सफाचट डालकर आदिवासी किसानों की फसल को वन विभाग के कर्मचारियों ने कर दिया बर्बाद
लखनादौन एसडीओ गोपाल सिंह के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने खड़ी फसल को कर दिया नष्ट
रसायनिक दवाई प्रेशर पंप के माध्यम से वन विभाग ने खेतो में किया छिड़काव
किसानों के खेत से 20 सिंचाई पाइपों को तीन टुकड़ो में काटकर सिंचाई मशीन भी ले गये
घरेलू सामग्री को किया नष्ट, कच्चे व झोपड़ी नुमा मकान को भी तोड़ा
कानूनी कार्यवाही करने गोंगपा ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
लखनादौन। गोंडवाना समय।
अग्रेजों के द्वारा भी इतना घिनौना कृत्य नहीं किया गया जो आजाद देश में वन विभाग में पदस्थ लोक सेवकों द्वारा जनजाति समुदाय के साथ किया जा रहा है। देवास जिले के खिवनी की घटना से सरकार को सफाई देना पड़ा था। इसके बाद भी वन विभाग के अफसर व कर्मचारी सरकार की मंशा के विपरीत कार्य कर रहे है।
देवास खिवनी के वन विभाग के अफसरों की कार्यप्रणाली की तरह कदम से कदम मिलाकर लखनादौन एसडीओ गोपाल सिंह के नेतृत्व में दर्जन भर से अधिक किसानों की खड़ी फसल पर रसायनिक दवाई का छिड़काव कर फसल को बर्बाद कर दिया गया है।
वहीं खेतों में बने कच्चे मकान व झोपड़ियों को तोड़ दिया गया है। वन विभाग द्वारा की कार्यवाही से नाराज होकर गोंगपा के द्वारा विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश जताया गया है।
21 जुलाई को लखनादौन में गोंगपा ने किया विरोध प्रदर्शन
हम आपको बता दे कि वनभूमि पर खेती कर रहे जनजातीय समुदाय के खेतों पर वन विभाग के कर्मचारियों के द्वारा हानिकारक रसायन (पौधे फसल खरपतवार नाशक रसायन) डालकर फसलों को नष्ट करने वाले संबंधित वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों पर वन अधिकार अधिनियम, पेसा, बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत दण्डात्मक कार्यवाही करने की मांग को लेकर 21 जुलाई 2025 को गोंगपा के प्रदेश पदाधिकारी हरि मरावी
सिवनी जिला प्रभारी एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सिवनी जिला अध्यक्ष गंगाराम मरावी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समुदाय व अन्य वर्ग के लोगों ने मिलकर लखनादौन मुख्यालय में वीरांगना रानी दुर्गावती प्रतिमा के समीप विरोध प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त किया। वहीं एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, जनजाति मंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा गया है।
एसडीओ के साथ वन विभाग की टीम में लगभग 125 कर्मचारी रहे शामिल
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के जिला अध्यक्ष गंगाराम मरावी ने जानकारी देते हुये बताया कि दिनांक 19 जुलाई 2025 दिन शनिवार को दोपहर के समय लगभग 12 बजे अनुविभागीय अधिकारी लखनादौन वन विभाग श्री गोपाल सिंह के द्वारा इनकी टीम के माध्यम से एवं धूमा रेंजर व डिप्टी रेंजर भलावी, नागन देवरी एवं सलैया बीटगार्ड, जुगरई बीट गार्ड, पौड़ी बीटगार्ड, सनाईकछार बीटगार्ड, खुटखमरिया बीट गार्ड, बेलखेड़ी बीटगार्ड, देवरी बीटगार्ड, जमखार बीट गार्ड, नागनदेवरी बीटगार्ड, डिप्टी रेंजर शांति बाई बरकड़े देवरी के साथ में वन विभाग की टीम में लगभग 125 वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा धमकी, गुंडागर्दी बताकर, वन विभाग के चौकीदार, सुरेश पिता मोती लाल परते, हुल्कर पिता शोभाराम परते, लेखराम पिता पत्तू इरपाचे, हेतराम यादव, भागीरथ यादव, इनके द्वारा रासायनिक दवाई डालकर खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया गया है।
किसानों को लाखों का नुकसान हुआ
