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कमल के साथ भाजपा का भीतरघात,निर्दलीय हुए कमल,बागी हुए कार्यकर्ता

कमल के साथ भाजपा का भीतरघात,निर्दलीय हुए कमल,बागी हुए कार्यकर्ता 

कमल की काटकर नरेश बरकड़े को बरघाट की टिकट 


कांग्रेस,भाजपा,गोंगपा,बसपा,सपा या किसी भी राजनैतिक दल की बात करें तो ईमानदारी,सूचिता,सिद्धांत को तो कटघरे में रखते ही हैं लेकिन यही राजनीति कब किसका मान सम्मान को गिरा दे या इज्जत को मटियामेट कर दें वर्तमान समय की राजनीति में स्पष्ट रूप से प्रमाण सामने आ रहे हैं। जो स्वस्थ्य लोकतंत्र और जनता व मतदाता के भरोसे के साथ बड़ा विश्वासघात है। ऐसे में राजनीति कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों को सबक लेना चाहिए किवे राजनैतिक दलों का झंडा-बैनर लेकर चल रहे हैं और जिंदाबाद के नारे लगा रहे हैं उनका भविष्य क्या होगा। भाजपा में कमल मर्सकोले को घोषणा के बाद प्रत्याशी नही बनाया गया तो वहीं गोंगपा में केवलारी के लिये दो बी-फार्म जारी किया गया और गोंगपा की वफादारी का राग अलापने वाले अपने स्वार्थ के लिये अन्य दलों और निर्दलीय के समर्थक के रूप में नजर आये तो किसी ने निर्दलीय फार्म भी भरा वहीं सामाजिक संगठनों ने भी 9 नवम्बर को राजनैतिक मिशन से पत्ते खोल दिये और चुनावी जंग में मैदान में अपने समर्थन में प्रत्याशियों को उतार दिया।

 सिवनी। गोंडवाना समय। पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों पर चलने वाली और ईमानदारी, वफादारी,रीति-नीति और कार्यकर्ताओं को तवज्जो देने का दावा करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने सिवनी जिले के बरघाट विधानसभा से दो बार आदिवासी विधायक रह चुके कमल मर्सकोले के साथ आखिरी दौर पर शीर्ष पर बैठे हुए नेताओं ने भीतरघात कर मान सम्मान पर करारी चोट दे दी है। भाजपा ने पहली सूची में कमल मर्सकोले का नाम जाहिर कर धनतेरस के साथ सिवनी और केवलारी विधानसभा के साथ उम्मीद्ववारी का फार्म भी भरवा दिया लेकिन आखिरी दौर में पार्टी द्वारा दिए जाने वाला बी फार्म शीर्ष नेताओं ने कमल मर्सकोले को देने की बजाय बरघाट के जिला पंचायत सदस्य के पति नरेश बरकड़े को सौंप दी है। कमल मर्सकोले की टिकिट काटे जाने से गुस्साए भाजपा के कुरई,बरघाट के जनपद अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,छह मंडलों के पदाधिकारी सहित सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने भाजपा से इस्तीफा देकर बागी हो गए हैं। शीर्ष नेताओं की इस राजनीति से जिले के दूसरे विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं में रोष है सूत्र बताते हैं कि चुनाव तक कई भाजपा कार्यकर्ता पार्टी को छोड़ सकते हैं।

