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क्या कंगाल हो गई छत्तीसगढ़ सरकार, 11 आदिवासियों का एक ही चिता में करवाया अंतिम संस्कार ?

क्या कंगाल हो गई छत्तीसगढ़ सरकार, 11 आदिवासियों का एक ही चिता में करवाया अंतिम संस्कार ?

छत्तीसगढ़ के कवर्धा में तेंदूपत्ता तोड़ने गये 19 आदिवासियों की पिकअप पलटने से हुई थी दर्दनाक मृत्यू 

1-1 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता व सरकारी नौकरी दिया जाने गोंगपा ने की मांग 


छत्तीसगढ़। गोंडवाना समय। 

तेंदूपत्ता तोड़कर लौट रहे आदिवासियों की कवर्धा जिले में तेज रफ्तार पिकअप पलटने से 19 आदिवासियों की मृत्यू 20 मई 2024 को हो गई थी। वहीं 8 लोग घायल हो गए थे। दुघर्टना इतनी भयाभह थी कि इस हादसे में 13 लोगों ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था।
                 


वहीं 9 घायलों में 5 ने अस्पताल में ही दम तोड़ दिया था। वहीं आदिवासियों की मृत्यू के मामले में छत्तीसगढ़ सरकार और मुख्यमंत्री की अंसवेदनशीलता उजागर हुई है। सबसे दु:खद पहलू यह रहा कि आदिवासी समुदाय के एक ही परिवार के 11 व्यक्तियों को एक साथ एक ही चिता पर जलाकर अंतिम संस्कार किया गया क्या छत्तीसगढ़ सरकार कंगाल हो गई है कि वे आदिवासियों की मृत्यू पर अलग अलग चिता जलाने की स्थिति में नहीं थी।
                हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार के नुमार्इंदे बहाना यही बता रहे है कि एक ही गोत्र के थे मृतक इसलिये एक ही चिता में एक साथ अंतिम संस्कार किया गया है। जबकि आदिवासी समुदाय में शव को दफनाने की पंरपरा है। वहीं आदिवासियों की मृत्यू पर मुआवजा का मरहम भी 5 लाख रूपये का लगाकर आदिवासी मुख्यमंत्री की सरकार ने इतिश्री कर ली है।
                    इस मामले में जहां कांग्रेस ने 20 लाख रूपये प्रति परिवार को मुआवजा देने की मांग की गई तो वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने 1-1 करोड़ रूपये प्रति परिवार व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग किया है। वहीं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने घटना के मामले में लापरवाही व असंवेदनशील सरकार के मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री से इस्तीफा देने की मांग किया है। 

आदिवासियों की मृत्यू पर मात्र 5 लाख का मुआवजा देने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री इस्तीफा दे-गोंगपा 


कवर्धा में हृदय विदारक दुघर्टना व भीषण सड़क हादसा में समस्त मृतक आदिवासी समुदाय के लोगों की आकस्मिक मृत्यू पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम व गोंगपा के राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम ने गहरी संवेदना व्यक्त किया है।
                

वहीं मृतक के परिवारजनों को 1-1 करोड़ रूपये की आर्थिक सहायता दिये जाने के साथ साथ परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिये जाने की मांग छत्तीसगढ़ सरकार से किया है। गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम एवं राष्ट्रीय महासचिव श्याम सिंह मरकाम सहित गोंगपा के पदाधिकारियों ने मृतक के परिजनों से 21 मई 2024 को घर जाकर मिले।
                 

उन्हें गोंगपा की ओर से 5-5 हजार रूपये की सहायता राशि प्रदान किया। वहीं गोंगपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम व श्याम सिंह मरकाम ने कहा कि यह मुख्यमंत्री, गृह मंत्री व जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की गंभीर लापरवाही का नतीजा है।
                सरकार ने आदिवासी की मृत्यू पर मात्र 5 लाख रूपये का मुआवजा दिया है जबकि जशपुर की घटना व उत्तरप्रदेश के लखीमपुरखीरी की घटना में मृतकों को छत्तीसगढ़ सरकार ने 50-50 लाख रूपये का मुआवजा दिया था। छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री है इसके बाद भी आदिवासी की मृत्यू पर मात्र 5 लाख का ही मुआवजा दिया है।
                वहीं कवर्धा जिले के मृतकों के ग्राम सेमरहा में गोंगपा के प्रतिनिधिमण्डल में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तिरु तुलेश्वर सिंह मरकाम, राष्ट्रीय महासचिव तिरु श्याम सिंह मरकाम, राष्ट्रीय संगठन मंत्री तिरु नंदकिशोर राज, राष्ट्रीय संगठन सचिव तिरु माधो सिंह मार्को, प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा छत्तीसगढ़ तिरु द्विज्वेन्द्र सिंह मार्को, प्रदेश उपाध्यक्ष तिरु विश्वनाथ पोर्ते, जिला अध्यक्ष कबीरधाम डेकन सिंह सहित अन्य पदाधिकारी व कार्यकर्तागण मौजूद रहे। 

