रसूखदारों को नहीं दिखा रहे दमखम,गरीबों की छीन रहे रोजी-रोटी
शहर के मिशन स्कूल और महात्मा गांधी स्कूल तक हटाए गए अवैध कब्जे
सिवनी। गोंडवाना समय।
बार-बार शहर के अतिक्रमण को हटाने में मुस्तैदी से तैनात होने वाली नगरपालिका,पुलिस और राजस्व विभाग की तिकड़ी रसूखदारों को दमखम नहीं दिखा पा रही है। धन्नासेठों और रसूखदारों के क्षेत्र में अवैध रूप से सड़क तक पसार चुके अवैध कब्जों की वजह से चलना मुश्किल हो रहा है। अक्सर वाहनों की कतार लग जाती है। इन कतारों में पुलिस,राजस्व अमला और नगरपालिका के वाहन भी कई बार फंस जाते है लेकिन इन विभागीय अफसरों में रसूखदारों के ये कब्जे नहीं दिखाई दे रहे हैं सिर्फ नजर आ रहे हैं तो गरीब की गुमठी और पानेठेले जिन्हें ध्वस्त कर उनकी रोजी-रोटी को छीन लिया जा रहा है। मंगलवार को यही नजारा शहर के मिशन स्कूल क्षेत्र और महात्मा गांधी स्कूल क्षेत्र के पास दिखाई दिया।
बीड़ी-सिगरेट,गुटखा पाउच के लिए नियम,शराब के लिए छूट?
हर एक शासकीय और सार्वजनिक भवन से तकरीबन गुटखा-पाउच,बीड़ी-सिगरेट और शराब की दुकानें दूर रहने का नियम है लेकिन मंगलवार को जिस तरीके से नगरपालिका,पुलिस और राजस्व विभाग की टीम ने महज शहर के मिशन स्कूल के सामने और महात्मागांधी,छोटे मिशन स्कूल के पास से गरीबों की ठेले और गुमठियों को ध्वस्त किया और बाकी क्षेत्र से कब्जा नहीं हटाया उससे कई सवाल खड़े हो गए हैं। बिना सूचना दिए जिस कदर गरीबों की गुमठियों को जेसीबी से कुचल दिया गया और उनकी सामग्री को नगरपालिका के कर्मचारी उठाकर ले गए उससे नपा की दमनकारी नीति से अलावा कुछ नहीं कहा जा सकता है। पॉलीटेक्निक कॉलेज से कुछ ही दूरी पर और पेंच के कार्यालय से सटकर शराब दुकान चल रही है उसे क्यों नगरपालिका, पुलिस और राजस्व विभाग का अमला नहीं हटा रहा है क्या नियमों के दायरे में उसे छूट दी गई है यह भी सवाल खड़ा हो रहा है।
दो दर्जन से ज्यादा परिवार की छीनी रोजी-रोटी
नगरपालिका के नवनीत पाण्डेय,शहर कोतवाली अरविंद जैन और राजस्व विभाग की टीम ने दोपहर डेढ़ से दो बजे के बीच जेसीबी चलाकर तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा परिवार की रोजी-रोटी छीन ली। वहीं हजारों रुपए खर्च कर बनाए ठेले को बिना मोहलत दिए जेसीबी का पंजा चलाकर कुचल डाला।
दमखम दिखाओं नेहरू रोड,बरघाट रोड के कब्जे हटाओ-
नगरपालिका और राजस्व विभाग की टीम मिशन स्कूल के पास हटाए गए दो दर्जन कब्जों को लेकर सरकारी नियमों व समाचार पत्रों की सुर्खियों को लेकर कार्रवाई करने का हवाला दे रहे हैं तो फिर नगरपालिका प्रशासन को दमखम दिखाते हुए नेहरू रोड और बरघाट रोड के अवैध कब्जों को भी हटाकर सड़क को दुरूस्त करना चाहिए। हम बता दें कि इन दोनों जगहों में अवैध कब्जों को लेकर शहरवासी सहित मीडिया के लोग पहले से ही आवाज उठाते चले आ रहे हैं लेकिन प्रशासन की आंखें बंद है। अब देखना ये है कि क्या जिला प्रशासन और नगरपालिका प्रशासन की टीम नेहरू रोड और बरघाट रोड के अवैध कब्जों को हटा पाती है या फिर मुंह फेरकर बैठ जाती है यह आने वाला समय बताएगा।
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