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मीणा संस्कृति के रक्षक जमीन से जुड़े गायक कलाकारों ने पुरखों की विरासत संभाल रखी है

मीणा संस्कृति के रक्षक जमीन से जुड़े गायक कलाकारों ने पुरखों की विरासत संभाल रखी है

झाड़ोदा कन्हैया पद दंगल जोठ द्वारा सम्मान में सांस्कृतिक आयोजन


राजस्थान। गोंडवाना समय।
 

राजस्थान के गंगापुर सिटी जिले की बरनाला तहसील के ग्राम पंचायत झाड़ोदा गॉंव के झाडोदा कन्हैया पद दंगल जोठ के द्वारा शानदार मीणा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मीणा आदिवासी समुदाय के पुरखों की आरेचर वाचिक-मौखिक शैली के साथ सांस्कृंतिक गीत संगीत नाचकूद का अद्भूत रोमांचकारी, गौरवशाली प्रदर्शन किया गया।
            


मीणा संस्कृति के रक्षक जमीन से जुड़े गायक कलाकारों ने अपनी कर्मठ जीवन शैली से खेती-किसानी, पशुपालन, जंगल, पहाड़, धरती को अपने खून पसीने से सिरजकर पुरखों की विरासत संभाल रखी हैं। संसार की सबसे प्राचीन अरावली पर्वत माला के सबसे पुराने देशी बाशिंदें मीणा आदिवासियों ने अपनी कन्हैया पद दंगल गीत शैली नाचकूद, नृत्य के माध्यम से सदियों पुरानी मौखिक विरासत को पीढ़ी-दर-पीढ़ी संग्रहित और प्रवाहित करते आये हैं। 

मीणा अरावली के आदिवासी हैं 


मीणा अरावली के आदिवासी हैं जिनकी मातृभाषा मीणी भाषा में मौखिक परंपरा का सदियों का ज्ञान भण्डार प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है। सदियों पुराने ज्ञान भण्डारों को आरेचर कहते है। आरेचर-मौखिक विरासत में मीणी भाषा, संस्कृति, इतिहास, परंपरा, जीवन-शैली, जीवन-दर्शन, आदिवासी जीवन मूल्य, आदिवासियत, समानता, सहभागिता, सामुहिकता, समान न्याय, सहजीविता, सहनिर्भरता आदि सभी जीवंत रूप में समाहित हैं।

डॉ हीरा मीणा को विशेष रूप से सम्मानित किया 


4 फरवरी, 2024 को गंगापुर सिटी में बरनाला तहसील के झाडौदा गांव में प्रसिद्ध और कर्मठ गायक कलाकार कमलेश गुरूजी मेडिया और मनराज ठेकेदार मेडिया ने डॉ हीरा मीणा को मीणी भाषा संस्कृति, मौखिक साहित्य को सहेजने और देश दुनिया में पहुँचाने के लिए मुख्य अति‍थि के रूप में बुलाकर विशेष रूप से सम्मानित किया।                     मीणा संस्कृति और आदिवासियत की जड़ों को मजबूती देने वाले धरती पुत्रों ने तीन गॉंवों की जोठो के साथ कन्हैसया पद दंगल पार्टी के सामूहिक सांस्कृ तिक गीत गायन के साथ नाचकूद नृत्य का गौरवशाली प्रदर्शन किया गया।
            वाद्य यन्त्रों में घेरा, नौबत, झांझ, मंजीरों के साथ 6 प्रमुख मेडिया और टीम के 200 से अधिक सदस्योंय के साथ अद्भुत सामंजस्यं के माध्याम से कन्हैया पद दंगल कार्यक्रम का प्रभावशाली, मनमोहक, ओज से भरपूर सबके रोम-रोम को थिरकाकर सराबोर करके रोमांचकारी और यादगार अवसर बना दिया। 

