अपने ही विभाग का भौतिक सत्यापन करवा लीजिये प्रभारी मंत्री जी
भाजपा के राज में फलने फूलने वाला भ्रष्टाचार, घोटाला, गड़बड़ी की सत्यता दिखाई देगी
संपादक विवेक डेहरिया-कड़वा सचवक्त है बदलाव का संदेश पर विश्वास कर जनता व मतदाताओं ने भाजपा की सरकार को दरकिनार कर कांग्रेस की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाया है । अब कांग्रेस के द्वारा जनता व मतदाताओं से किये गये वचन जिसे वचन पत्र में उल्लेखित भी किया है । हालांकि यह सिवनी जिला से जुड़ा हुआ मुद्दा है और प्रभारी मंत्री सुखदेव पांसे है जो मुख्यमंत्री कमलनाथ के विश्वासपात्रों में माने जाते है इसलिये उन्हें छिंदवाड़ा का भी प्रभार मिला हुआ है । हम बात कर रहे है आपके विभाग लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी की और आदिवासी विकास विभाग के घोटाला गठबंधन की क्योंकि सिवनी आदिवासी बाहुल्य जिला है यहां केंद्र सरकार व राज्य सरकार भारी भरकम बजट समुद्र की भांति प्रदान करती है इसकी देखरेख की जिम्मेदारी आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त कार्यालय और उन विभागों के मुखियाओं की होती है जिन विभागों में बजट प्रदान किया जाता है ताकि आदिवासी अंचलों के साथ साथ जनजाति वर्गों या उनके बाहुल्य क्षेत्रों का विकास हो सके में बेहिसाब आता है लेकिन उक्त बजट में भ्रष्टाचारी अधिकारी और अधिकांश कर्मचारी गले तक नहीं पूरी की पूरी डुबकी वर्षों से लगाते आ रहे है क्योंकि भाजपा के राज में भ्रष्टाचारियों को आक्सीजन संरक्षण मिलता रहा है वही आदत आज भी बनी हुई है । डंके की चौट पर भ्रष्टाचारी अधिकारी कर्मचारी यह कह रहे है कि सरकार भर बदली है व्यवस्था तो पूरानी ही है बस पार्टी फंड के नाम पर चंदा और सहयोग राशि लेने वाले नेताओं के चेहरे भर बदले है । हम सब सेटलमेंट कर लेंगे जितनी दिलेरी से कह रहे है लग नहीं रहा है कि कुछ बदलाव आयेगा। फिर भी गोंडवाना समय प्रभारी मंत्री जी से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग जो कि उनका अपना ही विभाग है उसका भौतिक सत्यापन करवाने की ओर ध्यान आकृष्ठ करवा रहे है । यदि ईमानदारी व निष्पक्षता से जांच हुई तो घोटाला, भ्रष्टाचार, गड़बड़ी की सत्यता बेशक सामने आयेगी । आपके विभागीय बजट की जांच की भी बात नहीं कर रहे है हम तो आदिवासी उपयोजना मांग संख्या 41, 42 एवं 52 में समस्या मूलक बसाहटों में पेयजल व्यवस्था के लिये प्राप्ट बजट, शालाओं में पेयजल व्यवस्था, आंगनवाड़ी भवनों में पेयजल व्यवस्था के लिये प्राप्त बजट, 1201 नजलल योजना के लिये प्राप्त बजट, जल गुणवत्ता नियंत्रण 5 प्रतिशत ईयरमार्क के लिये प्राप्त बजट, नलकूपों का अनुरक्षण के लिये प्राप्त बजट, नलजल योजनाओं का अनुरक्षण प्लेटफार्म सहित आश्रम/छात्रावासों के लिये दिये गये बजट का जो कि परियोजना प्रशासक कुरई व लखनादौन के अंतर्गत व्यय किया गया है उसका भौतिक सत्यापन करवा लेंगे तो भाजपा के शासनकाल की पूरी हकीकत सामने आ जायेंगे कि कागजों में और वास्तविकता में कितना खर्च हुआ है और भ्रष्टाचारी अधिकारियोें व कर्मचारियों के जेब व तिजोरी में कितना गया है ।