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बागरी जाति प्रकरण में कमिश्नर न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट जबलपुर ने यथावत रखा

बागरी जाति प्रकरण में कमिश्नर न्यायालय के आदेश को हाईकोर्ट जबलपुर ने यथावत रखा 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

विगत दिनों जिला पंचायत चुनाव में वार्ड क्रमांक 01 के निवार्चन में इस आधार पर चुनोती दी गई थी कि सिवनी जिले के बागरी जाति के सदस्य अनुसूचित जाति में नही आते है। मात्र शपथपत्र के आधार पर कोई व्यक्ति अनुसूचित जाति का फायदा नहीं ले सकता है।
            


उक्त जानकारी देते हुये एडव्होकेट सुरेन्द्र बारमाटे ने बताया कि अनुसूचित जाति के सदस्य रामप्रसाद डहेरिया ने एक निर्वाचन याचिका न्यायालय कमिश्नर जबलपुर के समक्ष प्रस्तुत कर निर्वाचन शून्य घोषित करने प्रस्तुत किया था जिस पर कमिश्नर न्यायालय ने 26 नंबवर 2023 को बागरी जाति के सदस्य ब्रजेश बधेल का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया था।

                जिस पर उक्त आदेश पर ब्रजेश उर्फ लल्लू बागरी ने मप्र उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कमिश्नर न्यायालय के आदेश को चुनोती दी गई थी। दिनांक 28 दिसंबर 2023 को उच्च न्यायालय जबलपुर ने आदेश पारित कर कमिश्नर न्यायालय के आदेश को पुष्ट कर याचिका खारिज कर दी है। उक्त निर्णय भविष्य में आगे की लड़ाई में एक मजबूत कड़ी साबित होगी तथा उपचुनाव लड़ने वालों के लिए राहतभरी खबर होगी। 

रामप्रसाद डेहरिया के प्रयास से अनुसूचित जाति वर्ग को मिला हक अधिकार 


हम आपको बता दे कि कांग्रेस पार्टी के नेता व पदाधिकारी जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 1 में ब्रजेश बघेल उर्फ लल्लू बघेल अनुसूचित जाति वर्ग के लिये आरक्षित सीट से बिना जाति प्रमाण पत्र के शपथ पत्र के आधार पर ही जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़कर जीतने के बाद जिला पंचायत के उपाध्यक्ष भी बन गये थे।
         इस संबंध में अनुसूचित जाति वर्ग के रामप्रसाद डेहरिया के द्वारा याचिका लगाई थी इसके लिये रामप्रसाद डेहरिया ने भरसक प्रयास किया था। रामप्रसाद डेहरिया के मेहनत व प्रयास के कारण जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 1 में शपथ पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने वाले ब्रजेश बघेल का निर्वाचन शून्य हुआ था। इसके बाद निर्वाचन आयोग द्वारा पुन: जिला पंचायत सदस्य क्रमांक 1 में अनुसूचित जाति वर्ग के लिये निर्वाचन की प्रक्रिया कराई जा रही है।
                निर्वाचन प्रक्रिया में देखा जा रहा है कि अनुसूचित जाति वर्ग के अलावा बागरी जाति के कुछ लोगों ने जिला पंचायत सदस्य के फार्म भरा है जिसमें भाजपा की ओर से अधिकृत प्रत्याशी भी घोषित किया गया है। वहीं अनुसूचित जाति वर्ग के भी कुछ लोगों ने फार्म भरकर जिला पंचायत सदस्य के निर्वाचन में भाग ले रहे है।                             

अनुसूचित जाति वर्ग में यही चर्चा है कि रामप्रसाद डेहरिया की मेहनत व प्रयास के कारण ही जिला पंचायत सदस्य क्षेत्र क्रमांक 1 में अनुसूचित जाति वर्ग को हक अधिकार मिला है। इसमें रामप्रसाद डेहरिया की मुख्य भूमिका है। रामप्रसाद डेहरिया जिला पंचायत सदस्य के चुनाव मैदान में खड़े हुये है उनका चुनाव चिह्न फावड़ा वेलचा है। 

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