भारत ने महिला क्रिकेट विश्वकप 2025 में इतिहास रचा, क्रांति गोंड को मिलेगा एक करोड़ का सम्मान
तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम फाइनल में धमाकेदार जीत की दी शुभकामनायें
भोपाल। गोंडवाना समय।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने आईसीसी वुमेन क्रिकेट वर्ल्ड कप 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्वकप का खिताब अपने नाम कर लिया। फाइनल मुकाबले में भारत ने विपक्षी टीम को हराकर इतिहास रचा और देशवासियों को गर्व महसूस कराया।
भारत की नारी शक्तियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन, सामूहिक प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के दम पर इतिहास रच दिया। टीम ने न केवल फाइनल जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की, बल्कि हर मैच में खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया।
भारत की नारी शक्तियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन, सामूहिक प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के दम पर इतिहास रच दिया। टीम ने न केवल फाइनल जीतकर ट्रॉफी अपने नाम की, बल्कि हर मैच में खिलाड़ियों के उत्कृष्ट प्रदर्शन ने दर्शकों का मन मोह लिया।
आदिवासी खिलाड़ी क्रांति गोंड का योगदान भी विशेष रूप रहा
इस गौरवपूर्ण अभियान में एक आदिवासी खिलाड़ी क्रांति गोंड का योगदान भी विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा। सागर की धरती में जन्मी युवा तेज गेंदबाज क्रांति गोंड ने कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी मेहनत और समर्पण से टीम के लिये निर्णायक भूमिका में बनी रही।
उनकी मेहनत रंग लाई और आज वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी बन गई हैं। ग्रुप स्टेज मैचों में उन्होंने महत्वपूर्ण विकेट लिए और सेंसैशनल फील्डिंग से कई मौकों पर टीम को विजय दिलाई। इस जीत में टीम के सभी खिलाड़ियों का योगदान बेहतर रहा है।
उनकी मेहनत रंग लाई और आज वह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी बन गई हैं। ग्रुप स्टेज मैचों में उन्होंने महत्वपूर्ण विकेट लिए और सेंसैशनल फील्डिंग से कई मौकों पर टीम को विजय दिलाई। इस जीत में टीम के सभी खिलाड़ियों का योगदान बेहतर रहा है।
कप्तान हरमनप्रीत कौर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई
टीम इण्डिया की कप्तान हरमनप्रीत कौर की रणनीतिक नेतृत्व क्षमता और दबाव के क्षणों में स्थिरता ने टीम को संतुलित और मजबूत बनाए रखने में निर्णायक भूमिका निभाई। कप्तान हरमनप्रीत ने मैच की हर परिस्थिति में टीम के लिए सही निर्णय लिए।
उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम का संतुलन बनाए रखा, फील्डिंग में खिलाड़ियों को सही स्थिति में खड़ा किया और युवा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास से भरपूर खेल खेलने के लिए प्रेरित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण टीम ने कठिन मुकाबलों में भी अपना प्रदर्शन बनाए रखा और फाइनल तक विजयी रास्ता तय किया।
उन्होंने बल्लेबाजी और गेंदबाजी क्रम का संतुलन बनाए रखा, फील्डिंग में खिलाड़ियों को सही स्थिति में खड़ा किया और युवा खिलाड़ियों को आत्मविश्वास से भरपूर खेल खेलने के लिए प्रेरित किया। उनकी नेतृत्व क्षमता के कारण टीम ने कठिन मुकाबलों में भी अपना प्रदर्शन बनाए रखा और फाइनल तक विजयी रास्ता तय किया।
पिता की प्रतिष्ठा बहाल करने बेटी क्रांति को पुलिस विभाग में अधिकारी पद देकर उचित सम्मान करे मध्यप्रदेश सरकार
महिला क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन से प्रदेश और देश का नाम रोशन करने वाली क्रांति गोंड को लेकर अब नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने राज्य सरकार से विशेष मांग की है कि उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में डीएसपी बनाकर सम्मानित किया जाए, चूंकि क्रांति गोंड के पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे, लेकिन उन्हें कुछ समय पूर्व सेवा से निलंबित (सस्पेंड) कर दिया गया था।
पिता के सस्पेंड होते ही परिवार में गंभीर आर्थिक संकट आ गया। फिर भी क्रांति ने हिम्मत नहीं हारी। सूखी पिच पर तपती धूप में घंटों अभ्यास किया, कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही। आज वही क्रांति गोंड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी बन गई हैं।
