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दुष्कर्म से पीड़ित आदिवासी युवती और उसके बच्चे की मौत

दुष्कर्म से पीड़ित आदिवासी युवती और उसके बच्चे की मौत

बरघाट विधानसभा क्षेत्र के कुरई थाना का है मामला

आदिवासी आरक्षित विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कुरई थाना में आदिवासियों बालिका, युवती, महिलाओं के साथ अत्याधिक अत्याचार, शोषण के मामले बढ़े है और रूकने का नाम नहीं ले रहे है यह हम नहीं पुलिस थाना में एवं प्रशासन के पास पहुंचने वाले पीड़ित आवेदको की संख्या स्वयं बताती है । फिलहाल हम ऐसा एक गंभीर मामला की बात कर रहे है जिसमें आदिवासी युवती के साथ पहले तो बलात्कार हुआ जिससे वह गर्भवती हो गई कम उम्र के कारण के कारण वह शारीरिक रूप से गंभीर रूप से बीमार हुई तो पेट चीर कर निकाला गया बच्चा भी मौत की आगोश में समा गया एवं कुछ देर बाद स्वयं आदिवासी युवती भी 26 अक्टूबर 2018 को जबलपुर मेडिकल अस्पताल में काल के गाल में समाकर अपनी जीवन लीला को समाप्त कर इस दुनिया को छोड़ कर चली गई ।

कुरई। गोंडवाना समय।
आदिवासी बाहुल्य विकासखंड कुरई थाना के अंतर्गत आदिवासी युवती शिवकुमारी उर्फ पुष्पा कुड़ापे ग्राम करहैया निवासी थी वह मजदूरी करती थी । उसके साथ गांव के ही मोनू हरिनखेड़े के द्वारा बीते 27 अप्रैल 2018 की रात्रि में आदिवासी युवती के बड़े पिता साहबलाल कुड़ोपा की बाड़ी में जबरन अनैतिक कृत्य करते हुये बलात्कार किया और किसी को भी ये बात नहीं बताने की धमकी दिया । इसी के चलते आदिवासी युवती के द्वारा किसी को कुछ नहीं बताया गया परंतु वह कुछ दिनों के बाद जब गर्भवती हो गई तो आदिवासी युवती ने अपने परिवार में मां, भाई व भाभी को अपने साथ हुये घटनाक्रम की जानकारी दिया और इसके बाद कुरई थाना में 31 अगस्त 2018 को आदिवासी बालिका शिवकुमारी उर्फ पुष्पा कुड़ापे के द्वारा मामला दर्ज कराया गया जिसमें मोनु पवार के द्वारा बलात्कार किया जाने का मामला कुरई पुलिस के द्वारा भा द संहिता के तहत 376, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति नृशंतता निवारण अधिनियम 1989 के तहत 3 व्ही एवं 3(1) डब्ल्यू-आई के तहत मामला दर्ज किया गया था । रिपोर्ट यह उल्लेख किया गया है कि उक्त घटना 27 अप्रैल को हुई थी कुरई थाना से उत्तर की दिशा की ओर घटना स्थल दर्ज किया गया।

धरना के बाद पुलिस ने किया था गिरफ्तार

आदिवासी युवती के साथ हुये बलात्कार जैसे गंभीर मामला होने के बाद भी कुरई पुलिस के द्वारा लापरवाही बरती जा रही थी। गिरफतारी जैसी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही थी तो उक्त मामला को उठाते हुये आदिवासी समाज के पुराने संगठन (श्री माझीं अंतरराष्ट्रीय समाजवाद आदिवासी किसान सैनिक संस्था) ने सभी समाज के लोगो के साथ मिलकर 28 सितंबर को 2018 को पुलिस थाना कुरई में धरना दिया था । उसके बाद ही कुरई पुलिस सक्रिय हुई थी और तत्परता दिखाते हुये आरोपी को गिरफतार कर लिया गया था ।