गीत गायन और नाच-कूद शैली से सबको सराबोर कर दिया 


सांस्कृतिक सम्मान कार्यक्रम में झाडोदा कन्हैया पद दंगल पार्टी के कमलेश गुरूजी मेडिया व मनराज मेडिया के साथ टीम में 70 से अधिक सदस्य  थे। जिनमें प्रमुख नारायण मीणा, मनराज मीणा, गिर्राज मीणा, रामोतार मीणा, सूरजमल मीणा, रामकिशन मीणा, लखन लाल मीणा, मेघराज मीणा, कजोडमल मीणा, रामकिशन मीणा, रघुवीर मीणा, भरत लाल मीणा, मुकुंदा आदि के साथ 60 सदस्यों की जोठ शामिल हुई।
                    मीणा समाज के परंपरागत गीत गायन कन्हैया पद दंगल जोठ ने युद्धकौशल के माफिक शैली में ऊजार्वान प्रस्तुति करते हुए उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सुन्दपरी कन्हैुया पद दंगल पार्टी के मेडिया मुरारी लाल और उनकी टीम के 60 लोकगायकों ने ढॉचा गायन और कन्हैया दंगल में पारंपरिक शैली में ज्ञान से परिपूर्ण कथाओं को गीतों में गाकर सबका मनमोह लिया।
                     मेहसुवा कन्हैया पद दंगल पार्टी के मेडिया भगवान सहाय के साथ टीम के 70 गायक कलाकारों अपनी गीत गायन और नाच-कूद शैली से सबको सराबोर कर दिया। तीनों कन्हैया पद दंगल जोठों ने सुबह से शाम तक लगातार सांस्कृतिक और ऐितहासिक पद कथाओं के गायन के साथ सामूहिक नाच-कूद कर बेजोड़ रंगा-रंग प्रस्तुतियॉं देकर सबका तन-मन जोश और ओज से लबालब भर दिया। 

स्वागत सत्कार के साथ मीणा संस्कृति का साफा-फाटा बंधवाया

कार्यक्रम के मुख्यं आयोजक झाडोदा मेडिया कमलेश गुरूजी वरिष्ठन व्याख्यााता के पद पर कार्यरत है। साथी मनराज मेडिया खेती-किसानी से जुड़े हुए है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. हीरा मीणा, डॉ. गौतम कुमार मीणा (दिल्ली ), रघुनाथ सिंह जी मीणा, श्रीमती पूनम मीणा जी (गांव डिबस्याा), राजेश मीणा (गांव जारेडा) का आयोजकों ने तहेदिल से स्वागत सत्कार के साथ माला पहनाकर, शाल उढ़ाकर एवं मीणा संस्कृति का साफा-फाटा बंधवाया। कन्है या दंगळ कार्याक्रम में बावनवास की विधायक इंदिरा मीणाजी की उपस्थित रही।  

आदिवासी रीति-रिवाज से बच्चों का विवाह किया 

सम्मानित दोनों अतिथि जोड़े (डॉ. हीरा मीणा-डॉ. गौतम कुमार मीणा एवं उप महाप्रबंधक रघुनाथ सिंह-श्रीमती पूनम मीणा जी) ने हाल ही में अपने बच्चों का विवाह ब्राह्मण के बिना आडम्बर और पाखंडवाद से मुक्त आदिवासी रीति-रिवाज धराड़ी फेरा, दीपक और पानी के कलश के साथ जाळ, आम और महुवा पेड़ के सानिध्यं में किया है।
                राष्ट्रीय स्तर के मुठवापोय के.पी.प्रधान जी, लाल बिहारी गोंड सहित 25 वरिष्ठं सदस्‍यों द्वारा ब्यासह कार्यक्रम दिन में गौधुली बैला में संपन्न करवाया गया हैं। मीणा समुदाय में यह विवाह आदिवासी रीति-रिवाजों और प्रकृति नियमों के साथ संपन्न हुआ है।
                जिसने बिना दहेज के शानदार और अद्भुत विवाह की मिसाल कायम की है, इसी कारण जमीन से जुड़े कलाकारों ने ब्याबई-ब्यापण का सम्मान करते हुए तीनों जोठ के साथ सांस्कृतिक कन्हैया पद दंगल का शानदार आयोजन किया है।
                दिनभर चाय-पाणी के साथ भरपूर सेवाएं देकर सॉझ को तीनों जोठ के प्रमुख मेडिया, गायक कलाकारों, हजारों श्रोताओं और पूरे गॉंव के साथ विशेष सम्मान से अति‍थ्यिों को भोजन कलेवा करवाया गया। कन्हैया पद दंगल में हजारों की संख्या में श्रोताओं ने मंत्रमुग्धह होकर सुना और गीतों का आनन्द लिया।

मीणी मातृभाषा की दो महत्वपूर्ण कृतियां भेंट की गई

इस अवसर पर डॉ. हीरा मीणा की मीणी मातृभाषा की दो महत्वपूर्ण कृतियां वाचिक साहित्य की पुरखौती परंपराएँ और गीत तथा मीणा ब्यााह गीत गाळ संसार की प्रतियां कन्हैया दंगळ के मेडिया कमलेश गुरूजी और मनराज मेडिया को भेंट की गयी।  


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