वनरक्षक आरोपी संजय नामदेव को गिरफतार करने व धाराएं बढ़ाने आंदोलनकारियों ने भरी हुंकार
गोंडवाना के आव्हान में आदिवासी समाज ने बिछुआ बस स्टैंड चौराहा में किया चक्का जाम
गोंडवाना युवा नेतृत्व पवन शाह सरयाम ने आदिवासी बचाओ जन आक्रोश आंदोलन का किया था ऐलान
छिंदवाड़ा/बिछुआ। गोंडवाना समय।
बीते दिनों बिछुआ क्षेत्र के सिंगारदीप वन क्षेत्र में आदिवासी युवक के साथ बेरहमी से मारपीट करने वाले वनरक्षक पर पुलिस थाना में मामला दर्ज होने के बाद गिरफतारी आदि अन्य गंभीर मामलों को गोंडवाना युवा नेतृत्व-पवनशाह सरयाम के द्वारा
पीड़ित परिवार से मुलाकात कर उनका दुख सुनकर और उन्हें न्याय दिलाने को लेकर आदिवासी बचाओ जन आक्रोश आंदोलन का ऐलान 16 जुलाई 2025 को किया गया था।
आदिवासियों के ऊपर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे-सतीश भलावी
जिसको लेकर 16 जुलाई 2025 को बिछुआ में विशाल रैली निकाली गई एवं आक्रोशित युवाओं ने बिछुआ चौराहा में चक्का जाम भी किया। वहीं उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए आदिवासी नेता सतीश भलावी ने कहा आदिवासियों के ऊपर अत्याचार बर्दाश्त नहीं करेंगे।
वही गोंडवाना नेता देव रावण भलावी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी मांगे नहीं माना जाएगा तो हम मुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे एवं आंदोलन को उग्र होने पर मजबूर होना पड़ेगा। इसके साथ ही छात्र नेता मिथुन धुर्वे ने कहा कि आदिवासियों को मंदिर का घंटा समझ रखा है क्या अब हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुकदम सरकार के मुखिया धनु धुर्वे ने कहा कि दिन प्रतिदिन आदिवासियों की जमीन छीनी जा रही है तो कहीं आदिवासियों को पीटा जा रहा तो कहीं आदिवासी के ऊपर पेशाब किया जा रहा तो कहीं आदिवासी के बहन बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है यह बिल्कुल हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
दर्जनों संगठन ने समर्थन किया
आदिवासी युवा नेतृत्वकर्ता पवनशाह सरयाम के नेतृत्व में हो रहे आंदोलन को छिंदवाड़ा जिले के दर्जनों संगठन ने समर्थन किया एवं क्षेत्रिय ग्रामीणजनों सहित आसपास के जिले से भी आंदोलन में शामिल हुए। वहीं करीबन तीन-चार घंटे चौराहा में चक्का जाम करने के बाद तहसील मुख्यालय पहुंचे वहीं 4 सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया।
ज्ञापन में 5 प्रमुख मांगों में कार्यवाही की मांग
ज्ञापन में 5 प्रमुख मांगों में सिंगारदीप बीट में पदस्थ वन विभाग के कर्मचारी संजय नामदेव द्वारा आदिवासी युवक शिवपाल उईके के साथ की गई बर्बर मारपीट की घटना की निंदा करते हुए प्रदर्शनकारियों ने तत्काल बर्खास्तगी की मांग किया है।
वहीं घटना में मात्र साधारण धाराएं लगाई गईं, जिससे आरोपी खुलेआम घूम रहा है और पीड़ित परिवार को धमकियां दे रहा है। इसके साथ ही भारतीय न्याय संहिता 2023 (बीएनएस) की धारा 124(2), 193(2), 170 एवं अन्य प्रासंगिक धाराओं में केस दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की गई है।
वहीं वर्ष 2005 से पूर्व से काबिज आदिवासी परिवारों को अब तक वन अधिकार पट्टे नहीं दिए गए हैं यह वन अधिकार अधिनियम 2006 और संविधान की आत्मा का घोर उल्लंघन है। वहीं शासकीय कन्या छात्रावास बिछुआ एवं एकलव्य विद्यालय सिंगारदीप में भोजन की गुणवत्ता अत्यंत निम्न है। सप्लायर को हटाने और जनप्रतिनिधियों की निगरानी में नया टेंडर करने की मांग रखी गई।
आंदोलन में प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद
आंदोलन में मुख्य रूप से उपस्थित रावेन शाह उईके, अंशुल शाह मरकाम, सोभरान ठाकुर, राहुल चौधरी, वीरपाल इवनाती, अनिल धुर्वे, ओमकार तेकाम, प्रकाश उइके, शिवम पहाडेÞ, विपिन शर्मा, राज परधान, अंकेश सरयाम, निखलेश उइके, गगन भलावी, प्रदीप जुल्मे, गोलू सल्लाम, संजय कुडापे, रामेश उइके, नरेंद्र उइके, प्रवीन धुर्वे, आंदोलन को समर्थन करने वाले संगठनों में प्रमुख रूप से अखिल भारतीय गोंडवाना पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी, गोंडवाना महासभा, राष्ट्रीय क्रांति मोर्चा, जयस, जय भीम संगठन, ओबीसी महासभा, गोंडवाना स्टूडेंट यूनियन, जीबीडी ग्रुप, भीम आर्मी, आजाद समाज पार्टी, सर्व आदिवासी समाज संगठन चौरई, बिरसा क्रांति मोर्चा व अन्य संगठनों ने समर्थन दिया।






