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आदिवासियों व अन्य किसानों की निजी भूमि पर वन विभाग कर रहा कब्जा

आदिवासियों व अन्य किसानों की निजी भूमि पर वन विभाग कर रहा कब्जा

किसान एप्प में और राजस्व विभाग की सीमांकन रिपोर्ट पर स्पष्ट बता रहा वन विभाग का कब्जा

आदिवासी परिवार सहित अन्य किसान परेशान व हो रहे प्रताड़ित

दक्षिण सामान्य वन मण्डल के अंतर्गत कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र का है मामला 


सिवनी। गोंडवाना समय। 

वन विभाग की भूमि पर कब्जा करके अपना घर परिवार के लिये पेट पालने के लिये खेती किसानी करने वाले एवं पूर्वजों के समय से गुजर बसर करने वाले वन क्षेत्र या वनों के आसपास रहने वालों को वन विभाग पूरी सख्ती के साथ हटाने का कार्य करता है।
                


जिसमें आदिवासी समाज की संख्या सर्वाधिक सुनने में सामने आती है। यहां पर उल्टा ही सुनने में आ रहा है कि वन विभाग ने आदिवासियों के साथ साथ अन्य किसानोें की निजी भूमि पर कब्जा करके रखा हुआ है। आदिवासी परिवार सहित पीड़ित अन्य किसान सीमांकन कराकर राजस्व विभाग की रिपोर्ट के बाद भी वन विभाग अपना कब्जा नहीं हटा रहा है जिसके कारण प्रताड़ित हो रहे है। 

खेती किसानी से संबंधित मशीनरी को जप्त करके राजसात करवाने की देते है धमकी 


दक्षिण वन मंडल सिवनी के अंतर्गत कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र के अंतर्गत वन विभाग के द्वारा किसानों की निजी भूमि पर कब्जा करने का मामला प्रकाश में आया है। इसको लेकर आदिवासी किसानों सहित संबंधित अन्य किसानों ने भी शिकवा शिकायत किया है।
                    इसके बाद भी वन विभाग न तो अपना कब्जा हटा रहा है और न ही किसानों को राजस्व सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर उन्हें कब्जा करने दे रहा है। वन विभाग के मौके पर उपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के द्वारा किसानों को धमकी दी जाती है कि खेती किसानी से संबंधित मशीनरी को जप्त करके राजसात करवा देंगे। 

सेलुआ बीट, टिकारी सेमरटोला के मुंडारा नंबर 3, 4, 5 के बीच सीमांकन कराने दिया आवेदन 

हम आपको बता दे कि दक्षिण वन मण्डल सामान्य सिवनी के अंतर्गत कान्हीवाड़ा वन परिक्षेत्र के तहत सेलुआ बीट, टिकारी सेमरटोला, क्षेत्र में किसानों की निजी भूमि पर वन विभाग ने कब्जा कर लिया है। इस संबंध में संबंधित किसान ने तो सेलुआ बीट, टिकारी सेमरटोला के मुंडारा नंबर 3, 4, 5 के बीच की भूमि का सीमांकन कराने के लिये बकायदा विधिवत दक्षिण वन सामान्य कार्यालय में सीमांकन कराने का आवेदन भी दिया है। 

लाल स्याही से राजस्व की टीम ने कब्जा अंकित किया गया है 

किसान के द्वारा पूर्व में उक्त भूमि का सीमांकन ग्रामीणों, पटवारी, आरआई के समक्ष व अन्य पटवारियों की टीम के द्वारा कराया गया था। जिसमें सीमांकन के दौरान यह पाया गया था कि वन विभाग के नाकेदार द्वारा अनावश्यक रूप से निजी भूमि स्वामियों की जमीन पर टैंÑच की खुदाई कर दिया गया था।
                जिसके कारण निजी भूमि पर वन विभाग के द्वारा कब्जा कर लिया गया है, जो कि सीमांकन के दौरान वन विभाग का कब्जा निजी भूमि पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। जिसे राजस्व की टीम के द्वारा लाल स्याही से अंकित भी किया गया है। एम पी किसान एप्प में भी किसान की भूमि वन विभाग के द्वारा किये गये कब्जा क्षेत्र में स्पष्ट रूप से दिखाई रही है। 

आर्थिक लाभ कमाने पूर्व वन विभाग के कर्मचारियों ने टैंच खुदाई में किया गड़बड़ी 

वन विभाग के पूर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों ने विभागीय योजनाओं की शासकीय धनराशि को अनावश्यक रूप से व्यय करके स्वयं के लिये लाभ उठाने के नाम पर वन विभाग की भूमि के साथ साथ किसानों की भूमि पर भी टैंच की खुदाई कर दिया था।
                जिसके कारण पूर्व के अधिकारियों व कर्मचारियों को आर्थिक लाभ तो हुआ लेकिन किसानों के लिये परेशानी और मुसिबत बना दिये है। वन विभाग के द्वारा किसानों की निजी भूमि पर टैंच खोद दिये जाने से उनकी जमीन तो बर्बाद हुई है साथ में उनकी निजी भूमि पर भी वन विभाग ने कब्जा कर लिया है। बार-बार राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन कराने और सीमांकन रिपोर्ट में वन विभाग का कब्जा दर्शित होने के बाद भी वन विभाग अपना कब्जा नहीं हटा रहा है। 

नहीं निकला समाधान तो माननीय न्यायालय का लेंगे सहारा 

इस संबंध में अब किसानों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित विभाग मंत्री के साथ उच्च स्तरीय शिकायत करने का विचार बना रहे है। इसके बाद भी उनकी समस्या का समाधान नहीं मिला तो वे माननीय न्यायालय का सहारा लेने मजबूर हो सकते है।  


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