एनजीटी से आदिवासी समाज ने देव स्थल में पूजन पाठ करने व धार्मिक आस्था के सम्मान में ब्रिज निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराने रखी मांग
दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण व ब्रिज निर्माण शीघ्र पूर्ण कराने हजारों आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी दिवस पर सिवनी शहर में भरी हुंकार
विश्व आदिवासी दिवस पर सिवनी मुख्यालय में उमड़ा आदिवासियों का जन सैलाब
सिवनी। गोंडवाना समय।
राजा दलपत शाह की नगर सिवनी में विश्व आदिवासी दिवस के दिन 9 अगस्त 2024 को सिवनी शहर दलपत शाह अमर रहे और दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य को पूरा कराने की मांग को लेकर नारों से गूंज उठा। आदिवासी समुदाय हजारों की संख्या में सिवनी मुख्यालय में एकत्र हुये।
एकजुटता के साथ एकता की ताकत का एहसास कराते हुये आदिवासी समाज ने सिवनी शहर में रैली निकाली, जिसमें हजारों की संख्या में आदिवासी सांस्कृतिक परिधान में व आदिवासी संस्कृति में गीत गायन पर नृत्य करते हुये नजर आये।
आदिवासी समाज के बुजुर्ग, युवा, छात्र, नन्हें मुन्ने बच्चे सहित महिलायें, युवतियां भी सबसे ज्यादा संख्या में दिखाई दी। राजा दलपत शाह की नगरी में विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन दलसागर के तालाब के सौंदर्यीकरण, दलसागर के टापू पर स्थित आदिवासी समाज के देव स्थल के लिये निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने की मांग पर विशेष रूप से केंद्रित रहा।
वर्षों से आदिवासी समाज दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण की मांग करता रहा है जिसे मध्यप्रदेश सरकार ने पूरा भी किया था। जिसके तहत आदिवासी समाज के देव स्थल पर पूजन पाठ हेतु आवागमन हेतु ब्रिज का निर्माण कार्य जारी था जिस पर एनजीटी के आदेश के रोक लगा दिया गया था वहीं उसे तोड़े जाने के भी आदेश किया गया है। इसके बाद आदिवासी समाज में नाराजगी व्याप्त है।
आदिवासी समाज अपमानित भी महसूस कर रहा है क्योंकि सिवनी शहर में एक मात्र आदिवासी समाज की धार्मिक, सांस्कृतिक पहचान के रूप में दलसागर तालाब विशेष रूप से अपना स्थान रखता है लेकिन एनजीटी के द्वारा सौंदर्यीकरण कार्य व ब्रिज निर्माण कार्य पर रोक लगाये जाने से आदिवासी समाज दु:खी है।
नाव में पहुंचकर दलसागर के टापू पर स्थित आदिवासी देवस्थल पर किया पूजन पाठ
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर हजारों आदिवासी समुदाय ने राजा दलपत शाह की नगरी व उनके निर्मित दलसागर तालाब के टापू में स्थित देव स्थल पर नांव से पहुंचकर गोंगो, पूजन पाठ किया। प्रकृति पूजक आदिवासी समाज ने दलसागर के टापू में स्थित देव स्थल पर पहुंचकर प्रति वर्ष की भांति 9 अगस्त 2024 को भी पूजन पाठ किया।
वहीं दलसागर तालाब के संबंध में विशेष रूप से आदिवासी समुदाय के द्वारा महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम राज्यपाल मध्यप्रदेश, मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश, माननीय न्यायालय एन. जी. टी. भोपाल के नाम कलेक्टर सिवनी व जिला प्रशासन सिवनी के माध्यम से दलसागर तालाब के सौंदर्गीकरण एवं ब्रिज निर्माण कार्य शीघ्र पूर्ण कराये जाने एवं पेशा कानून लागू करने व सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित निर्णय को संविधान संशोधन करके यथावत रखे जाने की मांग को लेकर सर्व आदिवासी समुदाय ने सामुहिक रूप से सिवनी मुख्यालय में हजारों की संख्या में आदिवासी समुदाय की उपस्थिति में ज्ञापन सौंपा।
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सिवनी मुख्यालय में हजारों संख्या में आदिवासी समाज के सगाजन व आदिवासी समाज के समस्त संगठनों के द्वारा सामुहिक रूप से एकजुटता के साथ आयोजन शांतिपूर्वक सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया।
एनजीटी के अधिकारियों को आदिवासी समाज की धार्मिक आस्था के आधार पर निर्णय लेने सौंपा ज्ञापन
सिवनी शहर में आदिवासी समाज ने हजारों की संख्या में एकजुटता के साथ राजा दलपत शाह के द्वारा निर्मित दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण के साथ साथ एनजीटी द्वारा ब्रिज निर्माण व अन्य निर्माण कार्यों में लगाई गई रोक को तत्काल हटाया जाकर निर्माण कार्य शीघ्र पूरा कराने के लिये एनजीटी के जांच टीम में सिवनी पहुंचे अधिकारियों को भी ज्ञापन सौंपा और आदिवासी समाज ने अपनी आवाज बुलंद किया है।
राजा दलपत शाह द्वारा निर्मित तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य व ब्रिज निर्माण कार्य को शीघ्र ही पूर्ण कराये जाने के लिये आदिवासी समाज ने संकल्प ले लिया है। इसके लिये आदिवासी समुदाय ने एनजीटी से अनुरोध, निवेदन भी किया है कि आदिवासी समुदाय के धार्मिक आस्था, भावना, सम्मान को ध्यान में रखते हुये स्थगन आदेश पर पुर्नविचार किया जावे।
