Type Here to Get Search Results !

आखिर क्यों किया ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार ?

आखिर क्यों किया ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार ?

लखनादौन। गोंडवाना समय।
लखनादौन के कुछ ग्रामीण ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं ने चुनाव का बहिष्कार ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या को देखते ग्रामीण क्षेत्र में बांध के लिए लगभग 40 वर्षों से सिंचाई का साधन हो सके और पानी की समस्या का समाधान हो सके इसको लेकर पूर्व में ग्रामीणजनों ने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से लेकर महामहिम राज्यपाल को पत्र लिखा परंतु ग्रामीणों की समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ । इसके चलते ग्रामीणों ने अपनी स्वेक्षा से मतदान नहीं करने का निर्णय लिया और लोगों ने अपना मत अधिकार किसी भी पार्टी को नहीं दिया लोगों का कहना है यदि आने वाले समय में चुनाव होंगे तो इसी तरह चुनाव का हम सब लोग बहिष्कार करेंगे जब तक हमारी समस्या का समाधान नहीं होता तब तक हम किसी को अपना मत नहीं देंगे ।
लखनादौन ब्लॉक के इन 6 गांव में मतदान का बहिष्कार किया गया गंगाई,भरगा, सुहागपुर, हनोतिया रैयत, सुरई, ग्राम पथरिया सहित विधानसभा के कुछ ओर ग्राम में भी किया गया है । हम आपको बता दे कि लखनादौन विधानसभा क्षेत्र के मतदान क्रमांक 267 में लगभग कुल मतदाता 438 है जिनमें दोपहर में 3:00 बजे तक मात्र 4 मतदाताओं ने ही मतदान किया था वहीं मतदान क्रमांक 236 कुल मतदाता 824 है यहां पर दोपहर में 3:00 बजे तक लगभग 19 मतदाताओं ने मतदान किया । इस संबंध में यह बात खुलकर सामने आई कि ग्रामीणों की समस्या को दूर नहीं कर पाए सत्ताधारी पार्टियां चाहे वह कांग्रेस हो चाहे बीजेपी अपने कार्यकाल में जनता को सिर्फ घोषणा और वायदा के अलावा कुछ नहीं दिया । इसी के कारण क्षेत्र के ग्रामीण मतदाताओं में नाराजगी व्याप्त थी और उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग न करते हुये मतदान का ही बहिष्कार कर दिया ।

कोटवार को पीठासीन अधिकारी ने नहीं करने दिया मतदान

धूमा मोहगांव नागन क्षेत्र का है जहां पर रायचूर निवासी छब्बीलाल अपनी ड्यूटी मोहगांव नागन में कर रहे थे लेकिन जब वे अपना मतदान करने गये तो उन्हें मतदान करने से पीठासीन अधिकारी ने मना कर दिया जबकि उनके पास रिटर्निंग आॅफिसर श्रीमान अंकुर मेश्राम का एक पत्र भी था जिसमें उल्लेख था कि आप जिस जगह ड्यूटी करेंगे उसी जगह आप मतदान कर सकते हैं लेकिन पीठासीन अधिकारी के निर्देशों के चलते कोटवार को मतदान करने से मना कर दिया । इस संबंध में जब कोटवार ने पीठासीन अधिकारी से पूछा कि आप मुझे मतदान क्यों नहीं करने दे रहे है तो उन्होंने कह दिया कि आप सिवनी चलो और मतदान करो, क्या पीठासीन अधिकारी को अपने रिटर्निंग आॅफिसर के पत्र पर विश्वास नहीं था ?









Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.