 भाजपा के कमल सहित सैकड़ों कार्यकर्ता बागी



भाजपा से दो बार विधायक कमल मर्सकोले की टिकिट काटकर नरेश बरकड़े को दिए जाने की जैसे ही खबर शोसल मीडिया और न्यूज चैनलों में चली। बरघाट और कुरई क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता और समर्थक गुस्सा गए। उन्होंने भाजप जिला अध्यक्ष को लिखित रूप से अपना इस्तीफा सौंप दिया। जनपद अध्यक्ष बरघाट के सुनील तेकाम, उपाध्यक्ष तोमेश बोपचे, कुरई के जनपद उपाध्यक्ष देवेन्द्र राहंगडाले, भाजपा के पूर्व जिला महामंत्री दिग्विजय सिंह राजपूत सहित,अजय त्रिवेदी,नलन कटरे,राजेन्द्र ठाकुर,नीलकंठ तिवारी, ब्रजलाल सूर्यवंशी,परमनानंद देशमुख,राजेन्द्र डहरवाल,तुलसीदास बिसेन,हेमंत राहंगडाले,योगेश बोपचे,भगवत बबलू सहारे,गजेन्द्र भगत,सुकेश, विवेक बिसेन, गजानंद बिसेन,हनुमत पंचेश्वर,नलिन चौधरी,महेन्द्र सोनी,सुजीत सूर्यवंशी, आदित्य बिसेन,देवेन्द्र बिसेन,मनोज उइके, शरीफदास चन्द्रवंशी,रामसेवक चौधरी, भागवत चौधरी, सुनील तेकाम,नवीन बोपचे सहित सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस्तीफा दे दिया है। वहीं कमल मर्सकोले भी भाजपा से बागी होकर 9 नवंबर को निर्दलीय रूप से फार्म भर दिया है। भाजपा के शीर्ष नेताओं द्वारा की गई भीतरघात को लेकर कमल मर्सकोले ने कहा कि वे कई साल से भाजपा से जुड़े हुए हैं और दो पंचवर्षीय से लगातार जीतकर विधायक हैं। आखिरी दौर पर टिकिट काटने से वे व्यथित हैं और उन्हे गहरा दुख भी हो रहा है। उनका कहना है कि शीर्ष में बैठे नेताओं को यदि टिकिट नहीं देनी थी तो उनकी पहली सूची से ही नाम जारी नहीं करना था। जैसे आदेश मिलता वे वैसे ही पार्टी के लिए काम करते रहते लेकिन अब वे कार्यकर्ताओं का सम्मान करते हुए निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ेंगे और अच्छे मतों से जीत हासिल करेंगे।

कार्यकर्ता बोले पार्टी ने कमल का नहीं हमारा अपमान किया है

बरघाट,कुरई सहित सिवनी के भाजपा कार्यकर्ता शीर्ष में बैठे हुए नेताओं की करतूत से गुस्सा गए हैं उनका साफ कहना है कि नेताओं ने कमल मर्सकोले का मान-सम्मान नहीं गिराया बल्कि कार्यकर्ताओं को अपमानित किया है। ऐसे में दीनदयाल उपाध्याय की बात करने वाली भाजपा की पार्टी से कई कार्यकर्ता इस्तीफा दे चुके हैं वहीं चुनाव तक और कार्यकर्ता पार्टी को छोड़ सकते हैं। पूरे जिले में पक्ष हो या विपक्ष कमल मर्सकोले के साथ हुए भीतरघात को लेकर भाजपा की निंदा की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि कमल मर्सकोले की टिकिट काटने में जिले के कुछेक बहुबली नेताओं का भी हाथ है जो नहीं चाहते हैं कि वह भाजपा से जीतकर तीसरी बार विधायक बनकर मंत्री बने।

गोंगपा के केवलारी में 2 बी-फॉर्म जारी,बगावत विद्रोह की तैयारी 

गोंडवाना गणतंत्र पार्टी में टिकट चयन को लेकर प्रारंभ से ही विवाद की स्थिति रही जो नामांकन के अंतिम दिन तक नजर आई। गोंगपा ने केवलारी विधानसभा में दो बी-फॉर्म जारी किया है जिसकी चर्चा दिनभर चलती रही अब देखना यह है कि आरी निशान और अधिकृत प्रत्याशी कौन होता है यह आने वाले दिनों में सामने आयेगा फिर चुनाव में क्या स्थितियाँ निर्मित होती है यह भी स्पष्ट हो जायेगा वहीं गोंगपा के पदाधिकारी और वफादार जिम्मेदारों ने भी नामांकन के अंतिम दिन गोंगपा के अधिकृत उम्मीदवारों का साथ ना देकर कहीं निर्दलीय तो कहीं अन्य दलों के साथ नजर आये जिन पर पार्टी के प्रति गद्दारी करने का आरोप प्रत्यारोप भी चलता रहा। गोंगपा सिवनी जिले की चार विधानसभा में किस तरह चुनावी प्रदर्शन करेगी उसका अंदाजा पार्टी में अंधरूनी कलह और पार्टी को ही निपटाने के लिये काम करने वाले कैसे गोंगपा को जीत की कगार या हार का मुह दिखायेंगे यह भी स्पष्ट हो जायेगा।