उनके संघर्ष और समर्पण ने न केवल खेल की दुनिया में बल्कि समाज में भी प्रेरणा दी है। समाज का कहना है कि क्रांति की उपलब्धि परिवार के संघर्ष और अनुशासन का परिणाम है, इसलिए सरकार को उनके योगदान को देखते हुए पिता की प्रतिष्ठा बहाल करने और क्रांति को पुलिस विभाग में अधिकारी पद देकर उचित सम्मान देना चाहिए।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम ने कहा है कि क्रांति जैसी बेटियाँ न केवल खेल जगत में, बल्कि समाज में भी प्रेरणा का स्रोत हैं। यदि उन्हें पुलिस अधिकारी बनाकर सम्मानित किया जाता है, तो यह संदेश पूरे प्रदेश की बेटियों को प्रेरित करेगा।
पिता के सस्पेंड होते ही परिवार में गंभीर आर्थिक संकट आ गया। फिर भी क्रांति ने हिम्मत नहीं हारी। सूखी पिच पर तपती धूप में घंटों अभ्यास किया, कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रही। आज वही क्रांति गोंड राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का नाम रोशन करने वाली खिलाड़ी बन गई हैं।
उनके संघर्ष और समर्पण ने न केवल खेल की दुनिया में बल्कि समाज में भी प्रेरणा दी है। समाज का कहना है कि क्रांति की उपलब्धि परिवार के संघर्ष और अनुशासन का परिणाम है, इसलिए सरकार को उनके योगदान को देखते हुए पिता की प्रतिष्ठा बहाल करने और क्रांति को पुलिस विभाग में अधिकारी पद देकर उचित सम्मान देना चाहिए।
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष तुलेश्वर हीरासिंह मरकाम ने कहा है कि क्रांति जैसी बेटियाँ न केवल खेल जगत में, बल्कि समाज में भी प्रेरणा का स्रोत हैं। यदि उन्हें पुलिस अधिकारी बनाकर सम्मानित किया जाता है, तो यह संदेश पूरे प्रदेश की बेटियों को प्रेरित करेगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव की घोषणा, क्रांति गोंड को मिलेगा एक करोड़ का सम्मान
मध्यप्रदेश की आदिवासी बेटी क्रांति गोंड के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर प्रदेश सरकार ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि क्रांति गोंड को राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्रांति गोंड ने अपने अद्भुत प्रदर्शन से देश और मध्यप्रदेश का नाम विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया है। उन्होंने कहा कि ह्लराज्य सरकार खिलाड़ियों के मनोबल को बढ़ाने और खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं के लिए नई नीतियाँ लागू की जा रही हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक खिलाड़ी प्रदेश का नाम रौशन करें।
आदिवासी समाज ने क्रांति गोंड को पुलिस अधिकारी बनाने की मांग की
महिला क्रिकेट टीम की स्टार खिलाड़ी क्रांति गोंड के उत्कृष्ट प्रदर्शन और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन करने के बाद अब आदिवासी समाज ने उन्हें मध्यप्रदेश पुलिस विभाग में अधिकारी पद (डीएसपी या समकक्ष) से सम्मानित करने की मांग की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पहले ही क्रांति गोंड को एक करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि देने की घोषणा कर चुके हैं।
इस सम्मान ने खिलाड़ी और उनके परिवार को मान्यता दी लेकिन अब समाज की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है कि क्या क्रांति को पुलिस विभाग में अधिकारी पद से भी नवाजा जाएगा। आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों का कहना है कि क्रांति गोंड ने न केवल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि अपने संघर्ष और समर्पण से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं।
उनका कहना है कि अधिकारी पद प्रदान करने से आदिवासी समाज और महिलाओं को संदेश मिलेगा कि मेहनत और प्रतिभा को उचित सम्मान मिलता है े यह मांग खेल और सामाजिक क्षेत्र में प्रशंसा और न्याय का मिश्रण है, जिसमें सरकार का निर्णय भविष्य में खेल प्रतिभाओं और समाज के लिए एक प्रेरक संदेश देगा।
इस सम्मान ने खिलाड़ी और उनके परिवार को मान्यता दी लेकिन अब समाज की नजर सरकार के अगले कदम पर टिकी है कि क्या क्रांति को पुलिस विभाग में अधिकारी पद से भी नवाजा जाएगा। आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों का कहना है कि क्रांति गोंड ने न केवल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है, बल्कि अपने संघर्ष और समर्पण से युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हैं।
उनका कहना है कि अधिकारी पद प्रदान करने से आदिवासी समाज और महिलाओं को संदेश मिलेगा कि मेहनत और प्रतिभा को उचित सम्मान मिलता है े यह मांग खेल और सामाजिक क्षेत्र में प्रशंसा और न्याय का मिश्रण है, जिसमें सरकार का निर्णय भविष्य में खेल प्रतिभाओं और समाज के लिए एक प्रेरक संदेश देगा।



