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एकल विद्यालय का उद्देश्य किफायती आधारभूत शिक्षा प्रणाली से है:अग्रवाल

एकल विद्यालय का उद्देश्य किफायती आधारभूत शिक्षा प्रणाली से है:अग्रवाल

वनवासी बच्चों के लिये चलाया जाता है यह अभियान:के.के.

सिवनी। गोंडवाना समय।
एकल विद्यालय अभियान को ज्ञान शिक्षा मंदिर के नाम से जाना जाता है इसका शुभारंभ 1989 में झारखंड से किया गया था वर्तमान में देश के 52 हजार गांव में यह अभियान चलाया जा रहा है 2019 तक 1 लाख गांव में पहुंचने का लक्ष्य है एकल अभियान के अंतर्गत बहुत ही किफायती आधारभूत शिक्षा प्रणाली है जिसे एकल विद्यालय नाम दिया गया है। उक्त उदगार एकल विद्यालय के सतपुड़ा भाग की एक बैठक के दौरान संभागीय अध्यक्ष महाकौशल क्षेत्र संजय जैन ने व्यक्त किये। इस अवसर पर कामेश्वर शर्मा,केन्द्रीयअर्थ विभाग प्रमुख ने कहा सन 1988 के मध्य में एक ऐसी घटना ने एकल विद्यालय अभियान को जन्म दिया। इसके क्रांतीकारी विचार को जब एक विचार मंच से एक वृद्ध ने प्रतिरोध भरी आवाज में कहा हमे आप धर्म ना समझाये हमे अपना धर्म निभाना अच्छी तरह आता है हमारे दो शत्रु है आप उन्हें समाप्त कर दें। बस और कुछ नही चाहिये। उनकी इस बात ने एकल विद्यालय के लिये प्रेरणा का काम किया।

प्राथमिक शिक्षा-

डॉ.कृष्णकांत चतुवेर्दी ने कहा कि वनवासी गांव में वहीं के या पास के गांव के किसी मेट्रीक पास युवक,युवती को प्रशिक्षण देकर आचार्य शिक्षक नियुक्त किया जाता है एक विद्यालय में 30 बच्चे 6 से 14 वर्ष आयु के पढ़ते है गांव की सुविधा के अनुसार यह विद्यालय सुबह या शाम तीन घंटे चलता है इसमें 7 विषय भाषा गणित,सामान्य ज्ञान, स्वास्थ्य,शारीरिक संस्कार,हस्तकला का अभ्यास कराया जाता है।

आरोग्य शिक्षा-

डॉ.सुनील अग्रवाल ने कहा कि स्वास्थ्य शिक्षा साप्ताहिक पाठशाला के रूप में एकल बच्चों के माता,पिता तथा ग्रामवासियों को साफ,सफाई तथा स्वास्थ्य की शिक्षा दी जाती है इन्हें घरेलू उपाय जैसे नीम,तुलसी का उपयोग पानी उबालकर पीना आदि सिखाया जाता है। गंभीर बीमारी की अवस्था में रोगी के पास रोगी को पास के अस्पताल में भर्ती कराया जाता है।

 ग्राम विकास-

मनीष अग्रवाल ने कहा कि आर्थिक उन्नती का प्राथमिक प्रयास ग्रामवासी स्वावलंबी हो गांव में आर्थिक संपन्नता आये तभी शिक्षा पूर्ण मानी जाती है ग्राम विकास की कुछ प्रमुख योजनायें सफलता पूर्वक प्रारंभ की जा चुकी है जिनका प्रशिक्षण आचार्य व पूर्ण कालिक कार्यकर्ता के द्वारा पाठशाला में गांव के लोगों को दिया जाता है जिनमें सब्जी उगाना,केचुआ खाद,संजीवनी खाद,कीट नियंत्रक, अमृत जल, कामधेनु अर्क,जल संग्रहण, गोबर गैस, आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस अवसर पर इन विद्यालयों को चलाने के लिये अध्यक्ष के रूप में डॉ.सुनील अग्रवाल /सचिव डॉ.केके चतुवेर्दी को नियुक्त किया गया उपाध्यक्ष मनीष अग्रवाल,संतोष अग्रवाल,पुरूषोत्तम साहू, कोषाध्यक्ष आशीष अग्रवाल, आशीष बच्छानी, आरएस अग्रवाल,अखिलेश    यादव,सुरेश अग्रवाल,नरेन्द्र अग्रवाल, प्रफुल पटेल,श्रीकांत अग्रवाल, किशोर सोनी, अतुल पटेल,अजय ठाकरे, संजय मालू, राजेश कौशल,अतुल मालू, दिनेश अग्रवाल, दीपक जैन,जितेन्द्र,अनिल खेमूका, गोपाल मिश्रा, ब्रजलाल सोनी,राकेश भालोटिया, का समावेश किया गया है।
इनके अतिरिक्त एकल अभियान की सतपुड़ा भाग की प्रस्तावित सूची में अध्यक्ष श्रीमती निशा अग्रवाल,उपाध्यक्ष हर्षिता, सचिव साधना अग्रवाल,कोषाध्यक्ष प्रीति अग्रवाल एवं संरक्षक के रूप में डॉ.अनामिका अग्रवाल को शामिल किया गया है।  इस कार्यक्रम के दौरान मीडिया कर्मी अनिल दामडेÞ,संजय जैन, नीरज चौरसिया,सुधीर बघेल,प्रथ्वीराज जगने,पिंटू तरवरे,संतोष श्रीवास सहित अनेक लोग उपस्थित थे। आयोजन को सफल बनाने में चन्द्रभान सोनी केन्द्रीय विकास प्रमुख सहसंस्कार शिक्षा प्रमुख ढालसिंह ठाकुर केन्द्रीय सह उत्सव विभाग प्रमुख प्रदीप साहू,पश्चिम सह प्रभाग बजट प्रमुख विजय वरकडेÞ,महाकौशल संभाग प्रमुख रघुनंदन गौतम,महाकौशल संभाग गतिविधी प्रमुख संजय कुमरे,संभाग व्यास प्रमुख कपूरचंद चोरठे,भाग प्रमुख सतपुड़ा आदि शामिल थे।

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