सड़क से लगा जंगल में साफ हो रहा सागौन
बलारपुर गांव से महज 200 मीटर की दूरी पर सड़क से लगा है सागौन का वन
सिवनी। गोंडवाना समय।
मुख्यालय से महज तकरीबन 20 किलोमीटर दूर बंडोल वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम बलारपुर में सड़क से लगा हुआ निगम का सागौन का जंगल खतरे में हैं। निगम के वन अमले की लापरवाही की वजह से सागौन का जंगल साफ हो रहा है। सड़क के किनारे होने के बावजूद भी लोग वहां से सागौन के पेड़ काटकर ले जा रहे हैं। छोटे-बड़े कई पेड़ों को काटकर ले जा लिया गया है। सागौन के जंगल में दिखाई दे रहे ठूठ खुद ब खुद बयां कर रहे हैं।
आधा सैकड़ा से ज्यादा पेड़ों में दिख रहे ठूंठ-
बलारपुर गांव से मगरकठ की ओर सागौन का जंगल लगा हुआ है। सड़क से महज पांच फिट की दूरी पर है और ज्यादा घना भी नही है इसके बावजूद भी यहां धड़ल्ले से सागौन की कटाई कर लोग ले जा रहे हैं। ऐसा लगता है कि लोगों को खूली छूट दे दी गई है। सागौन के उक्त जंगल में गौर फरमाएं तो आधा सैकड़ा से ज्यादा ठूठ दिखाई दे रहे हैं। कुछ सागौन के पेड़ों को नीचे से काट दिया गया है तो कुछ पेड़ों को ऊपर से काटकर ले जाया गया है।
प्रकरण बना सकते हैं लेकिन कटाई पर झाड़ लेते पल्ला
वनों की सुरक्षा करने की जिम्मेदारी सभी लोगोां की है। खासकर सबसे ज्यादा दायित्व वन विभाग का है क्योकि शासन स्तर से उन्हें उसके लिए हर महीने वेतन भी मिलता है लेकिन वन विभाग वनों की सुरक्षा को लेकर कितने गंभीर है इसका सीधा उदाहरण बलारपुर गांव के पास सड़क से लगा हुआ सागौन का जंगल बयां कर रहा है। हम बतां दे कि यदि पेड़ कहीं से भी काटकर लाया जाएं तो किसी भी रेंज का वन अमला हो या उनकी फ्लाइंग टीम पकड़कर प्रकरण दर्ज कर लेती है तब यह नहीं देखा जाता है कि राजस्व के जंगल की लकड़ी है या निगम के जंगल की। सीधे प्रकरण बना लिया जाता है लेकिन जब पेड़ों की सुरक्षा की बात आती है या कटाई के प्रकरण सामने आते हैं तो वन विभाग की टीम के बहाने सामने आ जाते हैं और कभी राजस्व के जंगल होने का बहाना तो कभी निगम का जंगल बताकर पल्ला झाड़ लिया जा रहा है। बलारपुर गांव के समीप सागौन के काटे गए पेड़ों को लेकर जब बंडोल वन परिक्षेत्र के अधिकारी से बातचीत हुई तो उन्होंने भी इसी तरह से कह दिया कि उनकी रेंज के नहीं बल्कि निगम का जंगल है इसलिए उनकी जवाबदारी है।
कौन है जिम्मेदार-
सरकार के लाखों रुपए खर्च कर बलारपुर गांव के समीप सागौन के पेड़ लगाकर जंगल स्थापित किया गया है लेकिन सुरक्षा व्यवस्था के अभाव में सागौन का जंगल कट रहा है ऐसे में कौन उसका जिम्मेदार है। क्या वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारी उस क्षेत्र के जिम्मेदार बीट गार्ड, नाकेदार,डिप्टी रेंजर,वन परिक्षेत्र अधिकारी की जिम्मेदारी स्थापित कर कार्रवाई करेंगे या फिर उन पर मेहरबानी बनाए रख ऐसे ही सागौन के पेड़ खूलेआम कटने देंगे यह आने वाला समय बताएगा। इस संबंध में बंडोल वन परिक्षेत्र अधिकारी का कहना है कि बलारपुर गांव के समीप सड़क के किनारे जो सागौन का जंगल है वह निगम का है इसलिए उनकी कोई नहीं है।
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