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भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही मण्डला में सामुहिक विवाह योजना

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही मण्डला में सामुहिक विवाह योजना 

60 की जगह 80 रूपये की थाली की दर स्वीकृत शासन को पहुंचा रहे नुकसान 

जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस डाल रहा शासकीय राशि में डाका 

कैबीनेट मंत्री के गांव में आयोजित कार्यक्रम में ठेकेदार और अफसर कर रहे धांधली  


मण्डला। गोंडवाना समय। 

न खाऊंगा और न खाने दुंगा का पाठ पढ़ाने वाली सरकार के राजपाठ में सत्ताधारी दल की कैबीनेट मंत्री श्रीमती संपतिया उईके के गांव में आयोजित सामुहिक विवाह योजना कार्यक्रम को भोजन और टेंट के नाम पर जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस के संचालक व पंचायत विभाग, सामाजिक पंचायत विभाग के अफसरों ने मिलकर आर्थिक अनियमितता को बढ़ावा देते हुये भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाने का खेला खुलकर खेल लिया है।
             इसकी भनक हालांकि सबको है लेकिन बंदरबांट में शामिल होने के कारण के कारण सरकार की धनराशि को बबार्द कर सेंध लगाकर अपनी तिजोरी भरने वाले को कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। आदिवासी बाहुुल्य जिला मण्डला में सत्ताधारी दल की सह पर भ्रष्टाचार करने वाले अफसरों को विपक्ष के नेताओं की पूरी सहमति है। इसलिये खुलकर कोई बोलने वाला नहीं है। या यह कहें कि पर्दे के पीछे सबकुछ मिलजुलकर अपनी अपनी जेबें भर रहे है। 

मंत्री संपतिया उईके के गांव टिकरापारा में होगा सामुहिक विवाह कार्यक्रम 


हम आपको बता दे कि सामुहिक विवाह योजना अंतर्गत कार्यालय जनपद पंचायत मंडला द्वारा 24 मार्च 2025 को जारी निविदा प्रक्रिया में जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियम विरूद्ध तरीके से चयन कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने पर चयन प्रक्रिया को पुर्नविचार कर नियम अनुसार स्वीकृत कर दिया गया है।                     मध्यप्रदेश शासन की कैबीनेट मंत्री श्रीमती संपतिया उईके के गांव टिकरापारा में 16 अप्रैल को आयोजित होने वाले सामुहिक विवाह योजना में अफसरों और ठेकेदार ने मिलकर मंत्री को अंधेरे में रखकर सरकार की धनराशि में धांधली को अंजाम दिया है। 

लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस का चयन 


हम आपको बता दे कि मध्यप्रदेश सरकार व शासन के अंतर्गत शासकीय योजना के तहत सामुहिक विवाह आयोजन हेतु भोजन व टेंट सहित अन्य सामग्री हेतु निविदा आॅनलॉइन आमं़ित्रत की गई थी। जिसमें सूत्र बताते है कि निविदा प्रक्रिया में भोजन हेतु 4 निविदा प्रपत्र आये थे।
                 चयन प्रक्रिया के दौरान समिति द्वारा शासन के नियमों को दरकिनार करते हुये निविदाकार को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से चयन किया गया है जिससे शासन को आर्थिक हानि व नुकसान होगा। इसके साथ ही भोजन जैसे कार्य में बिना फूड लाईसेंसधारी फर्म को भोजन का टेंडर दिया गया है जो कि घोर लापरवाही है। इस संबंध में निविदा प्रक्रिया में चयन समिति द्वारा नियमों की अनदेखी की गई है। सामुहिक विवाह योजना आयोजन में भोजन हेतु एक फर्म का 60 रुपए प्रति थाली की दर होने के बावजूद भी 80 रुपए की थाली की दर भरने वाले निविदाकार जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस का चयन किया गया है। 

अविनाश जैन के नाम पर लगाया लाईसेंस

सूत्रों की माने तो भोजन के कार्य में निविदाकार की फर्म के नाम से फूड लाईसेंस फर्म के नाम पर नहीं है, व्यक्तिगत अविनाश जैन के नाम पर फूड लाईसेंस जमा किया गया है जो कि खाद्य सामग्री या भोजन से संबंधित कार्यों हेतु वैधानिक नियम अनुसार सही नहीं है। 

अलग-अलग नामों से जमा किया गया दस्तावेज 

सूत्र तो यह भी बताते है कि जैन टेंट हाउस एण्ड लाईट हाउस के नाम पर निविदा को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाना ही गलत प्रक्रिया है क्योंकि जैन टेंट हाउस और लाईट हाउस के नाम पर भिन्न नामों से अलग-अलग आवश्यक वैधानिक दस्तावेज लगाये गये है।
         जैसे की गुमास्ता, फूड लाईसेंस, जीएसटी सहित अन्य दस्तावेज जो कि निविदा प्रक्रिया में चयन के लिये अनिवार्य होते है। वह दस्तावेज भिन्न नामों से अलग है यदि भविष्य में वैधानिक कार्यवाही की स्थिति बनती है तो संबंधित विभाग कैसे और किस नाम पर कार्यवाही करेंगे। यह जनपद पंचायत मण्डला कार्यालय व निविदा चयन प्रक्रिया समिति द्वारा शासन के नियमों की अनदेखी किया जाना न्यायोचित नहीं है। 

