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सिवनी जिले में 1000 लड़कों पर 954 लड़किया का लिंगानुपात

सिवनी जिले में 1000 लड़कों पर 954 लड़किया का लिंगानुपात 

घटते शिशु लिंगानुपात पर चिंता आगनवाडी आशा कार्यकर्ता को सर्वे के निर्देश

सिवनी। गोंडवाना समय। गोपालचंद्र डाड कलेक्टर एवं समुचित प्राधिकारी सिवनी की अध्यक्षता में 19 दिसंबर को कलेक्टर सभाकक्ष सिवनी में जिला सलाहकार समिति पी0सी0पी0एन0डी0टी0 की बैठक का आयोजन किया गया । बैठक में समीक्षा के दौरान जिला सिवनी के घटते शिशु लिंगानुपात पर चिंता प्रकट की गयी डा0 एच0पी0 पटेरिया नोडल अधिकारी पी0सी0पी0एन0डी0टी0 सिवनी ने अवगत कराया कि वर्ष 2001 में जिला सिवनी का शिशु लिंगानुपात एक हजार लड़को पर 981 लड़किया था परन्तु 2011 की जनगणना में यह अनुपात एक हजार लडको पर 954 लड़किया हो गया है । लिंगानुपात में 27 अंक की गिरावट प्रकट करता है कि जिला सिवनी में कही न कही भू्रण का लिंग परीक्षण कराया जा रहा है । इसका एक बडा कारण दो महानगर जबलपुर एवं नागपुर का जिले से लगा होना है । उन्होने बताया कि जिला सिवनी में इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय सिवनी सहित कुल 09 संस्थाओं में सोनोग्राफी मशीन है । जिसमें से 02 संस्थाओं में केवल हार्ट की जांच ईकोकार्डियोग्राफी की जाती है । अत: जिला सिवनी में भ्रूण के लिंग परीक्षण की संभावनाए कम है परन्तु कही न कही जबलपुर एवं नागपुर में ऐसी जांचे की जाती है जिससे जिले का लिंगानुपात प्रभावित हो रहा है ।
कलेक्टर सिवनी ने इसे संज्ञान में लेते हुए जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा0 के0सी0 मेशराम को निर्देशित किया कि वे मेरी ओर से पत्र जारी कर सभी बी0एम0ओ0 एवं सी0डी0पी0ओ0 को निर्देशित करे कि वे आशा कार्यकर्ता एवं आगनवाडी कार्यकर्ता के माध्यम से जानकारी जुटाए कि ग्रामों में किन किन परिवारो में महिलाए गर्भवती थी तदुपरांत प्रसव उपरांत उन्होने पुत्र को जन्म दिया या पुत्री को एवं कितनी महिलाओं ने गर्भपात कराया है यदि गर्भपात कराया है तो किस स्थान पर गर्भपात कराया है उसके पीछे का कारण क्या है । गर्भपात उन्होने मान्यता प्राप्त संस्था में कराया है या किसी अनाधिकृत व्यक्ति या संस्था में कराया है इसकी जानकारी भी जुटायी जाए ।
उन्होने जिले के नागरिको से अपील की है कि शिशु लिंगानुपात का गिरना एक भयावह दशा है जो कि समाजिक विकृति उत्पन्न करेगी क्योकि विवाह के लिये पुरूषो की संख्या अधिक और उसी अनुपात में महिलाओं की संख्या का कम होना चिंताजनक है । अत: वे भ्रूण का लिंग परीक्षण रोकने में प्रशासन की सहायता करे तथा ऐसी जानकारी प्रशासन को उपलब्ध कराये जो कि शिशु लिंगापनुपात को रोकने एवं दोषियो को दण्डित करने में सहायक हो।

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