थोक सब्जी मंडी में सवा दो करोङ से ज्यादा खर्च,व्यापारी मुंह फेरकर बैठे
सिवनी मुख्यालय में नागपूर रोड पर वीरान पड़ी थोक सब्जी मंडी अब बर्बादी की कगार पर खड़ी है। शासन प्रशासन 6 वर्ष सब्जी मण्डी के निर्माण होने के बाद भी उसे स्थानांतरित नहीं कर पाया है । सरकार की मंशा पर पानी तो फिर ही रहा है साथ में शासकीय धनराशि भी बर्बाद होती दिखाई दे रही है अब इसके लिये कौन जिम्मेदार व जवाबदार है इससे संबंधित सभी जानबकार जानते है।
सिवनी। गोंडवाना समय। नागपुर रोड पर करोङ रुपये खर्च कर बनाई गई थोक सब्जी मंडी के निर्माण में जहां जबलपुर के ठेकेदार और मंडी बोर्ड के तकनीकी अधिकारियों ने घटिया निर्माण कर पलीता लगा सरकार की धनराशि को बर्बाद करने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाया । वहीं शहर के व्यापारी भी थोक सब्जी मंडी में जाने की वजाय मुंह फेरकर बैठे हुये है। प्रशासन व्यापारियों की मनमानी पर शिकंजा कसकर उन्हें थोक सब्जी मंडी में शिफ्ट नहीं करवा पा रहा है। ऐसे में वीरान पड़ी थोक सब्जी मंडी बर्बादी की कगार पर खड़ी है। व्यापारी अगर थोक मंडी में शिफ्ट नहीं हुए तो सरकार के खर्च हुए करोङ रुपये बर्बाद हो जाएंगे।
2 करोङ 26 लाख 39 हजार रुपये हो चुके खर्च
मंडी बोर्ड कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार थोक सब्जी मंडी वर्ष 2013 में बनकर तैयार हो चुकी है। वहीं व्यापारियों के लिए काम्प्लेक्स लगभग एक साल हो चुके बनकर तैयार है। जानकारी के अनुसार मंडी और काम्प्लेक्स की दुकानों को मिलाकर सरकार का 2 करोङÞ 26 लाख 39 हजार रुपये से ज्यादा खर्च हो चुका है। सबसे खास बात तो यह है कि थोक सब्जी मंडी के निर्माण हुए छह साल बीत गए है लेकिन प्रशासन थोक सब्जी मंडी को शिफ्ट नहीं कर पाया है। प्रशासन की कमजोरी का फायदा उठाकर व्यापारी मनमानी कर रहे हैं और मंडी का निर्माण कार्य लावारिस होने की वजह से खराब हो रहा है।थोक सब्जी मण्डी निर्माण में हुआ व्यय
सीसी रोड पर खर्च 76.77.217बाउंड्रीवाल पर खर्च 21.42 लाख
आफिस निर्माण 10.95लाख
कवर्ड आॅक्सन प्लेट फार्म 53.64 लाख
जल व्यवस्था 5.10 लाख
टॉयलेट 16.16 लाख
काम्प्लेक्स निर्माण 41.76लाख