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बसंत पंचमी बहुत ही शुभ होती है, यह प्रकृति में नया परिवर्तन का संदेश है

बसंत पंचमी बहुत ही शुभ होती है, यह प्रकृति में नया परिवर्तन का संदेश है

बसंत पंचमी के उपलक्ष्य में मां सरस्वती और महाकवि निराला जयंती मनाई गई

बरघाट। गोंडवाना समय।            

शासकीय महाविद्यालय बरघाट में राष्ट्रीय सेवा योजना और स्वामी विवेकानंद योजना प्रकोष्ठ के तारतम्य में बसंत पंचमी के उपलक्ष में मां सरस्वती और निराला जयंती कार्यक्रम करियर मित्रों के सहयोग से आयोजित किया गया।
        


कार्यक्रम में सबसे पहले सभी छात्र-छात्राओं ने बारी-बारी से मां सरस्वती और महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की तस्वीर के समक्ष पुष्प अर्पित कर पूजन अर्चन किया। मां सरस्वती वंदना एवं शानदार गीत क्रमश: प्रांजुल बिसेन एवं अंकिता परते, साक्षी पाटिल, दामिनी शांडिल्य तथा दिव्या बघेल एवं साधना नामदेव ने प्रस्तुत किए। 

बसंत रितु ऋतुओं का राजा है 


कार्यक्रम के विषय पर डॉ बी एल इनवाती ने जानकारी देते हुए बताया कि भारतीय ज्ञान परंपरा के अंतर्गत  सांस्कृतिक विरासत, धरोहर, पर्व-उत्सव आदि की जानकारी विद्यार्थियों को होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
        इसी के तहत बसंत पंचमी के बारे में बताया कि बसंत रितु ऋतुओं का राजा है और उसमें यह बसंत पंचमी बहुत ही शुभ होती है। यह प्रकृति में नया परिवर्तन का संदेश है। जो नयापन, उमंग, उम्मीद तथा उत्साह के साथ संतुलन बनाने की प्रेरणा देती है।

मां सरस्वती विद्यादायिनी के बारे में जानकारी दिया 


आगे मां सरस्वती विद्यादायिनी के बारे में जानकारी दिया। इसके पश्चात महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के व्यक्तित्व-कृतित्व, उनके विद्रोही प्रवृत्ति जिसमें शोषकों के प्रति किस प्रकार का विद्रोह तथा शोषितों के प्रति सहानुभूति, सहनशीलता तथा महाप्रयाण की उपाधि के संबंध में विस्तार से जानकारी दिया।
             इसी क्रम में अंजलि बघेल, कंचना धुर्वे और महिमा राहंगडाले तथा श्री मनेश्वर बिसेन ने सारगर्भित भाषण दिए। कार्यक्रम का संचालन करियर मित्र अजय बोपचे ने किया। कार्यक्रम में सभी छात्र-छात्राओं स्टाफ के साथ-साथ श्रीमती सुनीता साहू का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ।


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