हर्रई पेशाब कांड, आदिवासी युवक के साथ हुई अमानवीय घटना के विरोध में हजारों लोगों का उग्र प्रदर्शन
पुलिस पर पक्षपात के आरोप लगाने के साथ प्रशासन को सौंपा गया ज्ञापन
हर्रई/अमरवाड़ा। गोंडवाना समय।
आदिवासी बाहुल्य जिला छिंदवाड़ा के आदिवासी विकासखंड हर्रई क्षेत्र में आदिवासी के साथ जिस तरह से अमानवीय घटना को अंजाम दिया गया है वह शर्मनाक और अपमानजनक घटना है। वहीं इस मामले में पीड़ित से समझौता करने का दबाव भी बनाया गया है इसके साथ घटना को दबाने और छिपाने का प्रयास भी किया गया है। जिस तरह से आदिवासियों के साथ मध्यप्रदेश में अन्याय, अत्याचार, शोषण बढ़ने के साथ साथ अमानवीय कृत्य किये जा रहे है।
जिससे आदिवासी समाज में सरकार, शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश व विरोध बढ़ रहा है। दिनांक 29-30 जून 2025 की दरमियानी रात को घटित एक अमानवीय व जघन्य घटना के खिलाफ 5 जुलाई 2025 को हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने तहसील हर्रई में एकजुट होकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में उग्र आंदोलन किया।
आंदोलनकारियों ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवक राजकुमार बट्टी के साथ की गई जातिगत अमानवीय हिंसा, जबरन मूत्रपान कराने, अपहरण, मारपीट, और उसके परिवार पर हमले के खिलाफ राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), हर्रई/अमरवाड़ा को सौंपा।
अमानवीय घटना ने समूचे आदिवासी समाज को झकझोर दिया है
ग्राम तुईयापानी निवासी राजकुमार बट्टी (उम्र 26), जो एक मेहनतकश कृषिमजदूर है, उसे 29 जून की रात लगभग 11 बजे कुछ दबंगों ने उसके घर में घुसकर पूरे परिवार के साथ बर्बरता की, उसे घसीटकर बाहर ले जाया गया और अपमानित करते हुए सार्वजनिक रूप से मूत्र पिलाने जैसा नृशंस कृत्य किया गया। यह घटना राजा पिता रामे सिंह निवासी हर्रई व अन्य 10-15 अज्ञात व्यक्तियों द्वारा की गई। वहीं उक्त अमानवीय घटना ने समूचे आदिवासी समाज को झकझोर दिया है।
एससी/एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ने से पुलिस का इनकार
पुलिस थाना हर्रई पुलिस ने पीड़ित की शिकायत को गंभीरता से लेने के बजाय, उसे ही अपराध क्रमांक 177/2025 के तहत आरोपी बना दिया और इठर की धारा 296, 115(2), 351(3) जैसी धाराएं लगाकर मूल अपराध और आरोपियों को दबाने का प्रयास किया। एससी/एसटी एक्ट की धाराएं जोड़ने से भी पुलिस ने इनकार कर दिया है।
आंदोलनकारियों की प्रमुख माँगें
आदिवासी युवक के साथ अमानवीय कृत्य हर्रई पेशाब कांड के विरोध में गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में किये गये आंदोलन में आंदोलनकारियों ने प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा जिसमें प्रमुख रूप से 1. पीड़ित की एफआईआर को सही धाराओं के साथ पुन: दर्ज किया जाए और एससी/एसटी एक्ट की सभी धाराएं जोड़ी जाएं। वहीं 2. मुख्य आरोपी राजा पिता रामे सिंह सहित अन्य हमलावरों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। 3. पुलिस अधिकारियों की लापरवाही और पक्षपात के लिए विभागीय जांच और निलंबन की कार्रवाई हो। 4. पीड़ित परिवार को राज्य शासन द्वारा आर्थिक सहायता, सुरक्षा, पुनर्वास और मानसिक परामर्श मिले। 5. इस घटना की न्यायिक जांच अथवा SIT के माध्यम से स्वतंत्र जांच कराई जाए।
तो आंदोलन को जिला और राज्य स्तर तक ले जाया जाएगा
गोंगपा जिला अध्यक्ष छिंदवाड़ा एवं गोंडवाना समग्र विकास क्रांति आंदोलन के नेता देवरावेन भलावी ने बताया कि गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के नेतृत्व में हुए इस विरोध प्रदर्शन में क्षेत्र के सभी सामाजिक संगठनों, युवाओं, महिलाओं और जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर में सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग की। जनता का आक्रोश इतना व्यापक था कि तहसील मुख्यालय को पुलिस बल से घेरना पड़ा। अगर प्रशासन दोषियों पर तत्काल कार्रवाई नहीं करता, तो आंदोलन को जिला और राज्य स्तर तक ले जाया जाएगा।
ज्ञापन सौंपते समय प्रमुख रूप से ये रहे मौजूद
देवरावेन भलावी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी छिंदवाड़ा, संदीप इनवाती जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा छिंदवाड़ा, सुमरलाल ककोड़िया ब्लॉक अध्यक्ष हर्रई, रमेश कार्यवाहक जिलाध्यक्ष, प्रवीण धुर्वे विधानसभा प्रभारी जुन्नारदेव, शांतिराज कुशराम (प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा गोंगपा, रावेन शाह उईके गोंगपा मप्र वरिष्ठ पदाधिकारी, ब्रजेश ठाकुर युवा मोर्चा ब्लॉक अध्यक्ष हर्रई सहित अन्य पदाधिकारी व गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।