जशपुर और लखीमपुर की घटना में छत्तीसगढ़ सरकार ने दिया था 50 लाख का मुआवजा 

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के पत्थलगांव के दर्दनाक हादसे के बाद भाजपा के बंद के एलान और लोगों के आक्रोश को खत्म करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए मृतक के परिजन को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की घोषणा किया था। वहीं लखीमपुर खीरी में मृतक किसानों के परिवारजनों को 50-50 लाख का मुआवजा देने की घोषणा की गई थी। 

भावना बोहरा विधायक ने मृतकों के 24 बच्चों को लिया गोद


छत्तीसगढ़ सड़क हादसे में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार कर दिया है। इसी बीच क्षेत्रीय विधायक भावना बोहरा ने एक भावनात्मक घोषणा की है। जहां कुकदुर हादसे में मारे गए 24 बच्चों को उन्होंने गोद लिया है। जिसमें उन्होंने इन बच्चों की शिक्षा, विवाह और रोजगार तक जिम्मेदारी उठाने का भरोसा दिया है। 

बिलासपुर हाईकोर्ट ने कलेक्टर, एसपी से मांगा जवाब 

कवर्धा के कुकदुर में भीषण सड़क हादसे में बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। जिसको लेकर कोर्ट ने चीफ सेक्टरी, डीजीपी, कवर्धा कलेक्टर और एसपी से जवाब मांगा है। वहीं इस हादसे में वाहन चालक और वाहन मालिक को गिरफ्तार किया गया है। दोनों के ऊपर 304 के तहत केस दर्ज किया गया है। 

गृहमंत्री शर्मा की उपस्थिति में सभी 17 शवों का हुआ अंतिम संस्कार 

इस हादसे के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। हादसे के दूसरे दिन गृहमंत्री विजय शर्मा ने परिजनों मुलाकात की और अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुंचे।
            जहां उनकी उपस्थिति में सभी 17 शवों का अंतिम संस्कार किया गया। वहीं, दो महिलाओं के शवों का अंतिम संस्कार उनकी ससुराल में किया गया है। इस हादसे के बाद पूरे गांव में सन्नाटा छा गया है। श्री शर्मा कल ही सबसे पहले उन्होंने पंडरिया जिला अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना। उसके बाद उन्होंने मृतकों के परिजनों से मुलाकात भी की थी।

एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत

मरने वालों में एक ही परिवार के 11 लोग थे, एक साथ जलाई गई 17 लोगों की चिता में 11 लोग एक ही परिवार के थे। परिवार के एक सदस्य रतन सिंह ने बताया कि तेंदूपत्ता तोड़ने के लिए रोज जाते थे, कभी बाइक से तो कभी फोर व्हीलर से जाते थे। जो गाड़ी चलाता था, उसे ज्यादा अनुभव नहीं था।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान किया 


इस हादसे को लेकर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, दुख की इस घड़ी में सरकार मृतकों के परिजनों के साथ है। घायलों को इलाज की अच्छी सुविधा मिले यह हम देख रहे हैं। इस घटना के बाद प्रदेश उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा उस गांव भी गए थे। जहां के ग्रामीण इस सड़क हादसे में मारे गए हैं। उन्होंने परिजनों से मिलकर उनको ढाढस बंधाया है। मृतकों को 5 लाख रुपए मुआवजा और विभाग की तरफ से जो बीमा राशि है। वह भी दी जाएगी और घायलों को 50 हजार रुपए भी दिए जाएंगे। 

बीमा योजना बंद, सिर्फ मिलेगा सरकारी मुआवजा-भूपेश बघेल 


इस घटना के बाद अस्पताल में इलाज करवा रहे घायलों से मिलने के लिए पूर्व सीएम भूपेश बघेल भी पहुंचे। जहां उन्होंने कहा कि, ये ग्रामीण तेंदूपत्ता तोड़ने गए थे और ये बेहद दुखद हादसा है। अस्पताल में सभी को अच्छा इलाज मिले ये मैंने अधिकारियों से कहा है। शहीद महेंद्र कर्मा बीमा योजना तेंदूपत्ता श्रमिकों के लिए थी। जिसे बीजेपी सरकार ने बंद कर दिया है। इस हादसे कजे शिकार लोगों को अब सरकारी मुआवजा ही मिलेगा।


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