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मिलर्स ने गायब किए 60 हजार क्विंटल धान,चांवल बनाकर नहीं लौटाया

मिलर्स ने गायब किए 60 हजार क्विंटल धान,चांवल बनाकर नहीं लौटाया

धान और चांवल के हेरफेर में करोड़ों कमाने वाले जिले के मिलर्स ने मिलिंग के नाम पर 60 हजार क्विंटल धान दबाकर बैठ गए हैं। धान का उठाव के बाद सात दिन की अवधि में मिलिंग कर चावल को विभाग के गोदामों में जमा करने की बजाय महीना बीत गया है लेकिन चावल जमा नहीं किया गया है। वहीं नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी-कर्मचारी मिलर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बजाय महिने भर का समय निकल जाने के बाद सिर्फ राशि वसूलने की चेतावनी दी गई है। ऐसे में नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी-कर्मचारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।

सिवनी। गोंडवाना समय।
जिले में तकरीबन 67 मिलर्स हैं जिसमें 35 मिलर्स ने 145 लाट में लिया करीब 60 हजार क्विंटल धान मिलिंग के बाद चावल बनाकर विभाग को नहीं लौटाया है। नियमानुसार मिलर्स को सात दिनों में धान को मिलिंग के बाद चावल बनाकर गोदाम में जमा कराना होता है। ऐसे में अब नागरिक आपूर्ति विभाग को समय पर मिलिंग करके चावल न लौटाने वाले मिलर्स के अनुबंध को समाप्त कर उनके खिलाफ नियमानुसार कानुनी कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन नागरिक आपूर्ति विभाग ऐसा लगता है कि मिलर्स संचालकों से मोटा कमिशन मिलने के कारण उनके खिलाफ वे सख्त कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। शासन के डर की बजाय से सिर्फ पैसे वसूली का भय दिखाकर नोटिस जारी किया गया है।

छह लाख क्विंटल धान का उठाव

जिले के मिलर्स को समर्थन मूल्य पर खरीदा गया धान अरबा चावल बनाने के लिए दिया गया था। अगस्त व सितंबर में जिले के तीन दर्जन से ज्यादा मिलर्स ने धान को चावल बनाने अनुबंध की शर्तों पर 1462 लाट में करीब 6 लाख क्विंटल धान का उठाव किया था। इसमें से 1336 लाट में करीब 5.38 लाख क्विंटल धान मिलिंग के बाद चावल बनाकर गोदाम में जमा करवा दिया गया है। जबकि 145 लाट में उठाव की गई 58435 क्विंटल धान अब भी मिलर्स के पास है। जिसे चावल बनाकर नान के गोदामों में जमा नहीं कराया जा रहा है। आधा दर्जन से ज्यादा मिलर्स ऐसे हैं जिनके पास 10 से ज्यादा लाट शेष हैं।

आदेश जारी होते ही मचा हड़कंप

नागरिक आपूर्ति निगम के जिला प्रबंधक द्वारा 2017-18 में मिलिंग के लिए दिए गए धान का सीएमआर चावल जमा कराने कई बार मिलर्स को पत्र लिखे गए हैं। इसके बावजूद मिलर्स द्वारा सीएमआर चावल वापस गोदामों में जमा नहीं कराया गया है। 23 अक्टूबर को प्रबंधक ने पत्र जारी कर संबंधित मिलर्स को 31 अक्टूबर तक लाट का चावल जमा नहीं करवाने पर 3287 रूपए प्रति क्विंटल की दर से राशि वसूल करने के आदेश दिए है। इस आदेश के बाद मिलर्स में हड़कंप मच गया है। मिलर्स सीएमआर चावल गोदामों में जमा कराने की जोड़तोड़ में लग गए हैं। सूत्र बताते हैं कि जिले की धान को ठिकाने लगाकर मिलर्स बारासिवनी,बालाघाट क्षेत्र से हल्की क्वालिटी का चावल लेकर सरकारी गोदामों में जमा करने की जुगत में है। लोगों का कहना है कि एक महीने तक धान मिलिंग का चावल नहीं सौंपा गया है यानी साफ है कि मिलर्स ने जिले की धान की हेरफेर कर दिया है। लोगों का कहना है कि भेजी गई धान और मिलर्स द्वारा जमा करने वाले चावल की जांच कर कार्रवाई की जानी चाहिए।

