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समाज के लिये गोंडी भाषा, पाना पारसी को आज समाज से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती

समाज के लिये गोंडी भाषा, पाना पारसी को आज समाज से जोड़ना सबसे बड़ी चुनौती  

भोपाल में आयोजित कार्यक्रम कहा गया हमें भीड़ का हिस्सा न बनकर समूह का हिस्सा बने जिसका एक सकारात्मक उद्देश्य होता है उक्त बाते अशोक शाह आईए एस, प्रमुख सचिव, सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण म प्र शासन द्वारा कहीं गई वहीं भारतीय जूड़ो टीम के कोच भी रह चुके तिरूमाल डी एस धुर्वे जी जिला खेल अधिकारी, मांदल पर भी लय ताल के साथ अपनी देशज कला का प्रदर्शन देखते बना, प्रकृति के मूल सिध्दांतों को बनाए रखना हम कोयापुनेमियो का दायित्व है उक्त वक्त कार्यक्रम में मौजूद जे एस कड़ोपे द्वारा कहा गया। 



भोपाल। गोंडवाना समय। प्रदेश की राजधानी व भूपाल शाह सल्लाम की नगरी भोपाल में सगा सग्गुम आदिम समाजिक संस्था भोपाल इंडिया के लगातार बारह वर्षो के कठोर प्रयासों से आयोजित जंगों लिंगों लाठी गोंगो पुनेमी पाबुन के पावन अवसर पर आदिम समुदाय एम्प्लाइज वेलफेयर एसोशियन भेल के सांस्कृतिक भवन भेल, भोपाल में विशाल समाजिक संगोष्ठी के साथ रंगारंग सांस्कृतिक समारोह का आयोजन किया गया । उपरोक्त समारोह के आरंभ  में पहादी पाडी कुपाड लिंगों बाबा व जंगों दाई के गोंगो कर संस्था के प्रमुख चिंतनकारों द्वारा उपस्थित सगापाडियों को कोयतुड़ कोयापुनेम का अटाक्य चिंतन देते हुये कार्यक्रम को संचालित किया गया । व वरिष्ठ मार्गदर्शक  युवा चिंतनकारो के आलेख कोयापुनेम के संबंध में दृष्टिकोणए बधाई संदेशए व रचनाओं को एकत्रित कर स्मारिका 2018 का विमोचन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अथिति तिरूमाल अशोक शाह आईएएस, प्रमुख सचिव सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग म.प्र तिरूमाल अशोक गोंड, डीआईजी एतिरूमाल डा. सुरेश उइके सहायक संचालक खेल जबलपुर, ए तिरूमाल  डा. सुधीर वाडिवा एरीजनल डायरेक्टर राष्ट्रीय श्रम शिक्षा बोर्ड भोपाल, विजय वट्टी जी, पी. एस. ताराम,पी. एस. मरावी, डी एस धुर्वे जिला खेल अधिकारी भोपाल, राजा रावेन तिलक धुर्वे तिरूमाल डी एस उइके,  विनोद उइके,राजीव कड़ोपे, तिरूमाल कमलेश गोंड, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़ व अन्य दूर दूर से पहुँचे गोंड समुदाय के सगाजन उपस्थित रहे ।  कोयापुनेम के चिंतन के साथ साथ पी एस मरावी व तिरूमाल रामचरन परस्ते के नेतृत्व में, इजीनियर तिरूमाल प्रकाश अड़मे के विशेष सहयोग से समस्त नृतक दलों द्वारा करमा, शैला,लीना, सुआ नृत्य व गीत, पारम्परिक वाद्ययंत्रों के साथ प्रस्तुत कर देशज समुदाय के रीति-रिवाजों को उकेरते हुए मनमोहक नृत्य प्रदर्शित किया गया । जिसमें गोंड समाज महासभा के नृत्य दल भी शामिल हुई, वही समस्त नृत्य विधा में जिला खेल अधिकारी डी एस धुर्वे, जो भारतीय जूड़ो टीम के कोच भी रह चुके हैं, का मांदल पर थाप व थिरकते कदम के लय ताल सभी को मंत्र मुग्ध कर गये व तन मन धन से गोंड कोयतोड़ियन समुदाय के सगाजनो द्वारा हमारे आदि पूर्वज अचाट मुठवा पहादीं पारी कुपार लिंगो बाबा द्वारा प्रदत्त यह प्रकृति आधारित कोयापुनेमए प्रकृति की उच्च दर्शन से परिपूर्ण कोयापुनेम नेंग सेंग मिजान, गोंडी भाषा, पाना पारसी को आज समाज से जोड़ना समाज के लिए सबसे बड़ी चुनौती है, को ध्यान में रखते हुए चिंतन व अपनी बात रखी ।


