आ गई और यही पर बड़े भाई के घर में रहकर जीवन-यापन गुजर बसर कर हरनाम मरावी को कक्षा चौथी और पांचवी गांव के ही स्कूल चंदिया में पढ़ाया, कक्षा 5 वी पास करने के बाद मिडिल स्कूल 6 वी से लेकर 8 वी तक मजगाव में पढ़ाई की, उसके बाद पिता जी अनुकम्पा नियुक्ति नोकरी हेतु 9 वी 10 वी जबलपुर से उत्तीर्ण की काफी प्रयास करने के बावजूद भी पिता जी की नोकरी नहीं मिल पाई।
हरनाम मरावी जबलपुर से सीधे बैहर में 11 वी कक्षा में एडमिशन लिया और 11 वी उत्तीर्ण करने के बाद पुन: हरनाम जबलपुर चले गए और वहां से 12 वी कक्षा उत्तीर्ण की और पिता जी की नोकरी पाने के लिए हरनाम मरावी ने जबलपुर में 600 रुपये की नोकरी जबलपुर दैनिक भास्कर प्रेस में काम किया ओर बेलदारी का भी काम करना पड़ा तभी बड़ा देव की असीम कृपा से जबलपुर रांझी के संजय मरावी से दैनिक भास्कर में मुलाकात हुई।
हरी मरावी जी के मार्गदर्शन पर हरनाम मरावी की गोंड़वाना आंदोलन में शुरूआत प्रारंभ हुई
इसके बाद उन्होंने हरनाम मरावी को अपने घर पर शरण दिया और अपने पिता श्री कोमल मरावी जी व बड़े भाई वरिष्ठ समाज सेवी हरी मरावी जी से रूबरू मिलाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यहीं से हरी मरावी जी के मार्गदर्शन पर हरनाम मरावी की गोंड़वाना आंदोलन में शुरूआत प्रारंभ हुई। इसके पश्चात हरनाम मरावी ने गोंड़वाना के राजाओं महाराजाओं के फोटो, कलेंडर व अन्य सामग्री बेचने की शुरूआत किया। मध्यप्रदेश के अंदर जहाँ भी कार्यक्रम होते थे हरनाम मरावी सामग्री लेकर पहुंच जाते थे। गोंडवाना रत्न दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने कुशल कार्य के लिए हरनाम मरावी को प्रमाण पत्र भी दिए।
हरनाम मरावी राष्ट्रीय प्रचार मंत्री के पद पर हैं
वहीं उसके बाद दादा हीरा सिंह मरकाम जी ने गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी बालाघाट परसवाड़ा की जिम्मेदारी देते हुए सेक्टर अध्यक्ष का पदभार संभालने और अपने क्षेत्र को जाग्रत करने हेतु पूर्व विधायक दरबू सिंह उइके के समक्ष बहुत बड़ा जिम्मा सौंप दिए, बंजर कुमादेही परिक्षेत्र 19 गांव से लेकर परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र तक संभालना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था, उस समय यातायात का साधन बिल्कुल उपलब्ध नहीं था, साइकिल पर घूम घूमकर हरनाम मरावी ने उस समय बहुत संघर्ष किया।
वहीं उसके बाद ब्लाक उपाध्यक्ष भी रहे फिर संभागीय संगठन मंत्री आज पूरे भारत देश में जाने माने हरनाम मरावी राष्ट्रीय प्रचार मंत्री के पद पर हैं और दादा मरकाम जी के अधूरे सपनों को साकार करने के लिए निस्वार्थ भाव से अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं।
मेट से लेकर जनपद सदस्य बनकर किया बढ़िया कार्य
राजस्थान के कान्ति भाई रोत ने कहा कि हरनाम मरावी जी का जीवन परिचय अदभुत है इन्होंने काफी बड़ी और कड़ी संघर्ष किया है। कई धरने प्रदर्शन, चका जाम,आंदोलन में इन्होंने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया है। इसके साथ ही पंचायत में 15 साल मेट पद पर भी रहे उसके बाद जनपद सदस्य रहकर अपने क्षेत्र में बढ़िया काम किए हैं जो कि सबको एक अच्छा प्रेरणा देता है।
हरनाम मरावी के 50 वर्ष पूर्ण होने की बधाइयाँ भारत देश के वरिष्ठ शोधकर्ता चिंतनकार दादा तुलेश्वर मरकाम राष्ट्रीय अध्यक्ष, भंवरलाल परमार राजस्थान, विजय मछार गुजरात, बबीता कच्छयप, उमेश चंद्र बेसरा झारखंड, नारायण मरकाम अश्विन कांगे, नार्वेन केसव तेकाम, हेमंत बस्तरिया, मंगला ताई, सुशीला धुर्वे, विक्रम आछालिया, डॉक्टर आंनद राय मध्यप्रदेश, डॉक्टर शिवमुनि गोंड उत्तरप्रदेश, राजेश गोंड़ बिहार, लखिन्दर मुला असम एवं समस्त सामाजिक धार्मिक राजनैतिक दलों के बुद्धिजीवियों ने बधाई दी है।