 बिरसा बिग्रेड ने दिया निर्दलीय प्रत्याशियों को समर्थन


समाजिक दिशा में काम करने वाली बिरसा बिग्रेड ने सिवनी जिले के तीन विधानसभा सहित मध्य प्रदेश में लगभग 70 विधानसभा में निर्दलीय प्रत्यासियो को समर्थन दिया है जिसमें विधान सभा बरघाट से नेपाल उइके, केवलारी से तारिक खान के समर्थन ने रैली निकालकर नामांकन दाखिल किया सिवनी में रंजीत वासनिक को समर्थन दिये जाने की बात चर्चा में है वहीं लखनादौन में अभी किसी को समर्थन नहीं दिया है परंतु आने वाले समय में योग्य प्रत्याशी को समर्थन दे सकती है।

जनसमूह के साथ कांग्रेस के चारों प्रत्याशी ने भरा नामांकन फार्म

 जिला कांग्रेस कमेटी सिवनी से 9 नवम्बर 2018 को कांग्रेस पार्टी द्वारा अधिकृत जिले की विधानसभा के चारो प्रत्याशियों ने जिले भर से आए जनसमूह के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर नामांकन फार्म भरा। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार खुराना की अध्यक्षता में जिले भर से आये कांग्रेस पदाधिकारी एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओ की उपस्थिती में दोपहर 12 बजे जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यालय से सिवनी विधानसभा से मोहन सिंह चंदेल, केवलारी से ठा. रजनीश सिंह, बरघाट से अर्जुनसिंह काकोडिया, लखनादौन से योगेन्द्रसिंह बाबा कांग्रेस जनो के साथ रैली में पहुंचे।
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजकुमार खुराना एवं जिले की चारों विधानसभा के प्रत्याशियों का नगर में जगह जगह स्वागत किया गया। रैली नगर के विभिन्न मार्गो का भ्रमण करते हुए 3 बजे निर्वाचन कार्यालय पंहुचकर नामांकन फार्म जमा किया गया। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि जिले की चारों विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी भारी मतों से जीत हासिल करेंगे।

 पांच राज्यों में एक्जिट पोल पर लगी रोक 

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव 2018 के मद्देनजर एक्जिट पोल पर रोक लगा दिया है । निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव 2018 के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट मीडिया अथवा अन्य किसी माध्यम से चुनाव बाद सर्वेक्षण-एक्जिट पोल कराए जाने अथवा इसे प्रकाशित या प्रसारित करने पर रोक लगा दी है। आयोग ने जन-प्रतिनिधित्व कानून-1951 की धारा 126ए की उपधारा-ए के तहत प्रदत्त अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए यह रोक लगाई है। यह रोक 12 नवंबर तथा 7 दिसंबर, 2018 को सुबह 7 बजे से लेकर शाम साढ़े पांच बजे तक प्रभावी रहेगी। जन-प्रतिनिधित्व कानून की धारा 126(1)(बी) के तहत उपरोक्त राज्यों में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान समाप्त होने के निर्धारित समय से 48 घंटे तक प्रिंट या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा किसी अन्य माध्यम से एक्जिट पोल के नतीजे प्रकाशित या प्रसारित करने पर रोक लगाई गई है। सभी संबंधित पक्षों के लिए इस संदर्भ में आयोग की ओर से 8 नवंबर को जारी अधिसूचना विज्ञप्ति के साथ संलग्न की गई है।

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