जमा नहीं हुआ 40 हजार क्विंटल चावल

सरकारी धान का एक लाट (403 क्विंटल) से मिलर्स को मिलिंग के बाद 270 क्विंटल चावल बनाकर वापस गोदाम में जमा करनी होती है। अनुबंध की शर्तों के मुताबिक उठाव से एक सप्ताह के भीतर मिलर्स को उठाई गई धान का चावल बनाकर लौटाना होता है, लेकिन जिले में ऐसा नहीं हो रहा है। सरकारी धान से बनने वाला चावल बाद में राशन दुकानों के जरिए पीडीएस में वितरित किया जाता है।

जिले में है 67 राईस मिलर्स

अकबर राईस मिला,अग्रवाल राईस मिल धारना,अग्रवाल राईस मिल कुरई,अन्नपूर्णा राईस मिल,अंसारी राईस मिल,आरती राईसमिल भिरोली,आर्यन राईस मिल,बोपचे राईस मिल, बोपचे राईस मिल अरी, दर्शन राईस मिल सेलूआ बरघाट,दीपक राईस मिल, गजानन राईस मिल खुश रहो राईस मिल,गायत्री राईस मिल, गुरुदेव राईस मिल,हरिओम राईस मिल खमरिया,जेएम राइस मिलअंखीवाड़ा,जगदम्बे राईस मिल केकड़ई,जय अम्बे राईस मिल,जैन राईस मिल बुट्टी पिंडरई,जनता राईस मिल मलारा,खंडेलवाल राईस मिल पिपरवानी,खंडेलवाल राईस मिल नयेगांव,खुश रहो राईस मिल,किसान राईस मिल खैरी,किसान राईस मिल बादलपार,मां दुर्गा शक्ति राईस मिल गंगेरूआ,मां जगदम्बा राईस मिल खैरी,मां जगदम्बा राईस मिल प्रोप प्रेमानंद,मां खुशाल देवी राईस मिल,मां नर्मदा राईस मिल खमरिया,मयंक राईस मिल धारनाकला,एमआरएस फैजल राईस मिल काठी,एमएस लक्ष्मी राईस मिल छिड़िया पलारी,एमएस तेरूमला राईस मिल दूल्हापूर,नीव किसान राईस मिल बाम्हनवाड़ा,ओम राईस मिल बाघडोंगरी पांडिया छपारा, पवारबंधु राईस मिल, प्रेम राईस मिल,प्रियंका राईस मिल, राजेश्वरी डाल एंड राईस मिल, रामा एग्रो इंडस्टीज बघोड़ी, शारदा राईस मिल, शर्मा राईस मिल सालीवाड़ा, श्रीगीता राईस मिल, श्री लक्ष्मी राईस मिल, श्री राधाकृष्णा राईस मिल अरी,श्रीराम राईस इंड्रस्ट्रीज,श्रीराम राईस मिल बकोड़ी सिवनी, श्री राईस मिल, श्री राईस मिल बरघाट, श्री साहू राईस मिल, श्रीश्री राईस मिल, श्री गणेश राईस मिल, श्री गीता राई मिल, श्यामबाबा राईस मिल जेवनारा बरघाट, श्याम राईस मिल, शुभम राईस एंड प्रबोलिंग उद्योग, सूर्यवंशी राईस मिल छीतापार, स्वास्तिक राईस मिल, तारा मां राईस मिल, त्रियंबक राईस मिल, विदेश इंड्रस्ट्रीज एंड मिल पखारा,व्योम राईस मिल,यश उद्योग शामिल है।

इनका कहना है

मिलर्स को 31 अक्टूबर तक लाट में उठाए गए धान का सीएमआर चावल जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं। चावल जमा ना कराने पर संबंधित मिलर्स के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
दिलीप सक्सेना, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम सिवनी

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