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रेलवे विभाग पर जातिगत भेदभाव का आरोप

रेलवे विभाग पर जातिगत भेदभाव का आरोप

जनजाति आयोग के पत्र भी कार्यवाही नहीं कर रहा रेलवे विभाग 

छिंदवाड़ा। गोंडवाना समय। रेलवे द्वारा ब्राडगेज के लिये भूमि अधिग्रहण से प्रभावित किसानों के पुत्र-पुत्रियों को नौकरी दिये जाने की मांग को लेकर ज्ञापन अनुसूचित जनजाति आयोग के राष्ट्रीय उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया उईके को सौंपो गया । अपने ज्ञापन में उन्होंने यह उल्लेख किया है कि दक्षिण मध्य पूर्व रेलवे नागपूर द्वारा वर्ष 2007-08 में और वर्ष 2013-14 में भूमि अधिग्रहण की गई थी और रेलवे विभाग द्वारा अधिग्रहित भूमि धारकों के परिवार के एक सदस्य को रेलवे विभाग में नौकरी दिये जाने का वादा किया गया था परंतु रेलवे विभाग द्वारा इस विषय पर बीते 9-10 वर्षों से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है । इस विषय में सभी अनुसूचित जनजाति के किसानों पुत्र-पुत्री ने जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा से भेंट कर पूर्व में भी 27 अप्रैल 2018  को समस्या से अवगत कराया था तब उन्होंने आश्वासन दिया था कि उचित कार्यवाही की जायेगी । जनजाति आयोग के द्वारा की गई कार्यवाही का प्रभाव रेलवे विभाग में हुआ भी और भूमि अधिग्रहित परिवारों के नाम की सूची नागपूर रेलवे विभाग को भेजा गया था । जनजाति आयोग का पत्र भी प्राप्त हुआ था जिसमें 30 दिनों में उचित कार्यवाही करने के लिये कहा गया था वहीं जनजाति वर्ग के प्रभावितों के आरोप भी लगाया गया है कि उनके साथ जातिगत भेदभाव हुआ है । जबकि इसी बीच में सिवनी जिले की कार्यवाही करके उनका कार्य भी रेलवे द्वारा किया जा चुका है लेकिन जनजाति वर्ग के कार्य के लिये 6 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है । इस संबंध जनजाति वर्ग के पीड़ितों पुन: जनजाति आयोग की उपाध्यक्षा सुश्री अनुसुइया से समस्या से संबंध आवेदन सौंपकर शीघ्र कार्यवाही कराने की मांग किया है ।

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