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अपराधियों के विरुद्ध कठोर नियम कानून का निर्माण किया जाए अन्यथा हम अपने समाज की आत्मरक्षा के लिए ईंट का जवाब पत्थर से देंगे

अपराधियों के विरुद्ध कठोर नियम कानून का निर्माण किया जाए अन्यथा हम अपने समाज की आत्मरक्षा के लिए ईंट का जवाब पत्थर से देंगे 

भारत में आदिवासी/मूलनिवासियों पर हो रहे अभद्र अत्याचार एवं अमानवीय हरकतों के विरुद्ध कठोर निर्णय व कानून बनाकर अपराधों में अंकुश लगाया जाए

बिरसा ब्रिगेड ने कलेक्टर के नाम राष्ट्रपति राज्यपाल एवं जनजाति कार्य विभाग को ज्ञापन सौंपा 


बालाघाट। गोंडवाना समय।

बिरसा ब्रिगेड भारत बालाघाट (म.प्र.) के द्वारा भारत के विभिन्न राज्यों (म. प्र. स. ग. उत्तरप्रदेश, आदि) स्थानों में आदिवासी / मूलनिवासियों पर हो रहे अत्याचारी, अमानवीय हरकती, शोषण, दमन, बलात्कार, षडयंत्र, अश्लील हरकत, आक्रमण, अतिक्रमण एवं संक्रमण जैसे आतंकित व्यवहार के विरुद्ध घोर निंदा विरोध एवं आपत्ति सरकार को प्रकट कर प्रदर्शित करती है।
            अभी वर्तमान में आदिवासी समाज के भोले-भाले व्यक्तियों एवं बच्चों पर निम्नानुसार अमानवीय आतंकित कृत्य उच्च वर्णीय कहे जाने वाले तथाकथित व्यक्तियों के द्वारा किया गया है। आदिवासियों पर अत्याचार को लेकर साथियों के साथ अंबेडकर चौक में भाजपा सरकार का पुतला दहन और विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान प्रमुख रूप से शुभंम उईके, सतेंद्र इनवाती, मिथलेश उइके, राहुल सिरसाम, राहुल मरावी और अन्य साथी उपस्थित रहे। 

ऐसे हैवान अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर न्याय व सुरक्षा दिलाये 


जिला झाबुआ में पदस्थ संवैधानिक प्रशासनिक अधिकारी आईएम सुनील झा ने अपने पद का दुरुपयोग कर शाम के समय आदिवासी बालिका छात्रावास में बच्चियों के अम्लील हरकतें कर शासन-प्रशासन व देश की जनता को शर्मसार कर दिया है।
                इस पद के पीछे छिपे इस भेड़िये के कारण आदिवासी समाज का भरोसा प्रशासनिक अधिकारियों से भी उठ गया है, ऐसे हैवान अपराधियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही कर न्याय व सुरक्षा दिलाये।
         जिला सीधी में हुए पेशाब कांड जो कि सीधी विधायक प्रतिनिधि शुक्ला (भाजपा) के द्वारा यह कृत्य जानबूझकर शराब का सेवन करके किया गया इस घटना से ये प्रतीत होता है कि ये लोग देश के संविधान को नहीं मानते और हिटलर शाही, मनुवादी कानून को थोपते हुए अत्याचार को जन्म देना चाहते है इन अपराधियों के खिलाफ शख्त कानून बनाकर संविधान व देश के मालिकों (आदिवासी / मूलनिवासियों) को न्याय दिलाये।

दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही कर दण्ड देने की करते है मांग

जिला बालाघाट के बिरसा ब्लॉक धर्मशाला गांव में आदिवासी महिला के साथ अभद्र व्यवहार जिसके कारण हत्या हुई।
            लाजी तहसील में वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा आदिवासी बैगा जाति के व्यक्ति के ऊपर षणयंत्र पूर्वक अत्याचार शोषण करने से हत्या हुई, दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही न होने का विरोध एवं निंदा करते है। दोषियों के विरुद्ध त्वरित कार्यवाही कर दण्ड देने की मांग करते है। इंदौर में आदिवासी मजदूर श्रमिकों के ऊपर मारपीट कर कूर व्यवहार में दोषी के ऊपर कठोर कार्यवाही की मांग करते हैं। 

अपराधों के खिलाफ कठोर कानून व्यवस्था का निर्माण कर देश के मालिकों को की जाए सुरक्षा प्रदान 

सिवनी (कुरई) में आदिवासी भाइयों को गौ मास के झूठे आरोप में पीट-पीट कर हत्या बजरंग दल वालों के द्वारा की गई। ऐसे मामलों के लिए कानून व्यवस्था बनाई गई है, किंतु ये खुद को कानून मानकर आदिवासियों पर जुल्म पे जुल्म कर रहे है ऐसी घटनाओं का हम विरोध करते है और आपसे ऐसे सुरक्षित कानून व्यवस्था की मांग करते है।
            म.प्र. एवं छ. ग. में आदिवासी बहन-बेटियों के साथ गांव, शहर छात्रावास में बलात्कार व अश्लील हरकतें करते है तथा वनाचालो में आदिवासियों को मारकर उन्हें जबरन नक्सली का थप्पा लगा रही है ऐसे अपराधों के खिलाफ कठोर कानून व्यवस्था का निर्माण कर देश के मालिकों (आदिवासी/मूलनिवासियों) को सुरक्षा प्रदान की जाए।

जघन्य अपराध दिन-प्रतिदिन होते जा रहे हैं 

 उपरोक्तानुसार घटनाएँ, शोषण, अत्याचार, उत्पीड़न, बलात्कार, संक्रमण, आक्रमण एवं अतिक्रमण आदिवासी/ मूलनिवासी समाज की बहन बेटियों, भाइयो एवं कमजोर शोषितों के साथ संविधान में प्रदत्त अधिकारों के विरुद्ध जघन्य अपराध दिन प्रतिदिन होते जा रहे है, उसके बाउजूद भी आदिवासी/मूलनिवासियों पर अपराधों में अंकुश लगाने का नाम नहीं लग रहा है।
                इस संवैधानिक प्रशासनिक पदों का सम्मान करते है, पर इन पदों में बैठे अधिकारियों की अश्लील हरकतों ने भरोसा कम कर दिया है। अत: आप से पूरे आदिवासी मूलनिवासी समाज की ओर से अपील करते है कि संविधान विरोधियों एवं अत्याचार अपराधियों के विरुद्ध कठोर नियम कानून का निर्माण किया जाए अन्यथा हम अपने समाज की आत्मरक्षा के लिए ईंट का जवाब पत्थर से देंगे। जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी शासन-प्रशासन की होगी।



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