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डिंडौरी जिले में त्रिकोणीय संघर्ष के चलते मतदाता किसे बनायेंगे विधायक

डिंडौरी जिले में त्रिकोणीय संघर्ष के चलते मतदाता किसे बनायेंगे विधायक 

डिंडौरी में ओम नाम का मिथक अभी है ओमप्रकाश और ओमकार विधायक  

डिण्डौरी। गोंडवाना समय। जनजाति बाहुल्य मध्य प्रदेश में आगामी माह में विधानसभा चुनाव होने वाला है । सभी राजनैतिक दल अपनी अपनी विजय पताका लहराकर सरकार बनाने की बात करते हुये अपना चुनावी अभियान जारी रखे हुए है । अब प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी और विधानसभा भवन तक किस विधानसभा से कौन विधायक बनकर राजयोग का सुख प्राप्त करेगा है इसका फैसला परिणाम के दिन तो तय हो ही जायेगा लेकिन गांव-गलियारों, चौक-चौराहों में शहर की गली-मोहल्लें में यहां तक कि शासकीय कार्यालय में भी विधानसभा चुनाव की चुपचाप चर्चा चलते रहती है । जनजाति बाहुल्य और विशेष संरक्षित जनजाति बैगा के लिये जाना जाने वाला जिला डिण्डौरी वर्ष 1999 में अपने आस्तित्व में आया । उसके पहले मण्डला जिले की सबसे बड़ी तहसील के रूप में डिण्डौरी को जाना जाता रहा है । वहीं डिण्डौरी हमेशा आदिवासियों के लिए बनाए जाने वाली विशेष केंद्रीय योजनाओं एवं जनजातियों के लिये बनी अलग राष्ट्रीय योजनाआें के साथ-साथ प्रदेश की योजनाओं में सम्मलित है क्योंकि जिले में आदिम जनजातियों में विषेष पिछड़ी जनजाति बैगा जनजाति बजाग, समनापुर, करंजिया में बहुतायत संख्या में निवास करती है, इस क्षेत्र को बैगाचक के नाम से जाना जाता है इसके साथ ही मध्य प्रदेश से लगे हुये छत्तीसगढ़ की सीमा से भी लगे समस्त ग्रामों मे बैगा जनजाति ही निवास करती है। जहां तक बैगा जनजाति का सवाल है, बैगा जनजातियों के बीच से इस चुनावी दौड़ में कोई भी प्रत्याशियों ने अभी तक अपना भाग्य नहीं आजमाया है लेकिन अन्य जनजातियों से प्रत्याशी चयनित किये गए है और जनता मतदाता ने भी अपनी सहमति दी जनता में कहीं पर भी जनजातियों के जाति समीकरण से वोटिंग नही किया है, मतदाता तो प्रत्याशी की योग्यता पर एवं छबी को देखकर अपना मतदान करते आ रही है। जिले में पहले तीन विधानसभा सीट थी, जिसमें बजाग, डिण्डौरी, शहपुरा थी । परिसीमन के बाद दो सीट शहपुरा एंव डिण्डौरी बनाया गया एंव बजाग सीट को विलुप्त किया गया, दो सीट बनने के बाद से डिण्डौरी की राजनीतिज्ञ समीकरण बदल गये है।

ओमप्रकाश धुर्वे अपनी सीट छोड़कर बने थे विधायक

यदि हम विगत विधानसभा चुनाव 2013 में चुनावी गतिविधियों की बात करें तो डिण्डौरी विधानसभा सीट छोड़कर शहपुरा विधानसभा से ओमप्रकाश धुर्वे को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया और उनका राजनैतिक प्रयोग सफल रहा, उन्होने कांग्रेस के निकटतम प्रत्याशी को तीस हजार से ज्यादा मतों से हराया। वर्तमान में ओमप्रकाश धुर्वे म.प्र. सरकार में केबिनेट मंत्री है। वहीं डिण्डौरी से कांग्रेस के प्रत्याशी ओमकार मरकाम अपने निकटतम प्रत्याशी भाजपा के जय सिंह मरावी से पांच हजार मतों से आगे बाजी मारते हुए विजयी घोषित हुए। ओमकार मरकाम डिण्डौरी विधानसभा से लगातार दो बार विजयी रहे है। वर्तमान में दोनो विधानसभा सीट से कांग्रेस और भाजपा ने अपने उम्मीदवार घोषित नही किए है । वहीं जिले में तीसरी शक्ति गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये है, डिण्डौरी से गंगा सिंह पटटा, और शहपुरा से रणजीत सिंह मरावी को बनाया है । वहीं राजनैतिक सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार आम आदमी पार्टी ने  शहपुरा विधानसभा से अमर सिंह मार्को को मैदान मे ंउतारने की तैयारी चल रही है। अनेक दल है जिनके प्रत्याशी भी मैदान में अपना भाग्य आजमा सकते है। इससे दोनो सीटों में रोचक मुकाबला होगा। सभी दल और उनके प्रत्याशी और उनके समर्थक अपनी जीत की उम्मीद लगाए हुए है।

विधानसभा चुनाव में युवा मतदाताओं की संख्या रहेगी अधिक

2018 विधानसभा चुनाव में इस बार युवा मतदाताओं की संख्या अधिक रहेगी और जिले में मतदान का प्रतिशत भी पहले की अपेक्षा अधिक रहने की उम्मीद है, हमारें संवाददाता ने जिले के ग्रामीणजनों से मुलाकात कर चुनाव के बारे में जानना चाहा तो उन्होने बताया कि इस बार मतदान हर बूथ में पहले की अधिक होगा किन-किन पार्टियों का जोर है पूछने पर बताया कि जिले कि दोनो विधानसभा सीट में हर दल का प्रत्याशी विजयी होने जोर अजमाईश करेगा। वर्तमान में किस पार्टी का जोर ज्यादा है, यह पता नहीं चल रहा है; पार्टी प्रत्याषी नियुक्त होने पर ही क्षेत्र में समीकरण पता चलेगा।

आदिवासी मतदाता हुए जागरूक

आदिवासी अंचल डिण्डोरी में इस बार आदिवासी मतदाताओ ने कहा कि इस बार क्षेत्र में किसी भी राजनैतिक दल के द्वारा लालच देने पर मतदाता अपना मत नहीं देगा बल्कि उन्होने कहा कि तुरंत ही निर्वाचन आयोग को शिकायत की जावेगी इस बार मोबाईल में भी शिकायत हेतु एप की सुविधा है, इसलिए मतदाता जागरूक होकर शिकायत एप का भी भरपूर उपयोग करेगें ऐसे समय में कोई भी प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने का प्रयत्न नहीं करेगा।


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