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शिवराज ने बांट दिया जनजाति, छिंदवाड़ा को लाभ सिवनी में भटक रहे,कमलनाथ से आस

शिवराज ने बांट दिया जनजाति, छिंदवाड़ा को लाभ सिवनी में भटक रहे,कमलनाथ से आस

जिले के भारिया जनजाति हो रही उपेक्षित

सिवनी। गोंडवाना समय।
मप्र में 15 साल राज करने वाले भाजपा सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान
ने छिंदवाड़ा सहित प्रदेश के अन्य जिलों में रह रही विशेष संरक्षित भारिया जनजाति को बांटकर रख दिया है। छिंदवाड़ा जिले के विशेष संरक्षित जनजाति की महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रूपए देने की घोषणा कर लाभ दिया जा रहा है लेकिन उसी पड़ोसी जिले से लगे हुए सिवनी के विशेष संरक्षित भारिया जाति के लोगों को लाभ नहीं मिल रहा है। ऐसे में जिले में रह रहे  विशेष संरक्षित भारिया जाति के लोग लाभ से वंचित होने के कारण निराशा महसूस कर रहे हैं। अब बक्त है बदलाव के साथ प्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस सरकार के
मुखिया कमलनाथ पर जिले के भारिया जाति के लोगों की आस टिक गई है। मंगलवार को सिवनी जिले के माल्हनवाड़ा, राहीवाड़ा,  चौड़ा, सिवनी व सादक सिवनी सहित अन्य क्षेत्रों से पहुंची भारिया समाज की महिलाओं ने जिला प्रशासन सहित कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा पहुंचकर अपनी मांग रखी।

भारिया समाज को भारिया नहीं मान रहे अफसर

मंगलवार को जनसुनवाई में शिकायत करने पहुंची भारिया समाज की महिलाओं ने बताया कि सिवनी के भारिया समाज को विशेष संरक्षित भारिया जनजाति नहीं मान रहे हैं और न ही सरकार द्वारा उन्हें लाभ पहुंचाया जा रहा है। जबकि छिंदवाड़ा जिले में पूर्व सरकार की घोषणा के हिसाब से महिलाओं  कांग्रेस की सरकार में भी  प्रतिमाह एक हजार रूपए से 1500 रुपए दिया जा रहा है  सिवनी जिले में उन्हें योजना का लाभ देने से वंचित किया जा रहा है।

सरकार के साथ-साथ अफसरों ने भी बांट दी खाई

शिवराज सरकार ने छिंदवाड़ा जिले के पतालकोट में निवासरत भारिया जनजाति को लाभ देने की घोषणा कर सिवनी जिले के भारिया जनजाति पर कुठारघात कर दिया है। वहीं अफसरों ने भी जाति प्रमाण पत्र में भरिया और भारिया लिखकर खाई पैदा कर दी है। जबकि सूत्रों की मानें तो भारिया के अलावा भरिया जाति है ही नहीं। राजस्व व प्रशासनिक अधिकारियों ने बिना सोचे-समझे ही प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। अब जब जिले में निवासरत विशेष संरक्षित भारिया जनजाति के लोग छिंदवाड़ा की तरह उन्हें भी प्रतिमाह डेढ़ हजार रुपए की राशि दिए जाने की मांग कर रहे हैं तो अफसर उन्हें यह कहते नजर आ रहे हैं कि आप भारिया जाति के नहीं बल्कि भरिया जाति के होने के कारण लाभ नहीं मिल सकता है। हालांकि जिले में निवासरत कुछ परिवारों के पास भारिया जाति के नाम से प्रमाण पत्र है फिर भी उन्हें लाभ नहीं मिल रहा है जिसकों लेकर उनमें गुस्सा है।

ये महिलाऐं पहुंची कलेक्ट्रेट

सुनीता ,कुसुम, रीता,लक्ष्मी, अनीता, केराबाई, जनकदुलारी,अनीता,निर्मला,बतासिया, अनीता,जयकुमारी, इन्द्रावती,अंजना, नान्ही बाई,अगनवती,कौशल्या, मालती,  गुलाबवती, रूपवती, सियावती, अनीता,अजोध्या बाई, बैसखिया, सुरती बाई, दशरी बाई, कृष्णा बाई सहित तकरीबन आधा सैकड़ा के लगभग भारिया समाज की महिलाऐं मंगलवार जनसुनवाई में पहुंची थी।

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