आदिवासी की मांग पर देवस्थल पर पूजन पाठ हेतु ब्रिज का किया जा रहा निर्माण कार्य
ज्ञापन में यह उल्लेख किया गया है कि जिला मुख्यालय सिवनी के हृदय स्थल में स्थित दलसागर तालाब जो कि गोंड राजा दलपत शाह जी के द्वारा निर्मित किया गया है। जिसमें स्थित टापू में आदिवासी समाज के लोग अपना देवस्थल मानकर वर्षों से अपनी आस्था और विश्वास के अनुरुप दलसागर तालाब में पूजन पाठ एवं देवस्थल में आना-जाना करते हैं।
इस हेतु नाव के माध्यम से आदिवासी 'समाज के लोग टापू में पहुंचकर अपनी आस्था के अनुरुप अपने सभी धार्मिक संस्कार संपन्न कराते रहे हैं। इस हेतु नांव के द्वारा पहुंचकर कई वर्षों से आदिवासी समुदाय के भूमका, धर्माचार्यों के द्वारा पूजनपाठ किया जा रहा है।
इस कार्य हेतु नावं से आना-जाना करने पर कई बार दुर्घटनाएं भी होते होते बची है। इसी मंशा से आदिवासी समाज द्वारा ब्रिज बनाये जाने का मध्यप्रदेश व राज्य सरकार समय-समय पर मांग की गई।
एनजीटी के स्थगन आदेश से आदिवासी समाज की धार्मिक भावनायें हुई आहत
आदिवासी समाज की उक्त मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए तात्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा दलसागर तालाब के सौंदर्यीकरण कार्य हेतु भूमिपूजन भी किया गया था और राशि का आवंटन किया गया था।
इसके फलस्वरुप ब्रिज का निर्माण एजेंसी द्वारा कराया जाना शुरू किया गया परन्तु कुछ आदिवासी विरोधी धर्म विरोधी व्यक्तियों द्वारा उक्त रचनात्मक कार्य पर रोक लगाये जाने कार्यवाही करते हुए स्थगन आदेश लाकर काम रुकवा दिया गया है। जिससे आदिवासी वर्ग की धार्मिक भावनाएं आहत हुई है जिससे आदिवासी समाज अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहा है।
पेशा एक्ट धरातल में वास्तविकता में लागू करवाया जावे
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज तथा आदिवासी समाज के विभिन्न संगठनों की ओर से संयुक्त रूप से अपनी मांगों का ज्ञापन प्रस्तुत करता किया गया। आदिवासी समाज के सर्वांगीण विकास के लिये भारतीय संविधान की मंशा के अनुरुप पेशा एक्ट पांचवी अनुसूची में शामिल है। पेशा एक्ट संविधान के अनुसार लागू किया गया है जो कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में पेशा एक्ट धरातल स्तर पर वर्तमान में लागू नहीं है जिसका कियान्वयन संपूर्ण प्रदेश में कराया जावे।
केन्द्र सरकार इस संबंध में संविधान संशेधन लाकर कानून बनाये
आगामी मांग में आदिवासी समुदाय ने मांग किया कि सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा हाल ही में पारित 7 जजों के संविधान पीठ द्वारा पारित निर्णय जो कि अनु. जाति, जनजाति वर्ग के लोगों को प्राप्त प्रतिनिधित्व क अधिकार राज्य सरकारों को दिया गया है तथा आरक्षण की मंशा के विपरीत गलत व्याख्या कर उक्त निर्णय पारित किया गया है जिससे अनु. जाति जनजाति को मिले आरक्षण में वर्गीकरण होने से इन वर्गों के हक और अधिकार प्रभावित होंगे। इसलिये सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय की जजों की संविधान पीठ में यह मामला भेजा जाये या फिर केन्द्र सरकार इस संबंध में संविधान संशेधन लाकर कानून बनाये ।
आदिवासी देवस्थल पर पूजन पाठ के लिये आवागमन हेतु ब्रिज का निर्माण में लगी रोक तत्काल हटाई जावे
आदिवासी समुदाय के द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में यह भी मांग की गई है कि दलसागर तालाब सिवनी में चल रहे निर्माण कार्य सौंदर्याकरण एवं ब्रिज निर्माण कार्य में लगी रोक तत्काल हटाया जाकर ब्रिज का निर्माण कार्य पूर्ण कराया जावे।
आदिवासी समाज की दलसागर के टापू में देवस्थल पर पूजा पाठ संपन्न कराये जाने की प्रक्रिया यथावत जारी रखने हेतु आने जाने हेतु ब्रिज निर्माण कार्य में गति लाकर पूर्ण कराया जाये। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण भोपाल जोन के समक्ष प्रकरण कमांक 154/2023 दिनांक 08/01/2024 को पारित आदेश के अनुसार लगी हुई रोक को हटाये जाने हेतु सक्षम अपीलीय न्यायालय के समक्ष मामला प्रस्तुत कर स्थगन आदेश को निरस्त कराया जावे ।
विध्वंशत्मक कार्यवाही पर स्थगन करने म.प्र. शासन से किया अनुरोध
दलसागर तालाब में ब्रिज निर्माण के लिये बने हुए पिल्लर को तोड़े जाने के जुलाई 2024 के आदेश पर तत्काल रोक लगाये जाने हेतु म.प्र शासन द्वारा तवरित वैधानिक व न्यायिक प्रकिया अपनाकर उक्त विध्वंशत्मक कार्यवाही पर स्थगन प्राप्त किया जावे।
आदिवासी समाज के देवस्थान में आने-जाने हेतु चल रहे ब्रिज निर्माण को तत्काल पूर्ण कराया जावे ताकि आदिवासी समाज बिना किसी डर के बाधा के ब्रिज से अपने समाज के साथ जाकर अपने आराध्य का पूजन वंदन कर सके।