सतरंगी ध्वज पर शोधयुक्त चिंतन किया प्रस्तुत

डॉ सूर्या बाली जी द्वारा सतरंगी ध्वज पर एक गहन शोधयुक्त चिंतन प्रस्तुत किया । यहाँ इस बात पर ध्यान केन्द्रित किया गया है कि इतनी गहराई व विशिष्टताओं के बावजूद समाज का उसके मौलिकता से पूर्णतया न जुड़ना समाज पर कई बड़े प्रश्न खड़े हो रहे हैं । जिसमें मुख्य तौर पर यहाँ दो कारण स्पष्ट नजर आ रहे हैं । पहला समाज द्वारा अपने नये पीढ़ी को मूल मौलिकता से न जोड़ पाना । जिस कारण नये पीढ़ी का अन्य संस्कृति व धर्मों की ओर भटकाव लाजमी है । वहीं दूसरा आज हमें मौलिकता की रत्ती भर जानकारी न हो फिर भी हमारे किसी काम का न रूकना । चाहे वो पुटसीना, मड़मीग, सायना  जन्म, विवाह, मृत्युद्ध यहाँ तक जाति प्रमाण पत्र बनवाने में भी कोई बाधा न आना । जब बिना रूकावट के संपूर्ण कार्य हो रहे हैं तो फिर मौलिकता की आवश्यकता किसको है । यह सोचनीय व चितनीय बिंदु है । वहीं तिरूमाल आई एल मर्सकोले व तिरूमाल जगदीश मसराम द्वारा  आने वाले समय में जो अपने सामाजिक, सांस्कृतिक, भाषिक दर्शन को जानता है वही अपने अधिकार हासिल करने का अधिकारी होगा, बिंदु पर अपनी बात रखी और सारांशत: कहा गया है कि चिंतन व सामाजिक व्यवस्था से यदि आप दूर है तो, उस समय गोंड कोयतोड़ होने के बाद अपने आपको साबित नहीं नहीं कर पायेंगे और स्वत: ही अपने अधिकारों से वंचित हो जायेंगे । सगा-पाड़ी यह चिंतन का समय है, अपने मौलिक पहचान व प्रकृतिवादी उच्च व्यवस्था को सम्मान के साथ स्थापित करने का समय है । तभी हम व कोयापुनेम अपने अस्तित्व व अस्मिता को बचा पायेंगे । इस दिशा में सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था भोपाल म प्र इंडिया निरंतर रचनात्मक कार्य कर रही है व सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निर्वहन कर रही है ।


हम अपने सांस्कृतिक, संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित व हासिल कर सके

मुख्य आतिथ्य उद्बोधन में तिरूमाल अशोक शाह आई ए एसद्ध द्वारा अपनी पीढ़ी इतिहास व संघर्ष पर जोर दिया गया व भीड़ का हिस्सा न बनने की सलाह देते हुए समूह में रहकर संयुक्त प्रयास करने पर जोर दिया । जिससे हम अपने सांस्कृतिक अधिकारों व संवैधानिक अधिकारों को संरक्षित कर सकें व हासिल कर सके । यही सार्थक सोच लेकर हमारे अमूल्य वृहत सांस्कृतिक विरासत भाषा  धर्म, संस्कृति, को पाबुन एवं पड्डुम के माध्यम से समाज में जागृति लाने का प्रयास कर रही है । गोंड कोयतोड़ियन समुदाय के मुख्य पाबुन में एक जंगो लिंगो लाठी गोगो पाबुन ए हमारे आदि पूर्वज प्रकृति पुरोधा अचाट मुठवा पहादीं पारी कुपार लिंगो बाबा ने सृष्टि के गतिमान संरचना एवं सृजन व संचालन के सूक्ष्मता व गहराई से अध्ययन व आत्मसात करके व्यवस्थित व शांति पूर्वक जीवन जीने का प्रकृतिनूकूल मौलिक सिध्दांतों की अमिट पहचान व बुनियाद रखकर पाड़ी, पिता की पहचान दिये और दाई रायताड़ जंगो ने मड़मीग विवाह, की व्यवस्था देकर कोयापुनेम, कोयतोड़ियन धर्मद्ध की स्थापना व उद्घोषणा सावरी, सालद्ध सारोमान, छटवाँ माहद्ध के पदनेटी, दसवां दिनद्ध  सेमर पेड़ के मिजानानुसार सावरी मड़ा के तले किए । तभी से संपूर्ण कोयतोड़ियन समुदाय समर्पित सेवाभाव के साथ प्रकृति संगत कोयापुनेम के स्थापना के सम्मान में यह पुनेम पाबुन, जंगो लिंगो लाठी गोगो पाबुन पुरातन काल से मनाते आ रहे हैं । इस पाबुन में जंगो लिंगो को विशेष सम्मान दिया गया । इस भव्य आयोजन में  पहादीं पारी कुपार लिंगो बाबा एवं दाई रायताड़ जंगो, इन दोनों के सम्मान में दोनों को पौहवा, डांगद्ध के साथ, सेमर पेड़ का गोंगो करके धूम धाम से मनाया गया । पर्वों के माध्यम से पर्यावरण को सम्मान देना ही देशज समुदाय का मौलिक स्वभाव रहा है । मूल सामाजिकता व मूल सिध्दांतों में एक हैं । पर विशेष जोर अतिथियों ने अपने उद्बोधन में शामिल किये । सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था भोपाल म प्र इंडिया द्वारा ए 24 अक्टूबर 2018 को पूरे धूमधाम सेगोंगो व सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भेल पिपलानी व सांस्कृतिक हाल में आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रदेशों के सम्मानीय अतिथि व चिंतनकारो के साथ कोयापुनेमी लोग शामिल हुए  । कार्यक्रम का सफल संचालन युवाओं के प्रेरणास्रोत राजकुमार इड़पाचे व तिरूमाय कड़ोपे  द्वारा किया गया ।  वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता तिरूमाल सम्मल सिंह मरकाम जी सहायक संचालक आडिट  सागर द्वारा किया गया व कोयापुनेम पर चिंतन मनन आज एकत्रित क्यों हैं पर जोर देते हुए विचार रखा गया । कार्यक्रम के अंत में समाज के प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया । वही तिरूमाल भीम धुर्वे जी द्वारा आभार प्रदर्शित किया गया व अध्यक्ष की अनुमति से कार्यक्रम का समापन किया गया ।

सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था को जीएसयू ने उपहार में दिया बेबसाईट

भोपाला। गोंडवाना सयम। जीएसयू इंडिया और जीएसयू मध्यप्रदेश के पदाधिकारियों के अथक प्रयास से गोंडवाना मिशन को नए आयाम तक पहुचाने के लिए सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था भोपाल म प्र इंडिया के सम्माननीय अध्यक्ष तिरूमाल जे एस कड़ोपे जी एवं पदाधिकारियों से विचार विमर्श के उपरांत सहमति प्राप्त करते हुए, संस्था को इंटरनेट के युग में संचार और प्रसार के नए माध्यम वेबसाइट को उपहार स्वरूप भेंट किया गया। गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन के राष्ट्रीय संचालक मोहन मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश मर्सकोले, प्रदेश उपाध्यक्ष शौकलाल कुलस्ते, प्रदेश सदस्य निधि राज उईके, जिला अध्यक्ष भाई नीरज वरिवा, जिला उपाध्यक्ष महेश उईके, महासचिव दीपांशु उईके, कोषाध्यक्ष साधना उईके, प्रेम वारिवे, प्रवक्ता पुरुषोत्तम धुर्वे एवं समस्त जीएसयू टीम ने वेबसाइट बनाकर सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था भोपाल को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सम्मानीय तिरु.अशोक शाह जी (आईएएस, प्रमुख सचिव-सामाजिक न्याय एवं निशक्त जन कल्याण विभाग म.प्र. ), विशिष्ट अतिथि सम्मानीय तिरु. अशोक गोंड जी (डीआईजी. आईटीबीपी भोपाल), अतिथि सम्मानीय तिरु. डॉ. सुधीर बाड़ीवा जी की उपस्थिति में सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था के अध्यक्ष तिरुमाल जयपाल सिंह कड़ोपे जी, उपाध्यक्ष तिरुमाल डॉ. सूर्या बाली जी, डॉ. फनीश कुशरे जी, तिरुमाल डुमारी सिंह धुर्वे जी, तिरुमाल फूल सिंह मेरावी जी, तिरुमाल राजकुमार इड़पाची जी, तिरुमाल महासिंह धुर्वे जी आदि सदस्य मौजूद रहें । कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहें तिरुमाल सम्मल सिंह मरकाम को राष्ट्रीय स्तर जंगो लिंगो लाठी गोंगो पाबुन पुनेम के संध्या कालीन  कार्यक्रम में वेबसाइट ६६६.२ंँ२ँॅ४े.ूङ्मे को भेंट किया गया। जिसके लिए सगा सग्गुम आदिम सामाजिक संस्था भोपाल इंडिया के द्वारा गोंडवाना स्टूडेंट्स यूनियन का हार्दिक आभार व्यक्त किया गया।

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