सलैया बीट के अंतर्गत सिल्हेटा रैयत के श्री अशोक पिता करेलाल, गनेश पिता ब्रजलाल, कृपाल पिता निरपत, कैलाश पिता रमेश, शत्रुधन पिता शंकर, धनीराम पिता बहादुर, नन्हे लाल पिता भैरव प्रसाद, देवेन्द्र पिता धनीराम, अशीष पिता रामचरन, पिता, राधेश्याम, चौबे लाल पिता कुंजी लाल, इन व्यक्तियो के खेतो में जाकर खड़ी फसल को चौपट करने के उद्देश्य से हानिकारक रासायनिक दवाई डाल दी गई जिसे सफाया/ सफरचट क्षेत्रीय भाषा में कहा जाता है। उक्त रसायन से पौधे, खरपतवार, घास, फसल, जैव विविधता सभी नष्ट हो जाते है। उक्त रसायनिक दवाई को डालकर खड़ी फसल को नष्ट कर दिया गया है जिससे किसानों को लाखों का नुकसान हो गया है।
वर्ष 2005 के पूर्व से सलैया बीट के अंतर्गत काबिज होकर कर खेती किसानी
गोंगपा जिला अध्यक्ष गंगाराम मरावी ने आगे बताया कि जबकि पीड़ित किसानों के द्वारा वर्ष 2005 के पूर्व से सलैया बीट के अंतर्गत वन भूमि में कब्जा करके अपने परिवार का भरण पोषण कर जीवन यापन कर रहे हैं।
ग्राम किलेटोला, (खुटखमारिया रैयत) के वन भूमि में काबिज धारी व्यक्तियों के खेतों में लगी फसल में भी जहरीली रासानिक दवाई सफरचट वनविभाग के चौकीदारों द्वारा प्रेशर पंप के माध्यम से रसायन का छिड़काव खेतों में किया गया। वहीं खेत में बने छोटे मकान बना हुआ था जिसमें रखी डी.ऐ.पी. खादय की बोरी वनविभाग के कर्मचारियों द्वारा जप्त कर अपने साथ लेकर चले गये थे।
मकान में रखी हुई घरेलू सामग्री को साथ ले गये वन विभाग के कर्मचारी
इसी प्रकार सलैया बीट के अंतर्गत ग्राम सलैया में वनभूमि में काबिज श्री धनीराम पिता मोती लाल एवं परमू लाल के खेत में जाकर खेत में लगी फसल में चौकीदारों के माध्यम से रासानिक जहरीली दवाई सफाया, प्रेशर पंप के माध्यम से डाली गई एवं खेत में बने मकान में 10 बोरी यूरिया रखा हुआ था, जो कि वन विभाग के कर्मचारियों द्वारा धमकी धौंस बताकर ले गये।
विगत पिछले माह जून में इन्ही वन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं इनकी टीम द्वारा सलैया बीट के अंतर्गत काबिज धारी व्यक्ति राधेश्याम पिता सियाराम गौड एवं रामचरन पिता राधेश्याम गौड इनके खेत में बनी झोपड़ी को धमकी एंव गुंडागर्दी बताकर झोपडी को तोड़ दिया गया था। इसके साथ ही मकान में रखी हुई घरेलू सामग्री, वर्तन, राशन एवं अन्य सामगी सभी ले गयें।
35 साल से बने मकान को वन विभाग की टीम ने तोड़ा
सिल्पनी ग्राम पंचायत के अंतर्गत ग्राम कुंडा निवासी बिसन पिता झाम सिंह उइके, झामसिंग पिता के वन भूमि में काबिज खेत में लगभग 35 साल से बने मकान को इन्ही वन विभाग के टीम द्वारा तोड़ा गया था एवं 20 सिंचाई पाइपों को तीन टुकड़ो में काट कर नष्ट कर दिया गया था। घर में रखी एक सिंचाई मशीन भी ले जाया गया है।
एफआईआर दर्ज करने के साथ विभागीय कार्यवाही की मांग
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी सिवनी जिला अध्यक्ष गंगाराम मरावी ने बताया कि मध्यप्रदेश में देवास जिले के खिवनी में हुई घटना के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव व पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग को जनजाति वर्ग के साथ इस तरह की कोई भी कार्यवाही नहीं करने के निर्देश दिये थे।
इसके बाद भी सिवनी जिले के दक्षिण वन मंडल सामान्य के अंतर्गत लखनादौन एसडीओ गोपाल सिंह के द्वारा जानबूझकर वन विभाग की टीम के साथ जाकर जनजाति समुदाय के साथ किए गए दुर्व्यवहार एवं उनके द्वारा खेतों में डाले गए हानिकारक रसायन की कार्यवाही को अंजाम दिया गया है मुख्यमंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री की मंशा के विपरीत कार्यप्रणाली है जिसकी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी निंदा करती है। इसके साथ ही वन विभाग लखनादौन के एसडीओ गोपाल सिंह सहित वन विभाग की टीम में शामिल अधिकारी कर्मचारियों पर एफआईआर दर्ज करने साथ साथ विभागीय कार्यवाही की मांग भी करती है।
कार्यवाही नहीं हुई तो विशाल जन आंदोलन खड़ा किया जायेगा
