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कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से मुहैया कराई जा रहीं ई-कोर्ट की सेवाएं

कॉमन सर्विस सेंटर्स के माध्यम से मुहैया कराई जा रहीं ई-कोर्ट की सेवाएं

नई दिल्ली। गोंडवाना समय।
न्यायिक कार्यवाही/निर्णय, केस पंजीकरण, केस की सूची, मामले की स्थिति, दैनिक आदेश और देश के सभी कम्प्यूटरीकृत जिले और अधीनस्थ न्यायालयों के अंतिम निर्णय जैसे कोर्ट केस की जानकारी अब देश के सभी कॉमन सर्विस सेंटरों में उपलब्ध होगी। भारत सरकार ने अगस्त 2015 में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के तहत ४१३२ परियोजना के दूसरे चरण की शुरूआत की थी, जिस पर 1670 करोड़ रुपये हुए थे। आज की तारीख में 16845 जिला और अधीनस्थ न्यायालय आईटी सक्षम हैं। अदालतों में केस इंफॉर्मेशन सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर और लोकल एरिया नेटवर्क की स्थापना के माध्यम से देश के जिला और अधीनस्थ न्यायालयों को कम्प्यूटरीकृत करने में भारत की सर्वोच्च न्यायालय की ई-समिति के मार्गदर्शन में ई-कोर्ट परियोजना ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। वे 100 एमबीपीएस तक के एक समर्पित नेटवर्क के माध्यम से बड़े एरिया नेटवर्क पर भी जुड़े हुए हैं। ई-कोर्ट सेवाओं को अब एसएमएस, ई-मेल, वेब, मोबाइल ऐप आदि के माध्यम से सफलतापूर्वक देखा जा सकता है जिससे लाखों वादियों और अधिवक्ताओं को लाभ हुआ है। मुकदमा लड़ने वाले जो लोग डिजिटल तकनीकी और इंटरनेट से दूर हैं उनके लिए न्याय विभाग ने कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से ई-कोर्ट सेवाएं मुहैया कराने का फैसला किया है। इसमें करीब 2 लाख कॉमन सर्विस सेंटर काम करेंगे। कॉमन सर्विस सेंटर की ग्रामीण पहुंच व्यापक है। प्रत्येक ग्राम पंचायत में न्यूनतम एक सीएससी की परिकल्पना की गई है, इस प्रकार ई-कोर्ट सेवाओं को देश के सभी कोनों तक पहुंचाने में सक्षम बनाया गया है। न्याय विभाग और कॉमन सर्विस सेंटर के बीच संबंध है। इससे मुकदमेबाज आसानी से कोर्ट संबंधी किसी जानकारी को हासिल कर सकेंगे, और आसानी से किसी भी सीएससी से ई-कोर्ट डेटाबेस पर उपलब्ध स्थिति की जानकारी ले सकते हैं। ई-कोर्ट डेटाबेस में 10 करोड़ से अधिक मामलों और 7 करोड़ से अधिक आदेशों/ निर्णयों के संबंध में मामले की जानकारी है। सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए, न्याय विभाग ने सीएससी के माध्यम से वितरित ईकोर्ट्स से संबंधित सेवाओं के लिए ग्राहकों से कोई शुल्क नहीं लेने का फैसला किया है। हालांकि सेवा की लागत के लिए कॉमन सर्विस सेंटर को कोर्ट पोर्टल पर उपलब्ध 23 सेवाओं में से किसी सेवा को मुहैया कराने को लेकर प्रत्येक के लिए 5 रुपये लेने को अधिकृत किया गया है। प्रिंट लेने 5 रुपये प्रति पेज देना होगा यदि सामग्री एक पेज से ज्यादा है।

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