श्रम न्यायालय में पंजीयन का भी किया उल्लंघन 

हम आपको बता दे कि जनपद पंचायत मण्डला द्वारा सामुहिक विवाह योजना के तहत निकाली गई निविदा की शर्त क्रमांक 3 में स्पष्ट उल्लेख है कि श्रम न्यायालय में पंजीयन होना चाहिये जो कि जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस के द्वारा निविदा प्रक्रिया के दौरान ईपीएफ जमा नहीं कराया गया है।
                इस आधार पर चयन प्रक्रिया में उक्त निविदाकार जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस को शामिल ही नहीं किया जाना था, निविदाकार का फार्म निरस्त किया जाना था लेकिन सामुहिक विवाह आयोजन हेतु मण्डला जनपद पंचायत कार्यालय व सामाजिक न्याय विभाग द्वारा संबंधित फर्म जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से शासन के नियमों के विपरीत व स्वयं के द्वारा निकाली गई निविदा शर्त का पालन नहीं करने वाली निविदाकार जैन टेंट एण्ड लाईट हाउस को निविदा स्वीकृत की गई जो कि अधिक दर होने के बाद स्वीकृत की गई है जिससे शासन को आर्थिक नुकसान भी होगा। 

जीएसटी चोरी की संभावना 

केंद्र सरकार जीएसटी को लेकर संवेदनशील है लेकिन मण्डला में मंत्री गृह ग्राम में होने वाले कार्यक्रम में जीएसटी के मामले में लापरवाही बरती जा रही है। सूत्र तो यह भी बताते है कि जैन टेंट एंड लाईट हाउस के द्वारा लगाई गई जीएसटी सर्टिफिटेक में 1 पेज कम जमा किया गया है।
            निविदा की शर्त अनुसार जीएसटी चुकता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया गया है। इस आधार पर चयन प्रक्रिया में शामिल ही नहीं किया जाना था और जीएसटी पंजीयन में फर्म का नाम अलग अंकित है जो कि जीएसटी चोरी की ओर इंगित करता है जिससे सरकार को आर्थिक नुकसान होगा।
        वहीं अनुभव प्रमाण पत्र भी कम वर्ष का लगाया गया है जबकि निविदा की शर्त में अधिक मांगा गया है। जीएसटी टेंट हाउस के नाम से बनाया गया है और लगाया गया है जबकि केटर्स के नाम पर नहीं बनाया गया है जो कि जीएसटी नियम के विपरीत है और भोजन का कार्य दिया जाना भी शासन की योजना के तहत कार्य स्वीकृत किया जाना अवैधानिक है। 

7 हजार 8 सौ 3 रुपए 95 पैसे की जगह टैंट में भी 19 हजार 144 रुपए दर भरने वाले को दे दिया टेंडर 

इतना ही भोजन में भ्रष्टाचार को शिष्टाचार बनाने वाले अफसरों और जैन टेंट हाउस के संचालक ने शासन की धनराशि के तहत सामुहिक विवाह आयोजन में टेंट की निविदा में भी जैन लाईट एण्ड टेंट हाउस द्वारा 19 हजार 144 रुपए दर भरा गया है।
            वहीं उससे कम दर 7 हजार 8 सौ 3 रुपए 95 पैसे की दर निविदा भरा गया है। इसके बाद भी मण्डला जनपद पंचायत कार्यालय निविदा चयन समिति द्वारा लगभग 12 हजार रुपए अधिक दर वाले निविदाकार को जिसने वैधानिक व आवश्यक दस्तावेज शर्त अनुसार जमा भी नहीं किया गया है उक्त निविदाकार जैन लाईट एण्ड टेंट हाउस की अधिक दर को स्वीकृत कर शासन को आर्थिक हानि नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है जो कि शासन की धनराशि का दुरूपयोग है और आर्थिक अनियमितता की श्रेणी में भी आता है। 

क्रिकेट प्रतियोगिता के आयोजनकर्ता की भांति निर्णय लेकर शासकीय धनराशि में कर रहे धांधली 

हम आपको बता दे कि शासकीय आयोजन सरकार व शासन की धनराशि से संपन्न होते है जिसमें आर्थिक अनियमितता न होने पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। क्रिकेट प्रतियोगिता का आयोजन में आयोजन कमेटी का निर्णय अंतिम होगा सर्वमान्य होगा, यही तरीका शासकीय आयोजन में भी अपनाया जाना, संविधान, कानून व नियमों के विपरीत है। इस पर गौर करते हुये संज्ञान लेकर जिला व जनपद पंचायत के अधिकारियों को आयोजन कराना चाहिये। 

सरकार की धनराशि की बर्बादी, अनियमितता, भ्रष्टाचार, धांधली भी रोकी जा सकती है

केंद्र सरकार व मध्यप्रदेश सरकार की पारदर्शिता व सुशासन की नीति के तहत मध्यप्रदेश की कैबीनेट मंत्री श्रीमती संपतिया उईके के गृह ग्राम के आयोजन में सरकार व शासन के नियम अनुसार सामुहिक विवाह का आयोजन में इतनी बड़ी आर्थिक अनियमितता करना व धांधली करना सरकार की नीति नियत पर सवाल खड़ा कर रहा है।                     ग्राम टिकरापारा में सामुहिक विवाह आयोजन हेतु दिये गये टेंडर की यदि लोकायुक्त, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो या आर्थिक मामलों की विशेष टीम से जांच कराई जावे तो जैन टेंट हाउस एवं लाईट व पंचायत विभाग के अफसरों की सांठगांठ की पोल खुल सकती है। वहीं सरकार की धनराशि की बर्बादी, अनियमितता, भ्रष्टाचार, धांधली भी रोकी जा सकती है। 







 



 


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