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भीमा कोरेगांव महार रेजीमेंट की शौर्य गाथा पर 1 जनवरी को शौर्य दिवस का आयोजन

भीमा कोरेगांव महार रेजीमेंट की शौर्य गाथा पर 1 जनवरी को शौर्य दिवस का आयोजन 

बाबा साहब आंबेडकर जी हर वर्ष भीमा कोरेगांव जाकर वीर शहीदों को मान वंदना देने जाते थे 

सिवनी। गोंडवाना समय। 

आल इंडिया समता सैनिक दल सिवनी की ओर से जानकारी देते हुये एडव्होकेट सुरेन्द्र बारमाटे ने बताया कि प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी भीमा कोरेगांव स्मृति दिवस के अवसर पर शौर्य दिवस का आयोजन डॉ भीमराव आंबेडकर चौक सिवनी में आयोजित किया गया है।
        


उक्त जानकारी देते हुये आगे एडव्होकेट सुरेन्द्र बारमाटे ने बताया कि 1 जनवरी 2024 को सुबह 9 बजे वीर महार सेनिको को सलामी व मान वंदना दी जाकर सुबह 9.30 बजे डॉ आंबेडकर जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जायेगा। तत्पश्चात 10 बजे सामूहिक वंदना व वक्तव्य का आयोजन होगा एवं कार्यक्रम का 11 बजे समापन होगा।  

ब्रिटिश सरकार ने भीमा नदी के तट पर शहीद स्मारक बनाकर अजर अमर कर दिया 

एडव्होकेट सुरेन्द्र बारमाटे ने जानकारी देते हुये आगे बताया कि 1 जनवरी शौर्य दिवस पर संगोष्टि परिचर्चा का आयोजन किया जाता है और समाज को विश्व की सबसे अनूठी लड़ाई युद्ध जो 1818 को लड़ा गया था।
            जिसे इतिहास के पन्नों में कही जगह नहीं मिली किन्तु ब्रिटिश सरकार ने भीमा नदी के तट पर शहीद स्मारक बनाकर इस अविस्मरणीय अद्वितीय युद्ध को शिलालेखों में महार बटालियन के शौर्य व पराक्रम को लिखकर अजर अमर कर दिया था। 28000 हजार की बाजीराव पेशवा द्वितीय की सेना से 500 महार सेनिको ने गाजर मूली की तरह काटकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। 

महार जाति के लोग शूरवीर पराक्रमी योद्धा थे 

एडव्होकेट सुरेन्द्र बारमाटे ने जानकारी देते हुये बताया आगे बताया कि डॉ भीमराव आंबेडकर जी को जब इतिहास का पता चला तो बाबा साहब आंबेडकर जी हर वर्ष भीमा कोरेगांव जाकर वीर शहीदों को मान वंदना देने जाते थे और अपने लोगो के बीच यह जाग्रति फैलाते थे कि महार जाति के लोग शूरवीर पराक्रमी योद्धा थे, अन्याय अत्यचार का विरोध करना शुरू करो तुम लड़ाकू कोम के बच्चे हो। 


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