वहीं जनजाति समुदाय के साथ हुये अन्याय, अत्याचार को लेकर जानकारी मिलने पर त्वरित रूप से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के द्वारा दिनांक 21 जुलाई 2025 को महारानी वीरांगना दुर्गावती प्रतिमा स्थल पर एक दिवसीय धरना में सैकड़ों महिला पुरुष की उपस्थिति में ग्रामीणजनों ने न्याय की मांग करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व लखनादौन को न्यायपूर्ण कार्यवाही हेतु ज्ञापन प्रेषित किया है। वहीं आगे विशाल जन आंदोलन खड़ा किया जायेगा।
जानकारी लिखित रूप से उपलब्ध नहीं कराई गई है
विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी व सिवनी जिले के प्रभारी हरि सिंह मरावी ने संवैधानिक व शासन के नियमों का उल्लेख व कानून की जानकारी देते हुये बताया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी द्वारा सौंपे गये ज्ञापन में मांग की गई है कि सभी पीड़ित हितग्राही वन अधिकार मान्यता कानून के तहत वन अधिकार समिति ग्रामसभा के माध्यम से दावा फार्म क जमा किया गया है, यह कि उपखण्ड स्तरीय समिति सब डिवीजन लेवल कमेटी एसडीएलसी लखनादौन अथवा जिला स्तरीय समिति (डिस्ट्रिक लेवल कमेटी डीएलसी के द्वारा ग्रामसभा को दावा पत्र के संबंध में कोई जानकारी लिखित रूप से उपलब्ध नहीं की गई है।
पात्र या अपात्र की नहीं दी गई सूचना
आगे जानकारी देते हुये हरि सिंह मरावी ने बताया कि इसके साथ ही 2019 में वनमित्र पोर्टल के माध्यम से भी दावा फार्म पंजीयन किया गया/जमा किया गया है। उक्त संबध में कोई अंतिम निराकरण नहीं किया गया है। यह कि वन अधिकार मान्यता कानून के तहत प्रत्येक हितग्राही को उनके फार्म के संबध में पात्र या अपात्र की सूचना दी जानी चाहिए, जिससे हितग्राही को अगर अपात्र किया गया है तो हितग्राही उक्त संबध में अपील कर सके।
बेदखल और हटाया नहीं जाने के संबंध में दिये गये निर्देश
आगे जानकारी देते हुये हरि सिंह मरावी ने बताया कि अनुसूचित जनजाति और अन्य पंरपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं 2008 की अध्याय 3 धारा 4 की उपधारा 5 में स्पष्ट है कि जैसा अन्यथा उपबंधित है उसके सिवाय, किसी वन में निवास करने वाली अनुसूचित जनजाति या अन्य परम्परागत वन निवासियों का कोई सदस्य उसके अधिभोगाधीन वन भूमि से तब तक बेदखल नहीं किया जाएगा या हटाया नहीं जाएगा जब तक कि मान्यता और सत्यापन प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है। प्रक्रिया समय पर नियमानुसार उपखण्ड स्तरीय समिति व जिला स्तरीय समिति ने नहीं की है, ना ही वन नियमानुसार उपखण्ड स्तरीय समिति व जिला स्तरीय समिति ने नहीं की है, ना ही वन अधिकार समिति ग्रामसभाओं को अवगत कराया गया है।
जैव विविधताओं पारंपरिक जड़ी बुटियों को भी पहुंचाया गया है नुकसान
आगे जानकारी देते हुये हरि सिंह मरावी ने बताया कि वन विभाग के कर्मचारी अधिकारियों ने वन अधिकार कानून का उल्लंघन किया है। इसके साथ साथ हानिकारक रसायन से फसलों को चौपट किया गया, वनों की जैव विविधताओं पारंपरिक जड़ी बुटियों का सार्वजनिक रूप से जान बूझकर नुकसान किया गया है।
इसलिए भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराएँ धारा 255 एवं 256, धारा 166 तथा 425 एंव 426 के तहत मामला पंजीबद्ध किया जावे। अग्रेजों के द्वारा भी इतना घिनौना कृत्य नहीं किया गया जो आजाद देश में वन विभाग में पदस्थ लोक सेवकों द्वारा किया गया है। संवैधानिक नियमानुसार प्रकरण पंजीबद्ध कराया जावे।
अधिकारों की प्रक्रिया पूर्ण कराई जावे
आगे जानकारी देते हुये हरि सिंह मरावी ने बताया कि तहसील लखनादौन अंतर्गत ग्रामों में जहां-जहां पर व्यक्तिगत दावों की प्रक्रियाओं को पूर्ण नहीं किया गया है, मध्यप्रदेश शासन की मंशानुसार समय पर प्रकिया पूर्ण की जावे। अनुसूचित जनजाति और अन्य पंरपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एंव 2008 संशोधित अधिनियम 2012 के तहत सभी ग्रामों में सामुदायिक अधिकार व सामुदायिक वन संसाधन के अधिकारों की प्रक्रिया पूर्ण कराई जावे।