अब हत्या का भी मामला हो दर्ज

बलात्कार के बाद गर्भवती हुई आदिवासी युवती की उसका बच्चा सहित मौत होने के बाद युवती के परिजनों ने मांग किया है कि आरोपी पर हत्या का प्रकरण भी दर्ज किया जाना चाहिये क्योंकि आदिवासी युवती की मृत्यू का जिम्मेदार आरोपी के द्वारा किया गया कृत्य को उन्होंने जिम्मेदार ठहराया है अब देखना यह है कि कुरई पुलिस जो बलात्कार की घटना होने के बाद गिरफतारी आदि में लेटलतीफी व लापरवाही बरत रही थी वह क्या कार्यवाही करती है ।

अभी तक नहीं मिली आर्थिक सहायता

आदिवासी युवती के साथ हुये बलात्कार की घटना के बाद दर्ज हुर्ई रिपोर्ट के बाद नियमानुसार मिलने वाली सरकार की ओर आर्थिक सहायता युवती की मौत के बाद भी नहीं मिल पाई है जो सरकार के साथ साथ संबंधित विभागों की पोल भी खोल रही है कि किस तरह से अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार अधिनियम के तहत मिलने वाली राहत राशि में कैसे लेट लतीफी किया जाता है वहीं इस दौरान आदिवासी युवती की तबियत बिगड़ने पर भी कोई सरकारी सहायता नहीं मिलने व आर्थिक कमजोरी के चलते सही उपचार नहीं मिलने के कारण भी उसकी मौत होने का आरोप परिजनों के द्वारा लगाया गया है ।

26 अक्टूबर को बच्चा और आदिवासी युवती हुई मृत

अपनी बहन के साथ हुये बलात्कार व अन्याय-अत्याचार को लेकर उसके भाई ब्रजेन्द्र ने बताया कि मेरी बहन की तबियत गर्भवती होने के बाद से ही अत्याधिक खराब रहने लगी थी लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अच्छे अस्पताल में उपचार नहीं करा पा रहे थे उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ने के चलते उसे हमने सिवनी अस्पताल में 20 अक्टूबर को भर्ती करवाये थे हालत बिगड़ने के कारण सिवनी जिला अस्पताल से उसे जबलपुर रेफर कर दिया गया हमारे द्वारा जबलपुर मेडिकल कॉलेज में 21 अक्टूबर को भर्ती कराया गया था जहां उसका उपचार चला लेकिन वहां पर हालत में कोई सुधार नहीं होने के कारण डॉक्टरों के द्वारा उसका सीजर कर बच्चा को निकाला गया जो कि 26 अक्टूबर को मृत हो गया था जिसे मेरे द्वारा जबलपुर में अंतिम संस्कार किया गया उसके बाद शाम के समय लगभग 6 बजे के बाद मेरी बहन शिकुमारी कुड़ोपा का भी देहांत हो गया । जिसे दूसरे दिन पोस्टमार्टम के बाद कराने के बाद जबलपुर से 27 अक्टूबर 2018 को अपने गांव में घर लेकर आये और उसके बाद उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया गया है ।


जनप्रतिनिधियों, नेताओं व समाजिक संगठनो की उदासीनता उजागर

आदिवासी युवती के साथ हुये बलात्कार की घटना के बाद क्षेत्रिय विधायक कमल मर्सकोले और विपक्षी पार्टी कांग्रेस से बीते विधानसभा में चुनाव लड़ने वाले अर्जुन काकोड़िया ने गंभीर मामले को लेकर कोई विशेष प्रयास नहीं किया इसके साथ ही क्षेत्रिय अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी इस मामले में अपनी उदासीनता को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ा । इसके बाद सिवनी जिले के अनेक सामाजिक संगठनों ने भी इस मामले में अपनी चुप्पी साधना ही उचित समझा ।





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2 Comments
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  1. this man raped a girl who was under age. this type man's are black sing of human's being's. don't bargain and hang them in the rope.
    otherwise nobody trusted in again in our judiciary.

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  2. ५६६ वेसे भी ५वी अनुसूची मे अवैध बसे है, आक्रमणकारी कही के और हमारे लोगो पे अत्याचार कर र्हे है,
    अदिवासी नेता सब गुलाम है वरना अभी तक सब अछछा हो जाता, साले दलाल लोग.

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