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तिलक वंदन कर भाईयों की लंबी उम्र के लिये शहर व गांव में हुई भाईदूज की पूजा

तिलक वंदन कर भाईयों की लंबी उम्र के लिये शहर व गांव में हुई भाईदूज की पूजा 

सिवनी। गोंडवाना समय। भाई-बहन के पवित्र रिश्ते का पर्व भाई दूज शुक्रवार को मनाया गया। इस दिन बहनों ने भाई को तिलक लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना की। घरों में दीपोत्सव के बाद भाई दूज का त्योहार शहर व ग्रामक्षेत्रों में मनाया गया। जेल में भी कैदी भाइयों से मिलने बहनें पहुंचीं।

 इसलिए मनाते है भाईदूज-

 शनि मंदिर चांवड़ी पलारी के पं. शिव प्रसाद मिश्रा ने बताया कि यमराज की यमुना नामक बहन उनसे मिलने के लिए काफी उत्साहित थी और उन्हें कई बार अपने घर आमंत्रित कर चुकी थी। यमराज के पास समय का अभाव होने से वह बहन के घर नहीं जा पा रहे थे। आज के दिन यमराज ने अपनी बहन को कुछ देर का समय दिया और उनके घर पहुंचे। बहन ने यमराज का तिलक कर उनकी लंबी उम्र की कामना की तभी से यह पर्व भाईदूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बहन के हाथ का भोजन भाई को करने का बड़ा महत्व है।

कायस्थ समाज ने की चित्रगुप्त और कलम दवात की पूजा

 भाई दूज पर जहां बहनों द्वारा भाई को तिलक लगाकर आरती उतारी जाती है, वहीं कायस्थ समाज अपने कुलदेवता भगवान चित्रगुप्तजी का भी पूजन करते हैं। साथ ही वे इस दिन कागज, कलम, दवात का भी पूजन करते हैं। कहा जाता है कि कायस्थों के कुलदेवता भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति ब्रह्माजी की काया से हुई थी, इसी वजह से उनका नाम कायस्थ पड़ा।

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