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किसान फिर चिंतित : दर्जनों गांव में ओलावृष्टि से लहलहाती फसले हुई बर्बाद

किसान फिर चिंतित : दर्जनों गांव में ओलावृष्टि से लहलहाती फसले हुई बर्बाद

जिले के बंडोल, कान्हीवाड़ा और केवलारी क्षेत्र के अनेक ग्रामों में बेर जैसे ओले गिरे 

सिवनी। गोंडवाना समय। खेतों में लहलहा रही फसल गुरूवार को अचानक बिगड़े मौसम के बाद गिरे ओले के कारण खेतों में बिछ गई। फसल बर्बाद होने से किसान फिर निराश हो गए हैं और चिंता में डूब गये है । सिवनी जिले के कान्हीवाड़ा, बंडोल और केवलारी क्षेत्र के दर्जनों गांवों मे ओले गिरने से फसलों को काफी नुकसान हुआ है।
फसलों के अलावा खरीदी केंद्रों में खुले में रखी हजारों क्ंिवटल धान भीग गई। पीड़ित किसान अब तत्काल नुकसानी का सर्वे कराकर मुआवजा देने की मांग कर रहे हैं। मुख्यालय में आधा इंच बारिश दर्ज की गई। वहीं अधिकतम तापमान 25.3 व न्यूनतम 14 डिसे दर्ज किया गया। जिले के केवलारी क्षेत्र के जेवनारा, बेलगांव, पिपरिया, सिरेगांव, कातोली, खुरखुरा, पांडियाछपारा, उमाटोला सहित आधा दर्जन गांवों में गुरूवार दोपहर डेढ़ बजे से तेज बारिश के साथ आधे घंटे ओलावृष्टि हुई। वहीं रूक रूककर देर रात तक बारिश होते रही। बारिश से खेतों में लगी गेहूं, चना, मटर की फसल खेतों में बिछ गई। इसके अलावा सब्जी की फसल को भी खासा नुकसान पहुंचा है।

कान्हीवाड़ा में 15 मिनट ओलावृष्टि तो यहां शाम तक नहीं घुले ओले 

जिले के कान्हीवाड़ा, छतरपुर, जोरावारी, मलाजपुर सहित आधा दर्जन गांवों में गुरूवार दोपहर करीब 15 मिनट तक बेर आकार के ओले गिरे। यहां भी फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ। सड़कों के अलावा खेतों में ओले की परत जम गई। किसानों ने बताया कि इस साल गेहूं और चने की फसल अच्छी हुई थी। अचानक हुई ओलावृष्टि ने किसानों की पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया। वहीं बंडोल क्षेत्र के राहीवाड़ा, कुकलाह, पिपरिया, बांकी, बलारपुर, दिघौरी, कोटिया और मुंगवानी सहित एक दर्जन से ज्यादा गांवों में गुरूवार दोपहर 2 से 3 बजे के बीच करीब दस मिनट बेर आकार के ओले गिरे। इस ओला वृष्टि से मैथी, धनिया, पालक, सेमी, बटाना, गोभी सहित अन्य सब्जियों के अलावा गेहूं, चना की फसल बर्बाद हो गई। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि दोपहर में गिरे ओले देर शाम तक नहीं घुले। इससे फसल पूरी तरह बर्बाद होने की संभावना है। क्षेत्र के किसानों ने प्रशासन से नुकसानी का जल्द से जल्द सर्वे कराकर मुआवजा राशि दिलाए जाने की मांग की है।

पलारी क्षेत्र में हल्की ओलावृष्टि

पलारी क्षेत्र के चंदनवाड़ा, पलारी, खुसीर्पार आदि गांवों में दो से तीन मिनट तक चने आकार के ओले गिरे। हालांकि यहां दिन भर रूक रूककर तेज व रिमझिम बारिश होते रही। मंडी में खुले में रखी हजारों क्ंिवटल धान पानी में भीग गई। इससे किसानों में आक्रोश देखा गया है। कुरई क्षेत्र के बेलपेठ में भी कुछ देर बेर आकार के ओले गिरे। हालांकि इस क्षेत्र के  ज्यादातर किसानों ने गन्न्े की फसल लगाई थी। इसलिए उन्हें ओलावृष्टि से कोई नुकसानी नहीं हुई।

छपारा क्षेत्र में फसलों को लाभ

जिले के छपारा क्षेत्र में दिन भर रूक रूककर बारिश होते रही। ओलावृष्टि नहीं होने और सिर्फ बारिश होने से फसलों को लाभ मिला है। किसानों न बताया कि रूक रूककर हुई बारिश गेहूं, चना की फसलों के लिए लाभदायक है। इस समय फसलों को सिंचाई की जरूरत थी। किसानों का कहना है कि यदि ओलावृष्टि हुई तो फसल बर्बाद हो जाएंगी। इसी तरह लखनादौन में भी रूकरूककर तेज व रिमझिम बारिश का दौर देर शाम तक चलता रहा। यहां बारिश होने के पूर्व ही खरीदी केंद्रों में रखी धान को सुरक्षित रखने के लिए किसानों को तिरपाल आदि दे दी गई थी। इसके कारण यहां धान बारिश के कारण नहीं भीगी।

भीगी धान, किसानों को हो सकता है नुकसान

जिले के 80 धान खरीदी केंद्रों में इस समय धान की बंपर आवक हो रही है। वहीं परिवहन का काम ठप पड़ा हुआ है। परिवहन नहीं होने से केंद्रों में चारों ओर धान के ढेर रखे हुए हैं। गुरूवार को अचानक बिगड़ मौसम के बाद हुई बरिश और ओलावृष्टि से केंद्रों में खुले में रखी हजारों क्ंिवटल धान भीग गई।  जिन किसानों की धान केंद्रों मेंं रखी थी लेकिन अब तक बिक नहीं पाई थी उन्हें खासा नुकसान हो सकता है। बारिश से धान खराब होने और काली पड़ने से केंद्र में धान की क्वालिटी खराब बताकर रिजेक्ट किया जा सकता है। किसान रामसिंह, कुंवरसिंह, रमेश पटले आदि ने बताया है कि धान भीगने से उन्हें खासा नुकसान हो सकता है। वहीं जो धान खरीदी जा चुकी है वह भी भंडारण के पूर्व गीली होने से खराब हो सकती है।

बढ़ी ठिठुरन भरी ठंड

बुधवार शाम हल्की बारिश के बाद गुरूवार को सुबह से आसमान में बदली छाई रही। मुख्यालय में दोपहर 12.30 बजे करीब 5 मिनट तक रिमझिम बारिश हुई। करीब 3 बजे पुन: हल्की बारिश हुई। शाम 4 बजे से 20 मिनट तक जोरदार बारिश के बीच दो मिनट तक चने आकार के ओले गिरे। इसके बाद देर रात तक रूक रूककर रिमझिम बारिश का दौर चलता रहा। मुख्यालय सहित जिले में हुई बारिश और ओलावृष्टि के बाद शीतलहर के कारण फिर से ठिठुरन भरी ठंड बढ़ गई है। बारिश होने से लोग दिन में भी ठंड के कारण ठिठुरते देखे गए। मौसम विभाग के मुताबिक बदली छटने के बाद कड़ाके की ठंड बढ़ सकती है।

इनका कहना

सिवनी तहसील के 25 से 30 गांव में तेज बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से फसलों को क्षति होने की सूचना मिली है। पटवारियों को संबंधित गांव का दौरा करने भेजा गया है। बारिश थमने के बाद ही क्षति का सही आंकलन हो सकेगा।
प्रभात मिश्रा, तहसीलदार सिवनी

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