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अभिषेक त्रिपाठी ने बिल लगाकर बिना किसी सामान खरीदी लाखों का किया था गबन

अभिषेक त्रिपाठी ने बिल लगाकर बिना किसी सामान खरीदी लाखों का किया था गबन

साठगांठ करके कार्यवाही को रुकवा लेते है अभिषेक त्रिपाठी

पैसे खिलाकर कोड जनरेट कराकर अवैध रूप से किया वेतन आहरण


सिवनी। गोंडवाना समय।

जनजाति बाहुल्य जिला सिवनी के जनजाति कार्य विकास विभाग के मुख्य कार्यालय में पदस्थ अभिषेक त्रिपाठी पर लोगों द्वारा बार बार आरोप लगाया गया है कि अभिषेक त्रिपाठी भाजपा की सरकार में उच्च अधिकारियों के संरक्षण में कई बार अनियमित्ता और भ्रष्टाचार को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं अभिषेक त्रिपाठी की शिकायत भी शिकायत कर्ताओं द्वारा कई बार उच्च स्तर पर की गई लेकिन कोई कार्यवाही होते हुए नजर नहीं आती है वहीं लोगों का कहना है की भ्रष्टाचारी अभिषेक त्रिपाठी उच्च स्तर पर साठगांठ करके अपने ऊपर हो रही कार्यवाही को हमेशा की तरह रुकवा लेते है।
        


जनजाति कार्य विकास विभाग कार्यालय में पदस्थ रहते हुए अभिषेक त्रिपाठी द्वारा केवल बिल लगाकर बिना किसी सामान खरीदी के लाखों का गबन किया गया है। इसके साथ ही अभिषेक त्रिपाठी द्वारा ट्रेजरी एवं भोपाल में पैसे खिलाकर कोड जनरेट कराकर अवैध रूप से वेतन आहरण किया जाते रहा है। शिकायतकर्ताओं द्वारा अभिषेक त्रिपाठी को पूर्ण रूप से जांच कराकर दण्ड देने की गुहार कई बार लगाई जा चुकी है।

दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने व जारी पत्र फाड़ देने का आरोप

जनजाति कार्य विकास विभाग में पदस्थ अभिषेक त्रिपाठी द्वारा वर्ष 2019 में कार्यालय सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सिवनी में सामग्री पूर्ति मद से प्रक्रिया में की गई अनियमितता की जांच को लेकर कार्यालय कमिश्नर, जबलपुर संभाग को शिकायत किया गया। जिसके अंतर्गत  जांच प्रतिवेदन का अवलोकन करने पर पाया गया कि अभिषेक त्रिपाठी सहायक ग्रेड-2 कार्यालय सहायक आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग सिवनी के पास स्टोर का प्रभार था।


अभिषेक त्रिपाठी द्वारा प्रभार नहीं देने, दस्तावेज उपलब्ध नही कराने, दस्तावेज उपलब्ध कराये जाने हेतु जारी पत्र फाड़ देने का आरोप भी लगाया गया। इसके साथ ही अभिषेक त्रिपाठी के विरूद्ध की गई, अनुशासनात्मक कार्यवाही का प्रतिवेदन, क्रय की गई सामग्री शालाओं में पहुँची या नहीं इसकी जानकारी भी मांगी गई थी ।

लाखो रुपए खिलाकर स्टोर इंचार्ज पद पर पदस्थ होने का आरोप

जनजाति कार्य विकास विभाग में पदस्थ अभिषेक त्रिपाठी के विरुद्ध पोस्टिंग को लेकर आयुक्त आदिवासी विकास मध्य प्रदेश शासन, भोपाल में भी जांच के संबंध में शिकायत किया गया। अभिषेक त्रिपाठी पर लगभग सात वर्ष से अपने कार्य पर उपस्थित न होकर महिंद्रा एण्ड महिन्द्रा टेक्टर की एजेन्सी का संचालन करने तथा भारतीय स्टेट बैंक, सिवनी का 2 करोड का ऋण बकाया होने का आरोप भी लगा। अभिषेक त्रिपाठी द्वारा गलत तरीके से कार्यालय आयुक्त आदिवासी विकास भोपाल में पैसे खिलाकर डाइज नॉन (नो वर्क नो पे) कराकर  अभिषेक त्रिपाठी को कार्यालय आदिवासी विकास सिवनी में पुन: पदस्थ कर दिया गया और स्टोर शाखा का संचालन करने दिया गया।

अभिषेक त्रिपाठी पर विभागीय कार्यवाही करने को लेकर शासन  जल्द ज्ञापन सौंपेंगे

वहीं वर्तमान समय में जनजाति कार्य विकास विभाग कार्यालय सिवनी में पदस्थ रहते हुए अभिषेक त्रिपाठी द्वारा अनियमिताओं और भ्रष्टाचार को आज भी अंजाम दिया जा रहा है अभिषेक त्रिपाठी द्वारा किए गए अनियमिताओं से जनजाति बाहुल्य जिला सिवनी के युवा और कर्मचारी अत्यधिक नाराज व क्रोधित हैं जो की अभिषेक त्रिपाठी के विरुद्ध कार्यवाही करने और विभागीय कार्यवाही करने की मांग को लेकर शासन प्रशासन को जल्द ज्ञापन सौंपेंगे।

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