उच्च पद प्रभार हेतु काउंसलिंग का खेला क्यों टला ?
जनजातिय कार्य विभाग के कमाऊपूतों की सेटिंग के चलते टलने की हो रही चर्चा
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनजातिय कार्य विभाग सिवनी ऐसा विभाग है जहां मुख्यालय के कार्यालय में कुछ अधिकारी कर्मचारी मनमानी करने के लिये नियम विरूद्ध तरीके से वर्षों से पदस्थ रहकर मलाई खा रहे है।
कमाई और सेटिंग का मामला हो तो फिर नियम बनाने में सरकार की कैबीनेट की मीटिंग जनजातिय कार्य विभाग सिवनी में फैसला ले लेती है और ये फैसला जनजातिय कार्य विकास विभाग में वर्षाें से नियम विरूद्ध तरीके से पदस्थ कुछ अधिकारी कर्मचारी लेते है।
अपने हिसाब से नियम बनाते है, अपने मनमुताबिक तय तारिख को आगे बढ़ा देते है, टाल देते है। इसके पीछे मुख्य कारण सेंटिंग और कमाई अधिक और अधिकांशतय: होता है।
उच्च पद प्रभार हेतु ये तय किया गया था
सूत्रों प्राप्त जानकारी के अनुसार जनजातिय कार्य विभाग सिवनी में उच्च पद प्रभार हेतु शिक्षक की पात्रता की सूची का प्रकाशन के लिये 9 सितंबर तय किया गया था। वहीं दावा आपत्ति प्राप्त करने की अंतिम तिथि 13 सितंबर 2024 तक थी।
इसके साथ ही दावा आपत्ति का निराकरण पश्चात अंतिम सूची का प्रकाशन 18 सितंबर 2024 तक होना था। वहीं उच्च पद प्रभार हेतु काउंसलिंग का आयोजन 23 सितंबर 2024 को होना था। इसके बाद उच्च पद का प्रभार प्राप्त शिक्षकों के पदस्थापना आदेश 25 सितंबर 2024 को जारी किये जाने थे।
स्वस्वार्थ जुड़ा होने के कारण टाले जाने की हो रही चर्चा
जनजातिय कार्य विभाग सिवनी के कुछ कमाऊपूत अधिकारी कर्मचारी की सेटिंग नहीं होने के कारण उच्च पद प्रभार हेतु काउंसलिंग का आयोजन 23 सितंबर 2024 को नहीं हो पाया है।
इसको लेकर विभागीय कर्मचारियों व उच्च पद प्रभार हेतु शिक्षकों से संबंधित पात्रताधारी शिक्षकों के बीच में चर्चा हो रही है कि इसके पीछे स्वस्वार्थ जुड़ा हुआ है। वहीं सत्यता व वास्तविकता क्या है यह तो जनजातिय कार्य विभाग सिवनी के कर्ताधर्ता ही जानते है।