पंजूलाल सेन नियम विरूद्ध डटे थे शिक्षा विभाग में अब 7 वर्ष बाद मूल पद जनजाति कार्य विकास में हुये वापस
जिला शिक्षा अधिकारी और एसी ट्राईबल के आदेशों को खूब दिखाया था ठेंगा
शासकीय कन्या माध्यमिक शाला बखारी से पंजूलाल सेन की हुई रवानगी
पंजूलाल सेन का जनजातिय कार्य विभाग के लाटगांव हाईस्कूल है मूल पदस्थापना
जनजाति कार्य विभाग के ओर भी कुछ शिक्षक है जो शिक्षा विभाग में सांठगांठ से कर रहे नौकरी
देवेन्द्र डेहरिया शा.मा.शा. चरी है मूल पद स्थान लेकिन शा.क.हाई. खैरापलारी में दे रहे थे सेवा
सिवनी। गोंडवाना समय।
जनजाति बाहुल्य जिला में जनजाति विकासखंड सहित शिक्षा विभाग में शैक्षणिक विकास के लिये कलेक्टर सुश्री संस्कृति जैन बच्चों को सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था उपलब्ध कराने का प्रयास कर रही है। वहीं शैक्षणिक गुणवत्ता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
इसके बाद भी अध्यापन कराने वाले कुछ शिक्षकों की कार्यप्रणाली के कारण शिक्षा तंत्र का महकमा बदनाम हो रहा है। जिनमें आदरणीय सम्मानीय श्रीमान पंजूलाल सेन शिक्षक का नाम सर्वप्रथम पंक्ति में आता है। बताया जाता है कि श्रीमान पंजूलाल सेन जिला शिक्षा अधिकारी का आदेश हो या एसी ट्राईबल का आदेश हो उसको ठेंगा दिखाकर उनकी धज्जियां उड़ाने में महारथी माने जाते है।
मूल पद पर वापस भेजने के आदेश जारी
उन्होंने वर्ष 2019 से नियम विरूद्ध तरीके से जनजाति कार्य विभाग में मूल पद होने के बाद भी सांठगांठ के चलते लगभग 7 वर्ष यानि 4 अगस्त 2025 तक शिक्षा विभाग के शासकीय कन्या माध्यमिक शाला बखारी में अपनी सेवा देते रहे है।
वहीं जबकि श्रीमान पंजूलाल सेन का मूल जनजाति कार्य विभाग के अंतर्गत शा.हाई स्कूल लाटगांव है। नियम विरूद्ध नौकरी करने वाले श्रीमान पंजूलाल सेन की कार्यप्रणाली पर गोंडवाना समय समाचार पत्र द्वारा कई बार शिक्षा विभाग, जनजाति कार्य विभाग के अधिकारियों का ध्यानाकर्षण कराया गया था।
जिस पर संज्ञान लेते-लेते अब जाकर उन्हें शिक्षा विभाग के शासकीय कन्या माध्यमिक शाला बखारी से जनजाति कार्य विभाग के छपारा विकासखंड के अंतर्गत लाटगांव हाईस्कूल के मूल पद पर वापस भेजने का आदेश दिया गया है।
देवेन्द्र डेहरिया की भी रवानगी का हुआ आदेश
इसी तरह जनजाति कार्य विभाग के ही श्री देवेन्द्र डेहरिया जो कि शा.मा.शा. चरी में जिनका मूल पद स्थान था लेकिन वह भी सांठगांठ से शिक्षा विभाग के अंतर्गत केवलारी विकासखंड के शा.क.हाई. खैरापलारी में नौकरी कर रहे थे। श्री देवेन्द्र डेहरिया का भी अपने मूल पद जनजाति कार्य विकास में रवानगी का आदेश जारी किया गया है। इनके जैसे ही और भी जनजाति कार्य विकास विभाग के शिक्षक है जो कि नियम विरूद्ध तरीके से शिक्षा विभाग में सांठगांठ से नौकरी कर रहे है। जिनका खुलासा भी किया जायेगा कि आखिर कौन-कौन जनजाति कार्य विभाग के शिक्षक अपने मूल पद स्थान को छोड़कर शिक्षा विभाग में सेटिंग से नौकरी कर रहे है।


